“केंद्र सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का स्मारक बनाने का फैसला किया है। दिल्ली स्थित राष्ट्रीय स्मृति स्थल पर इसे बनाया जाएगा। बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने पीएम मोदी को इस पहल के लिए धन्यवाद दिया।”
नई दिल्ली। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के निधन के चार साल बाद, केंद्र सरकार ने दिल्ली में उनका स्मारक बनाने का निर्णय लिया है। यह स्मारक राष्ट्रीय स्मृति स्थल में स्थित होगा, जहां अन्य प्रमुख नेताओं की स्मृतियां संरक्षित हैं।
केंद्र सरकार ने इस निर्णय की जानकारी प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी को पत्र के माध्यम से दी। शर्मिष्ठा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर इस पहल के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा,
“बाबा हमेशा कहते थे कि राजकीय सम्मान मांगने की चीज नहीं है। यह हमेशा दिया जाना चाहिए। पीएम मोदी ने बाबा की यादों को सम्मान देने के लिए सोचा, जिससे मुझे शब्दों में बयान न कर पाने वाली खुशी मिली है।”
राष्ट्रीय स्मृति स्थल की खासियत
दिल्ली में यमुना नदी के पास स्थित राष्ट्रीय स्मृति स्थल उन स्थानों में से है जहां राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और उप-प्रधानमंत्री जैसे राष्ट्रीय नेताओं का अंतिम संस्कार किया जाता है। इसे 2015 में तैयार किया गया था और यहां कई प्रमुख नेताओं की समाधियां मौजूद हैं, जैसे:
पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी का स्मारक ‘सदैव अटल’।
पूर्व पीएम आईके गुजराल और नरसिम्हा राव की समाधियां।
इस स्थल का निर्माण इसलिए किया गया क्योंकि अलग-अलग समाधियों ने दिल्ली में 245 एकड़ भूमि घेर रखी थी। 2013 में इसे एकीकृत करने का निर्णय लिया गया।
शर्मिष्ठा की प्रतिक्रिया
शर्मिष्ठा मुखर्जी ने प्रधानमंत्री से मुलाकात की तस्वीरें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर साझा कीं। उन्होंने लिखा:
“यह पहल मेरे बाबा की विरासत को सम्मानित करती है। मुझे इसकी बिल्कुल उम्मीद नहीं थी।”
प्रणब मुखर्जी का योगदान
प्रणब मुखर्जी, जो 2012 से 2017 तक भारत के राष्ट्रपति रहे, भारतीय राजनीति में एक अनुभवी और प्रखर व्यक्तित्व थे। उनका निधन 31 अगस्त 2020 को हुआ। उनके कार्यकाल में उन्होंने न केवल राष्ट्रपति पद की गरिमा को बढ़ाया, बल्कि देश के विकास में भी उल्लेखनीय योगदान दिया।
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विशेष संवाददाता – मनोज शुक्ल