Tuesday , January 7 2025

राज्यों से

इस गांव में है भोलेनाथ की विशाल गुफा, दुनिया के सामने लाएगी आइटीबीबी

आइटीबीपी (भारत-तिब्बत सीमा पुलिस) उच्च हिमालयी क्षेत्र में धारचूला के सीपू गांव स्थित विशालकाय गुफा को देश-दुनिया के सामने लाएगी। इसके लिए डीआइजी एपीएस निंबाडिया के निर्देश पर आइटीबी का एक दल गुफा तक पहुंच गया है। समुद्रतल से 12 हजार फीट की ऊंचाई पर सीपू गांव से करीब 12 किमी दूर स्थित इस गुफा के बारे अब तक सिर्फ स्थानीय लोगों को ही जानकारी है। मान्यता है कि भगवान शिव ने इस गुफा में विश्राम किया था। शिव जिस पत्थर पर बैठे, उस पर आज भी बैठने के निशान हैं। ग्रामीण इस क्षेत्र में मौजूद एक मात्र भोजपत्र के वृक्ष को शिव की लाठी का रूप मानते हैं। गुफा तक पहुंचने के लिए खड़ी चट्टान को पार करना होता है। गांव में बड़ी पूजा होने पर ग्रामीण गुफा तक जाकर प्रसाद चढ़ाते हैं। गुफा के नजदीक ही मिलती माई का तालाब है। गर्मियों में भी पानी से लबालब भरे रहने वाले इस तालाब को सबसे पहले एक तिब्बती व्यापारी ने देखा। कहते हैं कि घोड़े पर सवार यह तिब्बती व्यापारी इस गुफा की गहराई नापने के लिए तालाब में उतरा तो फिर वापस नहीं लौटा। व्यापारी की टोपी सीपू गांव में फूटने वाले इस तालाब के स्रोत से निकली। इस तालाब की भी वर्ष में एक बार विशेष पूजा होती है। चीन सीमा पर आइटीबीपी के 14 हथियार खाई में गिरे, नहीं लगा सुराग यह भी पढ़ें पिछले दिनों क्षेत्र भ्रमण के दौरान सीपू के ग्रामीणों से इन महत्वपूर्ण स्थानों की जानकारी आइटीबीपी के डीआइजी एपीएस निंबाडिया को दी। इस पर उन्होंने आइटीबीपी की एक टीम यहां भेजी। यहां पहुंचे जवानों ने गुफा के बाहर की फोटो ली। जवानों के मुताबिक गुफा के भीतर कई शिवलिंग और बाहर आकर्षक चट्टानें हैं। जवान गुफा में करीब दो किमी भीतर तक गए। अनुमान है कि इसकी लंबाई चार से पांच किमी हो सकती है। डीआइजी निंबाडिया का कहना है कि अब इस स्थल को प्रकाश में लाने की कोशिश की जाएगी।

आइटीबीपी (भारत-तिब्बत सीमा पुलिस) उच्च हिमालयी क्षेत्र में धारचूला के सीपू गांव स्थित विशालकाय गुफा को देश-दुनिया के सामने लाएगी। इसके लिए डीआइजी एपीएस निंबाडिया के निर्देश पर आइटीबी का एक दल गुफा तक पहुंच गया है। समुद्रतल से 12 हजार फीट की ऊंचाई पर सीपू गांव से करीब 12 …

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बाबा महावतार से लोकसभा चुनाव में जीत का आशीर्वाद लेने पहुंची उमा भारती

