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भारत की अर्थव्यवस्था के लिए रुपया बुरी खबर लेकर आया है. डॉलर के मुकाबले रुपया 49 पैसे लुढ़ककर अब तक के सबसे निचले स्तर 69.10 रुपये पर आ गया है. रुपये में आई गिरावट से शेयर बाजार हलकान है. आज शुरुआती कारोबार में बंबई शेयर बाजार का इंडेक्स सेंसेक्स 90 अंक यानी 0.25 प्रतिशत गिरकर 35,126.85 अंक पर आ गया. वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी शुरुआती दौर में 31.30 अंक यानी 0.29 प्रतिशत गिरकर 10,640.10 अंक पर आ गया. ब्रोकरों ने कहा कि कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों के बीच रुपये की गिरावट ने बाजार धारणा को प्रभावित किया. इसके अलावा, अमेरिका और चीन के बीच जारी ट्रेड वार का असर भी बाजार पर दिखा. कांग्रेस बोली- मोदी की उम्र को पार कर चुका है रुपया डॉलर के मुकाबले रुपये में आई ऐतिहासिक कमी पर कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पुराने बयानों की याद दिलाई है. कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि एक डॉलर के मुकाबले रुपया 68 पर पहुंचकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उम्र को पार कर चुका है. क्या आप वादा अनुसार एक डॉलर के मुकाबले रुपया को 45 रुपये पर लाएंगे? Randeep Singh Surjewala ✔ @rssurjewala Dear Modiji, You mocked Dr. Manmohan Singh comparing his age to the value of depreciating ₹, which never really fructified. Now, ₹ is at a historic low of ₹68.61 to 1$, surpassing your age. When will it be restored to ₹45 to 1$ as you promised?https://www.google.co.in/amp/s/indianexpress.com/article/news-archive/web/rupee-falls-to-record-low-beyond-52-dollar/lite/ … 8:16 AM - Jun 28, 2018 Rupee falls to record low beyond 52/dollar The Indian rupee fell beyond 52 per dollar to a new record low in afternoon trading on Tuesday. indianexpress.com 1,245 738 people are talking about this Twitter Ads info and privacy दरअसल, सत्ता में आने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रुपयों की गिरावट को लेकर मनमोहन सिंह पर निशाना साधा था. उन्होंने तंज भरे लहजे में कहा था कि जिस तरह रुपया कमजोर हो रहा है लगता है, डॉलर मनमोहन सिंह की उम्र को पार कर जाएगा. मोदी ने कहा था, ''रुपये की कीमत जिस तेजी से गिर रही है. कभी-कभी तो लगता है कि दिल्ली सरकार और रुपये की बीच में प्रतिस्पर्धा चल रहा है. किसकी आबरू तेजी से गिरती जा रही है इसका प्रतिस्पर्धा चल रहा है. देश जब आजाद हुआ तब एक डॉलर एक रुपये के बराबर था. अर्थशास्त्री प्रधानमंत्री की दौर में 60 रुपये पर पहुंच गया.'' अब चार साल बाद एक बार फिर डॉलर के मुकाबले रुपये में भारी गिरावट देखी जा रही है. अब कांग्रेस विपक्ष में है और मोदी सत्ता में हैं. अब सबसे बड़ी गरीब आबादी वाला देश नहीं रहा भारत: रिपोर्ट क्या रहा रुपया का हाल? अंतर बैंकिंग मुद्रा बाजार (फॉरेक्स मार्केट) में रुपया आज डॉलर के मुकाबले 68.87 रुपये प्रति डॉलर पर खुला और शुरुआती कारोबार में 49 पैसे गिरकर 69.10 रुपये प्रति डॉलर पर आ गया. रुपया कल के कारोबारी दिन में डॉलर के मुकाबले गिरकर 68.61 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ था. फॉरेक्स कारोबारियों ने कहा कि कच्चे तेल की कीमतों में उछाल और रुपये में गिरावट से भारत दोहरी मार झेल रहा है. अमेरिका ने कल भारत, चीन सहित सभी सहयोगी देशों से ईरान से कच्चे तेल का आयात चार नवंबर तक बंद करने को कहा था, जिसके बाद कच्चे तेल की कीमतों में उछाल आया. इसके अलावा लीबिया और कनाडा में आपूर्ति संबंधी दिक्कतों से भी कीमतों पर दबाव रहा.

