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बौद्ध सर्किट को विश्व फलक पर लाने की तैयारियां शुरू

unnamed (7)कुशीनगर।  उत्तर प्रदेश के प्रमुख बौद्ध स्थल पर्यटन के लिहाज से बौद्ध देशों में खासे लोकप्रिय हैं। सरकार अब पूरी दुनिया में बौद्ध सर्किट को स्थापित करने की तैयारी में लगी है। केंद्र सरकार की योजना महत्व के बौद्ध स्मारकों व धरोहरों की संपूर्ण वैश्विक समुदाय में ब्राॅडिंग कर पर्यटन को बढ़ावा देने की है। इसके लिए सरकार अतुल्य भारत ब्रांड लाइन को माध्यम बना रही है।

यानी अतुल्य भारत ब्रांड लाइन के माध्यम से विश्व समुदाय बौद्ध स्थलों व धरोहरों की ऐतिहासिकता को एक साथ देख सुन व जान सकेगा। ब्रांडलाइन के लिए कुशीनगर के महापरिनिर्वाण मंदिर में स्थित बुद्ध की पांचवी शदी की शयनमुद्रा वाली प्रतिमा, मंदिर व परिसर के साथ-साथ बुद्ध के संभावित शवदाह स्थल मुकुटबंधन चैत्य व माथाकुंवर मंदिर की शूटिंग की गई है। तीनों ही स्थल बौद्ध देशों के सैलानियों की आस्था के केंद्र है। थाई वास्तु कला में निर्मित थाईवाट, जापान-श्रीलंका मित्रता का प्रतीक जापानी मंदिर, कोरियन टैम्पल, छांता जी जेडी चैत्य की भी ब्रांडिंग के लिए शूटिंग हुई है। फोटोग्राफर दीपक सिंह के नेतृत्व वाली टीम 30 अगस्त तक बौद्ध सर्किट के प्रमुख स्थलों की स्टील व वीडियो शूटिंग का अभियान पूरा करेगी। ब्रांडिग के लिए बुद्ध के ननिहाल कपिलवस्तु, प्रथम उपदेश स्थल सारनाथ समेत बुद्ध से जुड़ें श्रावस्ती व संकिसा आदि बौद्धकालीन स्थल, स्मारक व धरोहर प्रस्तावित किए गए हैं।

उल्लेखनीय है कि अतुल्य भारत ब्रांड लाइन की शुरूआत साल 2002 में हुई थी। शुरूआती दौर में हिमालय, वन्य जीव, योग व आयुर्वेद की ब्रांडिग की गई। साल 2010 से अतुल्य भारत के माध्यम से पर्यटन की भी ब्रांडिग की जाने लगी। संयुक्त पर्यटन निदेशक यूपी पीके सिंह ने बताया कि बौद्ध सर्किट के पर्यटन को बौद्ध देशों के दायरे से निकलकर यूरोपीय व अफ्रीकी देशों में ले जाने की तैयारी है। प्रमुख पर्यटन कारोबारी व लोटस ग्रुप के उप महाप्रबंधक आपरेशन आरएम गुप्ता ने बताया कि अतुल्य भारत ब्राड लाइन में बौद्ध सर्किट को शामिल करना खुशी की बात है। बौद्ध देशों के अलावा यूरोपीय देशों के सैलानियों के सर्किट में आने से कारोबार व विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ेगा।

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