केंद्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती ने संकेत दिया है कि वे मिशन-2019 के लिए एक बार फिर क्रिया योग के जरिए महावतार बाबा से विजयी होने का आशीर्वाद लेने आई हैं। वहीं, इस दौरान उन्होंने हिमालयी राज्य में बढ़ते जल संकट पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण के लिए केंद्र सरकार ने रोडमैप तैयार कर लिया है। विभिन्न कार्यक्रम शुरू किए हैं। मुख्यमंत्री को विशेष निर्देश दिए हैं, जिससे राज्य में जल संरक्षण से संबंधित कार्यों का क्रियान्वयन किया जा सके। केंद्रीय मंत्री उमा भारती हरिद्वार, रामनगर, रानीखेत होते हुए गुरुवार देर रात द्वाराहाट के दुधोली स्थित विश्राम गृह पहुंची। उमा रात को करीब 11 बजे ही आदिशक्ति दूनागिरि के दर्शन को पहुंच गर्इं। उन्होंने मंदिर के गर्भ गृह में एकांत में ध्यान लगाया। उसके बाद कुकुछिना (कौरवछीना) में गिरीश जोशी के आवास पर भोजन ग्रहण करने के बाद वापस दुधोली अतिथ गृह में रात्रि विश्राम किया। इससे पूर्व केंद्रीय मंत्री ने संक्षिप्त बातचीत में कहा कि राम मंदिर का मसला भारत वर्ष से जुड़ा है। फिलहाल, न्यायालय में भी यह मामला चल रहा है। हम चाहते हैं कि इसके निर्माण से पूर्व सभी राजनीतिक दलों को साथ लाया जाए। सबकी सहमति लेने के बाद ही इस पर कोई ठोस निर्णय लिया जाएगा। बिनसर महादेव के दर पहुंचे पूर्व सीएम रावत, चिमटा बजाकर लोगों संग गाए भजन यह भी पढ़ें वहीं, उमा भारती ने शुक्रवार को फिर से दूनागिरि मंदिर पहुंचकर दर्शन किए। उसके बाद पांडवखोली गुफा में ध्यान लगाने के लिए रवाना हो गईं। सूत्रों के अनुसार उमा पांडवखोली की चोटी पर स्थापित मंदिर भी जाएंगी। इस अलौकिक सौंदर्य आध्यात्मिक ऊर्जा वाले क्षेत्र में उनका प्रवास कितना होगा, यह अभी स्पष्ट नहीं है। गौरतलब है कि पिछले साल यहां आई उमा ने तीन दिन ध्यान लगाया। उमा भारती का ये प्रवास व्यक्तिगत है। इस दौरान वह किसी से मिल नहीं रही। मीडिया से भी दूरी रखी गई है। अलबत्ता केंद्रीय मंत्री की सुरक्षा व्यवस्था के लिए तहसील व पुलिस प्रशासन मौजूद है। पांडव खोली में ध्यान व सुकून के लिए पहुंची उमा भारती यह भी पढ़ें गौरतलब है कि केंद्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती साल 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में जीत का आशीर्वाद लेने आध्यात्मिक केंद्र पांडवखोली (द्वाराहाट) में ध्यान लगाने के पहुंची थी। उन्होंने महाअवतार बाबा का आशीर्वाद भी लिया था।

केंद्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती ने संकेत दिया है कि वे  मिशन-2019 के लिए एक बार फिर क्रिया योग के जरिए महावतार बाबा से विजयी होने का आशीर्वाद लेने आई हैं। वहीं, इस दौरान उन्होंने हिमालयी राज्य में बढ़ते जल संकट पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि जल …

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मेमोरी मशीन के नाम से मशहूर हैं ये दो बहनें, हर सवाल का जवाब इनके पास

शिक्षक माता-पिता की जीनियस बहनें देश के साथ-साथ विदेश में भी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुकी हैं। पीलीभीत निवासी दोनों बहनें बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का संदेश लेकर पिता के साथ राजधानी पहुंचीं। दोनों बहनें 2009 से प्रशासनिक अधिकारियों के समक्ष सामान्य ज्ञान प्रदर्शन कर चुकी हैं। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत और पीएम के भाई सोमा भाई मोदी समेत तमाम हस्तियां बाल प्रतिभाओं की हौसलाअफजाई कर चुके हैं। नेपाली एफएम शो में भी जीनियस बहनों ने टैलेंट दिखाया था। साथ ही नेपाल में बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ अभियान के तहत जागरूकता रैली निकाली थी। हर सवाल का है जवाब: 11 साल की हनी और 8 साल की हंसी के जीके डिस्कनरी में देश-विदेश के करीब हजारों सवालों का जवाब है। दुनिया के किसी भी क्षेत्र कर क्षेत्रफल से लेकर, वहां के राष्ट्रध्यक्ष देश-विदेश के समसमायिक से लेकर इतिहास भूगोल का गहरा अध्ययन दोनों के भीतर है। नौगवां संतोष में रहने वाली दोनों बहनें मौजूद समय में बीसलपुर में रहती हैं। –– ADVERTISEMENT –– मेरठ में देश की नंबर वन महिला टीम तैयार करने में जुटी आरएएफ बटालियन यह भी पढ़ें घर पर मिला माहौल : पिता दिग्विजय सिंह ने बताया कि घर पर बच्चों को ट्यूशन पढ़ाते थे। पहले बड़ी बेटी हनी ने उस दौरान पढ़ाई जाने वाली चीजों को ग्रहण करना शुरू कर दिया। फिर हसी ने भी अनुसरण किया। खासियत : नार्मल डिलीवरी के लिए मिलेगी Birth Companion लेबर रूम तक ले जाने की सुविधा यह भी पढ़ें तीन मिनट में 250 प्रदेश/देशों की राजधानी सुनाती हैं। - पांच मिनट में 250 प्रदेश/देशों का क्षेत्रफल सुना लेती हैं। Climate change: मौसम में अप्रत्याशित बदलाव जलवायु परिवर्तन की चेतावनी तो नहीं यह भी पढ़ें - इंग्लिश व हिंदी की अंताक्षरी में माहिर। - शिक्षा संबंधित विभिन्न विषयों के जटिलतम टॉपिक को धारा प्रवाह सुनाने की कला।

