लखनऊ। अब आयुष चिकित्सकों के पंजीकरण की प्रक्रिया सरल होगी। अभी तक आयुष चिकित्सकों को अपने संस्थान का पंजीकरण कराने के लिए मुख्य चिकित्साधिकारी के यहां चक्कर लगाना पड़ता था। अब आयुर्वेद एवं यूनानी चिकित्सकों का पंजीकरण क्षेत्रीय आयुर्वेद निदेशालय में होगा। इसी तरह होम्योपैथिक चिकित्सकों का पंजीकरण जिला होम्योपैथिक चिकित्सा अधिकारी के कार्यालय में होगा।
इससे जहां पंजीकरण की प्रक्रिया आसान होगी वहीं आयुष चिकित्सकों को इस दौरान होने वाली दिक्कतों से भी निजात मिलेगी।
इसके अलावा होम्योपैथिक एवं आयुर्वेद की दवा दुकानों का भी पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा। राजधानी लखनऊ की बात करें तो पूरे जिले में लगभग 1500 होम्योपैथ की क्लीनिक हैं। इनमें से आधे से कम क्लीनिकों का ही सीएमओ के यहां रजिस्ट्रेशन है। इसी तरह होम्योपैथ के मेडिकल स्टोर का भी जिला होम्योपैथ चिकित्साधिकारी के यहां पंजीकरण कराना होगा।
लखनऊ के जिला होम्योपैथिक चिकित्साधिकारी डा. हरिश्चन्द्र यादव ने हिन्दुस्थान समाचार को बताया कि इससे होम्योपैथ चिकित्सकों को पंजीकरण प्रक्रिया पूरी कराने में आसानी होगी। सीएमओ के यहां पंजीकरण होने से कार्य की अधिकता के कारण समय अधिक लगता था। केन्द्रीय होम्योपैथी परिषद के सदस्य व प्रसिद्ध होम्योपैथ चिकित्सक डा. अनिरूद्ध वर्मा ने बताया कि होम्योपैथ रोग का नहीं बल्कि रोगी का इलाज करती है। जबकि एलोपैथ में रोगी का नहीं बल्कि रोग का इलाज होता है। उन्होंने कहा कि होम्योपैथ एलोपैथ की अपेक्षा काफी सस्ती चिकित्सा पद्धति है इसलिए सरकार को एलोपैथ के साथ-साथ होम्योपैथ को भी बढ़ावा देना चाहिए।