मोदी सरकार के दौर में डॉलर के मुकाबले रुपया इतिहास के सबसे निचले स्तर पर पहुंचा

भारत की अर्थव्यवस्था के लिए रुपया बुरी खबर लेकर आया है. डॉलर के मुकाबले रुपया 49 पैसे लुढ़ककर अब तक के सबसे निचले स्तर 69.10 रुपये पर आ गया है. रुपये में आई गिरावट से शेयर बाजार हलकान है. आज शुरुआती कारोबार में बंबई शेयर बाजार का इंडेक्स सेंसेक्स 90 अंक यानी 0.25 प्रतिशत गिरकर 35,126.85 अंक पर आ गया. वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी शुरुआती दौर में 31.30 अंक यानी 0.29 प्रतिशत गिरकर 10,640.10 अंक पर आ गया.भारत की अर्थव्यवस्था के लिए रुपया बुरी खबर लेकर आया है. डॉलर के मुकाबले रुपया 49 पैसे लुढ़ककर अब तक के सबसे निचले स्तर 69.10 रुपये पर आ गया है. रुपये में आई गिरावट से शेयर बाजार हलकान है. आज शुरुआती कारोबार में बंबई शेयर बाजार का इंडेक्स सेंसेक्स 90 अंक यानी 0.25 प्रतिशत गिरकर 35,126.85 अंक पर आ गया. वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी शुरुआती दौर में 31.30 अंक यानी 0.29 प्रतिशत गिरकर 10,640.10 अंक पर आ गया.   ब्रोकरों ने कहा कि कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों के बीच रुपये की गिरावट ने बाजार धारणा को प्रभावित किया. इसके अलावा, अमेरिका और चीन के बीच जारी ट्रेड वार का असर भी बाजार पर दिखा.   कांग्रेस बोली- मोदी की उम्र को पार कर चुका है रुपया डॉलर के मुकाबले रुपये में आई ऐतिहासिक कमी पर कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पुराने बयानों की याद दिलाई है. कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि एक डॉलर के मुकाबले रुपया 68 पर पहुंचकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उम्र को पार कर चुका है. क्या आप वादा अनुसार एक डॉलर के मुकाबले रुपया को 45 रुपये पर लाएंगे?     Randeep Singh Surjewala ✔ @rssurjewala  Dear Modiji,  You mocked Dr. Manmohan Singh comparing his age to the value of depreciating ₹, which never really fructified.  Now, ₹ is at a historic low of ₹68.61 to 1$, surpassing your age.  When will it be restored to ₹45 to 1$ as you promised?https://www.google.co.in/amp/s/indianexpress.com/article/news-archive/web/rupee-falls-to-record-low-beyond-52-dollar/lite/ …  8:16 AM - Jun 28, 2018  Rupee falls to record low beyond 52/dollar The Indian rupee fell beyond 52 per dollar to a new record low in afternoon trading on Tuesday.  indianexpress.com 1,245 738 people are talking about this Twitter Ads info and privacy   दरअसल, सत्ता में आने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रुपयों की गिरावट को लेकर मनमोहन सिंह पर निशाना साधा था. उन्होंने तंज भरे लहजे में कहा था कि जिस तरह रुपया कमजोर हो रहा है लगता है, डॉलर मनमोहन सिंह की उम्र को पार कर जाएगा.   मोदी ने कहा था, ''रुपये की कीमत जिस तेजी से गिर रही है. कभी-कभी तो लगता है कि दिल्ली सरकार और रुपये की बीच में प्रतिस्पर्धा चल रहा है. किसकी आबरू तेजी से गिरती जा रही है इसका प्रतिस्पर्धा चल रहा है. देश जब आजाद हुआ तब एक डॉलर एक रुपये के बराबर था. अर्थशास्त्री प्रधानमंत्री की दौर में 60 रुपये पर पहुंच गया.''  अब चार साल बाद एक बार फिर डॉलर के मुकाबले रुपये में भारी गिरावट देखी जा रही है. अब कांग्रेस विपक्ष में है और मोदी सत्ता में हैं.   अब सबसे बड़ी गरीब आबादी वाला देश नहीं रहा भारत: रिपोर्ट   क्या रहा रुपया का हाल? अंतर बैंकिंग मुद्रा बाजार (फॉरेक्स मार्केट) में रुपया आज डॉलर के मुकाबले 68.87 रुपये प्रति डॉलर पर खुला और शुरुआती कारोबार में 49 पैसे गिरकर 69.10 रुपये प्रति डॉलर पर आ गया. रुपया कल के कारोबारी दिन में डॉलर के मुकाबले गिरकर 68.61 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ था. फॉरेक्स कारोबारियों ने कहा कि कच्चे तेल की कीमतों में उछाल और रुपये में गिरावट से भारत दोहरी मार झेल रहा है.   अमेरिका ने कल भारत, चीन सहित सभी सहयोगी देशों से ईरान से कच्चे तेल का आयात चार नवंबर तक बंद करने को कहा था, जिसके बाद कच्चे तेल की कीमतों में उछाल आया. इसके अलावा लीबिया और कनाडा में आपूर्ति संबंधी दिक्कतों से भी कीमतों पर दबाव रहा.

