लखनऊ। यश भारती सम्मान समारोह को हुए अभी पांच माह भी नहीं बीते थे कि सरकार ने इस पुरस्कार के लिए दुबारा नामों की चयन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। विवादों में घिरे यश भारती पुरस्कार का मामला अभी सुलझा भी नहीं था कि नये नामों के लिए सरकार ने शासनादेश जारी कर दिया। सरकार की ओर से महानुभावों के नामों के लिए 30 सितम्बर की तारीख तय कर दी गई है। जल्दी बाजी का आलम यह है कि आनन फानन में नामों के चयन के लिए कमेटी तक गठित कर दी है। वर्ष 2016-17 के यश भारती सम्मान से सम्मानित किए जाने के लिए सरकार ने सभी मण्डलायुक्त, जिलाधिकारी सहित 11 संस्थाओं को यश भारती सम्मान के नामों के चयन के लिए आदेश जारी कर दिया है।
प्रदेश सरकार की ओर से प्रत्येक वर्ष संगीत, साहित्य, क्रीड़ा, ललित कलाएं तथा अन्य क्षेत्रों में विशेष प्रतिभावान विशिष्ट महानुभावों को यश भारती सम्मान से नवाजा जाता है। यश भारती सम्मान के अन्र्तगत चयनित होने वाले महानुभावों को 11 लाख रुपये की धनराशि, अंग वस्त्र एवं प्रशस्ति पत्र भेंट स्वरूप प्रदान किया जाता है।
वर्ष 2016- 17 यश भारती पुरस्कार बांटे जाने को लेकर कला संस्कृति की गलियारों में चर्चा जोरों पर है। सांस्कृतिक गतिविधियों से जुड़े लोगों का कहना है कि सम्भवत: यह पुरस्कार विधान सभा चुनाव से पहले बांटा जा सकता है।
बता दें कि बीते 21 मार्च को डा. राम मनोहर लोहिया विश्वविद्यालय में बने डा. भीमराव अम्बेडकर प्रेक्षागृह में 46 लोगों को वर्ष 2015-16 के यश भारती सम्मान से नवाजा गया था।
इन संस्थाओं को करना नामों का चयन-
शासन ने वर्ष 2016-17 यश भारती सम्मान के लिए भातखण्डे संगीत संस्थान सम विश्वविद्यालय, उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी, उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र, इलाहाबाद, भारतीय सांस्कृतिक सम्बंध परिषद लखनऊ, राज्य पुरातत्व निदेशालय, उ.प्र. राज्य संग्रहालय निदेशालय, राज्य ललित कला अकादमी, कथक केन्द्र, भारतेन्दु नाट्य अकादमी, आकाशवाणी और दूरदर्शन को पात्र नामों को चयनित करने के लिए नामित किया है।