लखनऊ, 21 अप्रैल। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली उत्तर प्रदेश सरकार अब अयोध्या प्रवेश द्वार पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने जा रही है। सनातन संस्कृति और प्रभु श्रीराम की जन्मभूमि अयोध्या में पर्यटकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए छह प्रमुख प्रवेश द्वारों — श्रीराम, लक्ष्मण, भरत, हनुमान, गरुण और जटायु द्वार — को गेट कॉम्प्लेक्स के रूप में विकसित किया जाएगा।
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इन गेट कॉम्प्लेक्स के आसपास पर्यटक सुविधा केंद्र, बजट होटल, यात्री निवास, पर्यटक केंद्र और पर्यटन कार्यालय की स्थापना की जाएगी। साथ ही, आर्ट एंड क्राफ्ट गैलरी, फूड कोर्ट, कैफेटेरिया, रेस्तरां, एंफिथिएटर, मल्टीलेवल पार्किंग, हरित क्षेत्र और ईवी चार्जिंग स्टेशन जैसी आधुनिक सुविधाएं भी इन केंद्रों में मौजूद होंगी।
इस परियोजना का उद्देश्य अयोध्या आने वाले लाखों श्रद्धालु और पर्यटकों को विश्वस्तरीय अनुभव प्रदान करना है। उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग ने इसके लिए विस्तृत मास्टरप्लान तैयार कर लिया है, जिसके अनुसार निर्माण और विकास कार्यों को तेज़ी से अमलीजामा पहनाया जाएगा।
जटायु द्वार बनेगा सबसे बड़ा पर्यटक सुविधा केंद्र
पर्यटन विभाग के अनुसार, जटायु द्वार पर बनने वाला पर्यटक सुविधा केंद्र सबसे बड़ा होगा, जिसका विस्तार 5.76 हेक्टेयर में होगा। यह केंद्र अम्बेडकर नगर रोड पर स्थित होगा।
अन्य द्वारों पर प्रस्तावित विकास क्षेत्र इस प्रकार हैं:
- श्रीराम द्वार (लखनऊ रोड): 4.91 हेक्टेयर
- लक्ष्मण द्वार (गोंडा रोड): 4.5 हेक्टेयर
- भरत द्वार (सुल्तानपुर रोड): 2.04 हेक्टेयर
- हनुमान द्वार (गोरखपुर रोड): 3.59 हेक्टेयर
- गरुण द्वार (रायबरेली रोड): 4.98 हेक्टेयर
बजट होटल से लेकर एमएलसीपी तक होंगी सभी सुविधाएं
इस योजना के अंतर्गत सभी छह प्रवेश द्वारों के समीप 3 स्टार, 2 स्टार व बजट होटल, यात्री निवास, आधुनिक टॉयलेट ब्लॉक्स, डब्ल्यूएसटीपी और एसटीपी, पेट्रोल और सीएनजी पंप, बाउंड्री वॉल, ओपन पवेलियन और फूड कोर्ट जैसे निर्माण कार्य पूरे किए जाएंगे।
अयोध्या प्रवेश द्वार पर्यटन केंद्र के जरिए सरकार का उद्देश्य न केवल पर्यटन को बढ़ावा देना है, बल्कि स्थानीय रोजगार, सांस्कृतिक संरक्षण और पर्यावरणीय दृष्टिकोण से संतुलित विकास सुनिश्चित करना भी है।