Monday , January 6 2025
केंद्रीय बजट में किए गए वादे को निभाते हुए मोदी सरकार ने किसानों को बड़ा तोहफा दिया है। बुधवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में खरीफ की सभी फसलों के न्यूनमत समर्थन मूल्य (एमएसपी) में बंपर इजाफे के प्रस्ताव को मंजूर कर लिया गया है। खबरों के मुताबिक धान की फसल के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य में 200 रुपये प्रति क्विटल का इजाफा किया गया है। फिलहाल धान की फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1550 रुपये प्रति क्विंटल है। बजट 2018 पेश करते हुए मोदी सरकार ने किसानों को उनकी फसल की लागत से डेढ़ गुना ज्यादा न्यूनतम समर्थन मूल्य देने का वादा किया था। मोटे अनाज मसलन ज्वार, बाजरा और रागी के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 900 रुपये प्रति क्विंटल तक की वृद्धि की गई है। वहीं दालों में मूंग की एमएसपी में प्रति क्विंटल 300 रुपये का इजाफा किया गया है। जबकि तुअर दाल की एमएसपी में प्रति क्विंटल 225 रुपये की बढ़ोतरी की गई है। राज्यों के साथ मिलकर एमएसपी पर उपज की खरीद सुनिश्चित करेगी सरकार यह भी पढ़ें आम तौर पर एमएसपी की घोषणा बुआई से पहले की जाती है ताकि किसानों को मनमुताबि फसलों की खेती करने का विकल्प मिल सके। खरीफ फसलों की बुआई देश में दक्षिण पश्चिम मानसून की शुरुआत के साथ होती है। 2019 के बेहद अहम माने जाने वाले आम चुनाव को देखते हुए मोदी सरकार का यह फैसला काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। मोदी सरकार ने यह फैसला वैसे समय में लिया है, जब देश भर में उसे किसानों के असंतोष का सामना करना पड़ा है। गौरतलब है कि मध्यप्रदेश के मंदसौर में किसानों के आंदोलन के दौरान पुलिस की गोलीबारी में किसानों को अपनी जान तक गंवानी पड़ी थी। रबी फसलों के समर्थन मूल्य का एलान यह भी पढ़ें गौरतलब है कि प्रधानमंत्री ने पिछले सप्ताह ही गन्ना किसानों से मुलाकात में इस हफ्ते की कैबिनेट में एमएसपी की घोषणा करने की बात कही थी। सूत्रों के मुताबिक एमएसपी का निर्धारण ए-2एफएल के फॉर्मूले पर किया गया है। फसल की लागत का आकलन के बाद उसमें 50 फीसद लाभ मार्जिन जोड़ा जाएगा। समर्थन मूल्य में होने वाली वृद्धि के बाद के प्रभावों का आकलन करने के लिए यह बैठक बुलाई गई थी।