शिक्षक माता-पिता की जीनियस बहनें देश के साथ-साथ विदेश में भी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुकी हैं। पीलीभीत निवासी दोनों बहनें बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का संदेश लेकर पिता के साथ राजधानी पहुंचीं। दोनों बहनें 2009 से प्रशासनिक अधिकारियों के समक्ष सामान्य ज्ञान प्रदर्शन कर चुकी हैं। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश …

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उत्तराखंड में बनेंगी फ‌र्स्ट रेफरल यूनिट, पटरी पर आएंगी स्वास्थ्य सेवाएं

सरकार अब स्वास्थ्य सेवाओं को और मजबूत बनाने के लिए प्रदेश में 16 फ‌र्स्ट रेफरल यूनिट (एफआरयू) खोलने जा रही है। हर जिला अस्पताल को रेफरल यूनिट बनाया जाएगा। इसके अलावा तीन मुख्य तहसीलों में भी रेफरल यूनिट खोलने की तैयारी है। इन यूनिटों में विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती रहेगी। मंशा यह है कि मरीजों को अपने जिले में ही हर संभव इलाज मिल सके। प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्त करना हर सरकार के लिए चुनौती रहा है। आज भी पर्वतीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं पटरी पर नहीं आ पा रही हैं। इसका सबसे बड़ा कारण चिकित्सकों की कमी होना है। मौजूदा सरकार ने इस समय प्रदेश में चिकित्सकों की कमी को पूरा करने की दिशा में कदम बढ़ाए हैं। हाल ही में सरकार ने 500 से अधिक नए चिकित्सकों की भर्ती की है। अब इन चिकित्सकों के बेहतर उपयोग के लिए प्रदेश में 16 नए एफआरयू खोलने की तैयारी चल रही है। दरअसल, प्रदेश के अधिकांश जिलों में उचित स्वास्थ्य सेवाओं के न होने के चलते परिजन मरीजों को प्रमुख जिलों में लेकर आते थे। कई बार ऐसा भी हुआ कि चिकित्सा सुविधा के अभाव में मरीज रास्ते में दम तोड़ गए। गढ़वाल मंडल में देहरादून और कुमाऊं मंडल में हल्द्वानी के जिला अस्पतालों में अन्य जिलों से आने वाले मरीजों की भरमार लगी रहती है। इसे देखते हुए अब सरकार ने हर जिला अस्तपाल को एफआरयू बनाने का निर्णय लिया है। इनके अलावा ऋषिकेश, कोटद्वार और रुद्रपुर में भी एफआरयू खोले जाएंगे। इसका मकसद यह है कि मरीजों को हर संभव इलाज अपने ही जिले में मिल सके। इसके लिए इन सभी एफआरयू में विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती की जाएगी। इसके अलावा इन चिकित्सालयों को आधुनिक उपकरणों से भी लैस किया जाएगा। पहले चरण में तकरीबन 72 चिकित्सकों को इन एफआरयू में तैनात किया जाएगा। इन दिनों शासन में इन चिकित्सकों के नाम तय किया जा रहे हैं। इन चिकित्सकों की तैनाती के बाद एफआरयू विधिवत तरीके से संचालित होने लगेंगे। जल्द ही इस संबंध में शासनादेश जारी होने की संभावना है।सरकार अब स्वास्थ्य सेवाओं को और मजबूत बनाने के लिए प्रदेश में 16 फ‌र्स्ट रेफरल यूनिट (एफआरयू) खोलने जा रही है। हर जिला अस्पताल को रेफरल यूनिट बनाया जाएगा। इसके अलावा तीन मुख्य तहसीलों में भी रेफरल यूनिट खोलने की तैयारी है। इन यूनिटों में विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती रहेगी। मंशा यह है कि मरीजों को अपने जिले में ही हर संभव इलाज मिल सके। प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्त करना हर सरकार के लिए चुनौती रहा है। आज भी पर्वतीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं पटरी पर नहीं आ पा रही हैं। इसका सबसे बड़ा कारण चिकित्सकों की कमी होना है। मौजूदा सरकार ने इस समय प्रदेश में चिकित्सकों की कमी को पूरा करने की दिशा में कदम बढ़ाए हैं। हाल ही में सरकार ने 500 से अधिक नए चिकित्सकों की भर्ती की है। अब इन चिकित्सकों के बेहतर उपयोग के लिए प्रदेश में 16 नए एफआरयू खोलने की तैयारी चल रही है। दरअसल, प्रदेश के अधिकांश जिलों में उचित स्वास्थ्य सेवाओं के न होने के चलते परिजन मरीजों को प्रमुख जिलों में लेकर आते थे। कई बार ऐसा भी हुआ कि चिकित्सा सुविधा के अभाव में मरीज रास्ते में दम तोड़ गए। गढ़वाल मंडल में देहरादून और कुमाऊं मंडल में हल्द्वानी के जिला अस्पतालों में अन्य जिलों से आने वाले मरीजों की भरमार लगी रहती है। इसे देखते हुए अब सरकार ने हर जिला अस्तपाल को एफआरयू बनाने का निर्णय लिया है। इनके अलावा ऋषिकेश, कोटद्वार और रुद्रपुर में भी एफआरयू खोले जाएंगे। इसका मकसद यह है कि मरीजों को हर संभव इलाज अपने ही जिले में मिल सके। इसके लिए इन सभी एफआरयू में विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती की जाएगी। इसके अलावा इन चिकित्सालयों को आधुनिक उपकरणों से भी लैस किया जाएगा। पहले चरण में तकरीबन 72 चिकित्सकों को इन एफआरयू में तैनात किया जाएगा। इन दिनों शासन में इन चिकित्सकों के नाम तय किया जा रहे हैं। इन चिकित्सकों की तैनाती के बाद एफआरयू विधिवत तरीके से संचालित होने लगेंगे। जल्द ही इस संबंध में शासनादेश जारी होने की संभावना है।