ब्रोकरों ने कहा कि कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों के बीच रुपये की गिरावट ने बाजार धारणा को प्रभावित किया. इसके अलावा, अमेरिका और चीन के बीच जारी ट्रेड वार का असर भी बाजार पर दिखा.

कांग्रेस बोली- मोदी की उम्र को पार कर चुका है रुपया
डॉलर के मुकाबले रुपये में आई ऐतिहासिक कमी पर कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पुराने बयानों की याद दिलाई है. कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि एक डॉलर के मुकाबले रुपया 68 पर पहुंचकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उम्र को पार कर चुका है. क्या आप वादा अनुसार एक डॉलर के मुकाबले रुपया को 45 रुपये पर लाएंगे?

दरअसल, सत्ता में आने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रुपयों की गिरावट को लेकर मनमोहन सिंह पर निशाना साधा था. उन्होंने तंज भरे लहजे में कहा था कि जिस तरह रुपया कमजोर हो रहा है लगता है, डॉलर मनमोहन सिंह की उम्र को पार कर जाएगा.

मोदी ने कहा था, ”रुपये की कीमत जिस तेजी से गिर रही है. कभी-कभी तो लगता है कि दिल्ली सरकार और रुपये की बीच में प्रतिस्पर्धा चल रहा है. किसकी आबरू तेजी से गिरती जा रही है इसका प्रतिस्पर्धा चल रहा है. देश जब आजाद हुआ तब एक डॉलर एक रुपये के बराबर था. अर्थशास्त्री प्रधानमंत्री की दौर में 60 रुपये पर पहुंच गया.”  अब चार साल बाद एक बार फिर डॉलर के मुकाबले रुपये में भारी गिरावट देखी जा रही है. अब कांग्रेस विपक्ष में है और मोदी सत्ता में हैं.

क्या रहा रुपया का हाल?
अंतर बैंकिंग मुद्रा बाजार (फॉरेक्स मार्केट) में रुपया आज डॉलर के मुकाबले 68.87 रुपये प्रति डॉलर पर खुला और शुरुआती कारोबार में 49 पैसे गिरकर 69.10 रुपये प्रति डॉलर पर आ गया. रुपया कल के कारोबारी दिन में डॉलर के मुकाबले गिरकर 68.61 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ था. फॉरेक्स कारोबारियों ने कहा कि कच्चे तेल की कीमतों में उछाल और रुपये में गिरावट से भारत दोहरी मार झेल रहा है.

अमेरिका ने कल भारत, चीन सहित सभी सहयोगी देशों से ईरान से कच्चे तेल का आयात चार नवंबर तक बंद करने को कहा था, जिसके बाद कच्चे तेल की कीमतों में उछाल आया. इसके अलावा लीबिया और कनाडा में आपूर्ति संबंधी दिक्कतों से भी कीमतों पर दबाव रहा.

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