“महाकुंभ 2025 में प्रयागराज के संगम तट पर 7 लाख कल्पवासियों के लिए योगी सरकार ने स्वच्छता और शीत लहर से बचाव की विशेष योजनाएं बनाई हैं। पौष पूर्णिमा से शुरू होने वाले इस धार्मिक आयोजन में स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता दी गई है।”
प्रयागराज : महाकुंभ 2025 में संगम तट पर आस्था, तप, और साधना की त्रिवेणी प्रवाहित होगी। इस भव्य आयोजन में 7 लाख से अधिक कल्पवासी पौष पूर्णिमा से आरंभ होकर एक महीने तक गंगा और यमुना के किनारे अपने शिविरों में साधना करेंगे। योगी सरकार ने कल्पवासियों के लिए विशेष इंतजाम किए हैं, जिनमें स्वच्छता, शीत लहर से बचाव, और गंगा तट के निकट शिविर स्थापित करने को प्राथमिकता दी गई है।
कल्पवासियों के लिए विशेष व्यवस्थाएं
1. गंगा के तट पर 7 लाख कल्पवासियों के शिविर:
अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट (महाकुंभ) विवेक चतुर्वेदी के अनुसार, मेला क्षेत्र में लगभग 900 बीघा भूमि पर कल्पवासियों के शिविर लगाए गए हैं। गंगा के तट पर शिविरों की स्थापना से उन्हें सुबह गंगा स्नान के लिए लंबी दूरी तय नहीं करनी होगी।
2. स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण:
- हर शिविर में कलर कोडेड डस्टबिन: सूखे और गीले कचरे के लिए अलग-अलग।
- सिंगल-यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध: शिविरों के बाहर जागरूकता पोस्टर लगाए जाएंगे।
- गंगा तटों पर स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए विशेष प्रयास।
3. शीत लहर से बचाव के उपाय:
- शिविरों के बाहर अलाव की व्यवस्था, विशेष रूप से बुजुर्ग कल्पवासियों के लिए।
- प्रशासन ने ठंड से सुरक्षा के लिए कई अन्य उपाय भी किए हैं।
4. अद्भुत आस्था और साधना का संगम:
महाकुंभ अध्यात्म, संस्कृति, और भक्ति का सबसे बड़ा मंच है। यहां आने वाले कल्पवासी गंगा-यमुना के संगम पर अपनी साधना और संयम के साथ वातावरण को पवित्र बनाते हैं।
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विशेष संवाददाता – मनोज शुक्ल