उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पर्यटन को जन उद्योग बनाने के लिए कई पहलें शुरू की हैं। प्रदेश में भगवान राम, कृष्ण, और अन्य ऐतिहासिक स्थलों से समृद्ध पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं, जो स्थानीय लोगों को भी आर्थिक लाभ प्रदान कर रही हैं।
उत्तर प्रदेश, जो विविधताओं और ऐतिहासिक धरोहरों से भरा हुआ है, में पर्यटन क्षेत्र की अपार संभावनाएं हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पर्यटन को जन उद्योग बनाने के लिए कदम उठाए हैं, ताकि स्थानीय लोग इन अवसरों से अधिकतम लाभ उठा सकें।
उत्तर प्रदेश में अयोध्या, मथुरा, वृंदावन, आगरा, काशी, प्रयागराज, और बुंदेलखंड जैसे महत्वपूर्ण धार्मिक और ऐतिहासिक स्थल हैं, जो न केवल धार्मिक श्रद्धालुओं के लिए, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं।
सीएम योगी ने इस दिशा में स्थानीय लोगों को ‘अतिथि देवो भव’ की परंपरा का पालन करने की अपील की है। उनका मानना है कि जब स्थानीय लोग पर्यटकों से अच्छा व्यवहार करेंगे, तो पर्यटक बार-बार उस जगह पर आएंगे और स्थानीय अर्थव्यवस्था को फायदा होगा।
उत्तर प्रदेश में पर्यटन के बढ़ते आंकड़े दर्शाते हैं कि सरकार की नीतियां और प्रयास सफल हो रहे हैं। 2016 में अयोध्या में औसतन 2.83 लाख पर्यटक आते थे, वहीं राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद 2024 के अंत तक यह संख्या 16 करोड़ तक पहुँचने की उम्मीद है। इसी प्रकार, वाराणसी में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर बनने के बाद पर्यटकों की संख्या में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह भी कहा कि पर्यटन क्षेत्र में निवेश स्थायी और दीर्घकालिक रिटर्न की गारंटी प्रदान करता है। इस निवेश से न केवल प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलती है, बल्कि स्थानीय लोगों के जीवन स्तर में भी सुधार होता है।
इसका उदाहरण अयोध्या और वाराणसी जैसे स्थानों से मिलता है, जहां होटल, होम स्टे और स्थानीय उत्पादों की बिक्री बढ़ी है, जिससे लाखों लोग अब बेहतर आर्थिक स्थिति में हैं।
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