ब्रिटिश संसद में मंगलवार को ब्रेग्जिट बिल धाराशायी हो गया. सांसदों ने बहुमत के साथ इसे नकार दिया. संसद का यह फैसला थेरेसा मे के लिए झटका माना जा रहा है क्योंकि 432 सांसदों ने बिल के विरोध में और 202 ने समर्थन में वोट दिया. थेरेसा मे की कंजर्वेटिव पार्टी के भी कई सांसदों ने बिल का विरोध किया. संसद में यह बिल गिरने के बाद ब्रिटेन सहित दुनिया के कई देशों ने इस पर प्रतिक्रिया जाहिर की है.
यूरोपियन संघ (ईयू) के कई देशों ने ब्रेग्जिट न लागू होने पर चिंता जताई है क्योंकि इससे कई यूरोपीय देशों की अर्थव्यवस्था पर संकट के बादल मंडराने लगेंगे. यूरोपियन कमीशन के अध्यक्ष ज्यां क्लॉड जंकर ने कहा, ‘मैं यूके से आग्रह करता हूं कि जितनी जल्दी हो सके वह अपना पक्ष स्पष्ट करे.’
ईयू के चीफ ब्रेग्जिट निगोशिएटर माइकल बर्नी ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा, ‘ब्रेग्जिट समझौता अच्छा भी है और सबसे मुमकिन डील भी. अगर ऐसा होता है तो पूरे यूरोप में लोगों को ब्रेग्जिट से हुए घाटे की भरपाई हो सकेगी. बिल पारित होने से ब्रिटेन यूरोपीय संघ से आसानी से बाहर हो सकेगा.’ बर्नी ने कहा, ‘हालांकि मंगलवार को संसद में जो कुछ हुआ उससे ब्रिटेन का ब्रेग्जिट से बाहर जाना चुनौतीपूर्ण हो गया है. हम नहीं चाहते दोबारा ऐसा हो, लेकिन यूरोपीय कमीशन ईयू को तैयार रहने के लिए हर मुमकिन सहायता देगा.’
ईयू काउंसिल के अध्यक्ष डोनाल्ड टस्क ने कहा, ‘यदि कोई सौदा असंभव है और कोई भी सौदा नहीं चाहता है, तो आखिरकार यह कहने की हिम्मत नहीं होगी कि एकमात्र सकारात्मक समाधान क्या है?’
गौरतलब है कि ब्रिटेन की संसद ने मंगलवार को ब्रेग्जिट समझौते को नकार दिया. इसके बाद यूरोपीय संघ से देश के अलग होने की योजना पर और अधिक संकट के बादल मंडराने लगे हैं. इससे जुड़ा बिल संसद में गिरने के पहले इस पर पांच दिन लगातार बहस चली थी. उसके बाद वोटिंग कराई गई जिसके पक्ष में 202 वोट पड़े और इसके खिलाफ 432 वोट पड़े.
समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने बताया कि ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे के पास ‘प्लान बी’ भी है जिसे वे अगले 3 दिन में पेश कर सकती हैं. ब्रिटेन के ईयू से अलग होने के लिए 29 मार्च की तारीख तय की गई है. ब्रेग्जिट का बिल गिरने के साथ ही सदन में लेबर पार्टी और नेता प्रतिपक्ष जेरेमी कोर्बिन ने सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया. अविश्वास प्रस्ताव पर बुधवार को हाउस ऑफ कॉमन्स में चर्चा की जाएगी।
संसद में ब्रेग्जिट के खिलाफ वोटिंग के बाद माइकल बर्नी ने कहा कि अब ब्रिटिश सरकार पर निर्भर करता है कि उसे आगे क्या करना है. यूरोपीय संघ एकजुट रहेगा और कोई समाधान ढूंढने की कोशिश हो रही है. आयरलैंड ने कहा है कि वह ब्रेग्जिट डील के खिलाफ अपनी तैयारी तेज करेगा. ऑस्ट्रेलिया ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है. आयरलैंड की ओर से जारी बयान में कहा गया है, ‘अफसोस की बात है कि बीती रात वोटिंग ने ब्रेग्जिट की चुनौतियां बढ़ा दी हैं. ऐसी दशा में सरकार आगे की कार्रवाई की तैयारी में लग गई है.’
जर्मनी ने इसे पूरे यूरोप के लिए काफी दुखद दिन बताया. जर्मनी के वित्त मंत्री और वाइस चांसलर ओलफ शोल्ज ने कहा, ‘जर्मनी के लिए यह काफी कड़वा दिन है. हम सब तैयार हैं, लेकिन ब्रेग्जिट में उथल-पुथल ईयू और ग्रेट ब्रिटेन के लिए अच्छी बात नहीं है.’