मोदी सरकार ने पूरा किया वादा, न्यूनतम समर्थन मूल्य में बंपर इजाफा

केंद्रीय बजट में किए गए वादे को निभाते हुए मोदी सरकार ने किसानों को बड़ा तोहफा दिया है। बुधवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में खरीफ की सभी फसलों के न्यूनमत समर्थन मूल्य (एमएसपी) में बंपर इजाफे के प्रस्ताव को मंजूर कर लिया गया है।केंद्रीय बजट में किए गए वादे को निभाते हुए मोदी सरकार ने किसानों को बड़ा तोहफा दिया है। बुधवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में खरीफ की सभी फसलों के न्यूनमत समर्थन मूल्य (एमएसपी) में बंपर इजाफे के प्रस्ताव को मंजूर कर लिया गया है।   खबरों के मुताबिक धान की फसल के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य में 200 रुपये प्रति क्विटल का इजाफा किया गया है। फिलहाल धान की फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1550 रुपये प्रति क्विंटल है। बजट 2018 पेश करते हुए मोदी सरकार ने किसानों को उनकी फसल की लागत से डेढ़ गुना ज्यादा न्यूनतम समर्थन मूल्य देने का वादा किया था।  मोटे अनाज मसलन ज्वार, बाजरा और रागी के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 900 रुपये प्रति क्विंटल तक की वृद्धि की गई है। वहीं दालों में मूंग की एमएसपी में प्रति क्विंटल 300 रुपये का इजाफा किया गया है। जबकि तुअर दाल की एमएसपी में प्रति क्विंटल 225 रुपये की बढ़ोतरी की गई है।   राज्यों के साथ मिलकर एमएसपी पर उपज की खरीद सुनिश्चित करेगी सरकार यह भी पढ़ें आम तौर पर एमएसपी की घोषणा बुआई से पहले की जाती है ताकि किसानों को मनमुताबि फसलों की खेती करने का विकल्प मिल सके। खरीफ फसलों की बुआई देश में दक्षिण पश्चिम मानसून की शुरुआत के साथ होती है।  2019 के बेहद अहम माने जाने वाले आम चुनाव को देखते हुए मोदी सरकार का यह फैसला काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। मोदी सरकार ने यह फैसला वैसे समय में लिया है, जब देश भर में उसे किसानों के असंतोष का सामना करना पड़ा है। गौरतलब है कि मध्यप्रदेश के मंदसौर में किसानों के आंदोलन के दौरान पुलिस की गोलीबारी में किसानों को अपनी जान तक गंवानी पड़ी थी।   रबी फसलों के समर्थन मूल्य का एलान यह भी पढ़ें गौरतलब है कि प्रधानमंत्री ने पिछले सप्ताह ही गन्ना किसानों से मुलाकात में इस हफ्ते की कैबिनेट में एमएसपी की घोषणा करने की बात कही थी। सूत्रों के मुताबिक एमएसपी का निर्धारण ए-2एफएल के फॉर्मूले पर किया गया है। फसल की लागत का आकलन के बाद उसमें 50 फीसद लाभ मार्जिन जोड़ा जाएगा। समर्थन मूल्य में होने वाली वृद्धि के बाद के प्रभावों का आकलन करने के लिए यह बैठक बुलाई गई थी।

खबरों के मुताबिक धान की फसल के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य में 200 रुपये प्रति क्विटल का इजाफा किया गया है। फिलहाल धान की फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1550 रुपये प्रति क्विंटल है। बजट 2018 पेश करते हुए मोदी सरकार ने किसानों को उनकी फसल की लागत से डेढ़ गुना ज्यादा न्यूनतम समर्थन मूल्य देने का वादा किया था।

मोटे अनाज मसलन ज्वार, बाजरा और रागी के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 900 रुपये प्रति क्विंटल तक की वृद्धि की गई है। वहीं दालों में मूंग की एमएसपी में प्रति क्विंटल 300 रुपये का इजाफा किया गया है। जबकि तुअर दाल की एमएसपी में प्रति क्विंटल 225 रुपये की बढ़ोतरी की गई है।

आम तौर पर एमएसपी की घोषणा बुआई से पहले की जाती है ताकि किसानों को मनमुताबि फसलों की खेती करने का विकल्प मिल सके। खरीफ फसलों की बुआई देश में दक्षिण पश्चिम मानसून की शुरुआत के साथ होती है।

2019 के बेहद अहम माने जाने वाले आम चुनाव को देखते हुए मोदी सरकार का यह फैसला काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। मोदी सरकार ने यह फैसला वैसे समय में लिया है, जब देश भर में उसे किसानों के असंतोष का सामना करना पड़ा है। गौरतलब है कि मध्यप्रदेश के मंदसौर में किसानों के आंदोलन के दौरान पुलिस की गोलीबारी में किसानों को अपनी जान तक गंवानी पड़ी थी।

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री ने पिछले सप्ताह ही गन्ना किसानों से मुलाकात में इस हफ्ते की कैबिनेट में एमएसपी की घोषणा करने की बात कही थी। सूत्रों के मुताबिक एमएसपी का निर्धारण ए-2एफएल के फॉर्मूले पर किया गया है। फसल की लागत का आकलन के बाद उसमें 50 फीसद लाभ मार्जिन जोड़ा जाएगा। समर्थन मूल्य में होने वाली वृद्धि के बाद के प्रभावों का आकलन करने के लिए यह बैठक बुलाई गई थी।

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