“कांग्रेस और विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग की निष्पक्षता और पारदर्शिता पर गंभीर सवाल उठाए हैं। EVM की जगह बैलट पेपर से चुनाव कराने की मांग के साथ कांग्रेस ने जन आंदोलन छेड़ने का ऐलान किया है।”
नई दिल्ली। कांग्रेस और विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए आयोग के रवैये को पक्षपाती बताया है। शुक्रवार को कांग्रेस की वर्किंग कमिटी की मीटिंग में चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता और अखंडता को लेकर देशभर में जन आंदोलन शुरू करने का प्रस्ताव पारित हुआ।
कांग्रेस के साथ शिवसेना (उद्धव गुट) और अन्य विपक्षी दलों ने बार-बार चुनाव आयोग के सामने गड़बड़ियों की शिकायत दर्ज कराई है। विपक्ष का आरोप है कि आयोग उनकी शिकायतों पर कोई ध्यान नहीं देता और निष्पक्षता से कार्रवाई नहीं करता।
चुनाव आयोग और EVM विवाद
विपक्ष का मुख्य आरोप EVM (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) को लेकर है। कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों ने EVM की जगह बैलट पेपर से चुनाव कराने की मांग की है। विपक्ष का दावा है कि EVM प्रणाली में गड़बड़ियों के कारण चुनाव प्रक्रिया पर जनता का भरोसा कम हो रहा है।
कांग्रेस नेता ने कहा, “EVM के जरिए चुनावों में हेरफेर की संभावना को नकारा नहीं जा सकता। बैलट पेपर से चुनाव कराने से पारदर्शिता और जनता का भरोसा बहाल होगा।”
चुनावी गड़बड़ियों पर आंदोलन की तैयारी
कांग्रेस ने हरियाणा चुनाव में भी कई मुद्दों को उठाया था। पार्टी का कहना है कि चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता को लेकर समझौता हो रहा है। इसके विरोध में कांग्रेस ने देशव्यापी आंदोलन छेड़ने का ऐलान किया है।
चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल
- विपक्ष का कहना है कि चुनाव आयोग सत्ता पक्ष के दबाव में काम कर रहा है।
- शिकायतों पर ध्यान नहीं: विपक्ष ने आरोप लगाया कि आयोग विपक्षी दलों की शिकायतों पर कोई कार्रवाई नहीं करता।
- निष्पक्षता का अभाव: आयोग की कार्यशैली पर पारदर्शिता की कमी का आरोप है।
- लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर खतरा: विपक्षी दलों का मानना है कि निष्पक्ष चुनाव लोकतंत्र की नींव है, और आयोग की निष्क्रियता से इस पर असर पड़ रहा है।
क्या कांग्रेस को मिलेगा जवाब?
चुनाव आयोग की निष्पक्षता और पारदर्शिता पर उठे इन सवालों के बीच यह देखना होगा कि आयोग कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के सवालों का जवाब कैसे देता है।
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विशेष संवाददाता – मनोज शुक्ल