जापान की राजधानी टोक्यो में खाली घरों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। राजधानी के आसपास के इलाको के घर खाली हो रहे हैं, कारण नौकरी की तलाश में लोग शहरों में बसाना चाह रहे हैं। वही एक आकलन की माने तो जापान में एक करोड़ से ज्यादा घर ऐसे है जो की खाली हैं। ऐसे घरों के मालिक अपनी संपत्ति फ्री में भी देने को तैयार हैं। खाली पड़े घरों को खरीदने के लिए सरकार द्वारा कई योजनाएँ चलाई जा रही है।
कई बैंको ने शुरू भी किया था प्रोजेक्ट
राजधानी के आस – पास के गांवों को पुनः बसाने के लिए बाकायदा कई प्रोजेक्ट भी शुरू किये गये है।1960 के दशक में ओकुतामा की आबादी 13 हजार हुआ करती थी, पर अब यहां महज 5 हजार लोग ही बचे हैं। जापान के खाली पड़े घरों को दोबारा बसाने के लिए 2014 में कई बैंक प्रोजेक्ट भी शुरू किये गये।वही हर इलाके के हिसाब से नियम भी बनाए गए हैं। वही बात की जाये तो ओकुतामा में 100 वर्गमीटर का मकान 6 लाख रुपए में मिल सकता है।
मकानों की गुणवत्ता नहीं थी अच्छी
द्वितीय विश्व युद्ध और 1980 के दशक में आर्थिक विकास के बाद जनसंख्या बढ़ती गई थी। इस दौरान मकानों की भी कमी होने लगी थी। लोगों के लिए बड़ी तादाद में सस्ते मकान बनाए गए थे। जानकारी के अनुसार ऐसे ज्यादातर मकानों की गुणवत्ता अच्छी नहीं थी। नतीजतन 85% लोगों ने दूसरा घर खरीदना ही बेहतर समझा।
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