सरकार अब स्वास्थ्य सेवाओं को और मजबूत बनाने के लिए प्रदेश में 16 फ‌र्स्ट रेफरल यूनिट (एफआरयू) खोलने जा रही है। हर जिला अस्पताल को रेफरल यूनिट बनाया जाएगा। इसके अलावा तीन मुख्य तहसीलों में भी रेफरल यूनिट खोलने की तैयारी है। इन यूनिटों में विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती रहेगी। …

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कबीर ने कहा था- सेवा में मन लगाओ, कुछ लोगों का मन आलीशान बंगले में लगा : नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जाति-पंथ से परे होकर मानवता के धर्म का अनुपालन करने की सीख देने वाले संत कबीरदास की निर्वाण स्थली मगहर पहुंचे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनसभा का संबोधन भोजपुरी में शुरू किया तो वहां का जनमानस उनका मुरीद हो गया। आजादी के बाद से यह पहला मौका है जब कोई प्रधानमंत्री मगहर आया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज के दौर में सत्ता का लालच ऐसा है कि आपातकाल लगाने वाले और उस समय आपातकाल का विरोध करने वाले एक साथ आ गए हैं। यह सभी लोग समाज नहीं, सिर्फ अपने और अपने परिवार का हित देखते हैं। देश में कुछ दलों को शांति और विकास नहीं, कलह और अशांति चाहिए। उनको लगता है जितना असंतोष और अशांति का वातावरण बनाएंगे उतना राजनीतिक लाभ होगा। समाजवाद और बहुजन की बात करने वालों का सत्ता के प्रति लालच आप देख रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहा कि हमारी सरकार ने आवास योजना के तहत गरीबों को घर देना शुरू किया है। हमने पूछा पहले की यूपी सरकार गरीबों के लिए बनाए जाने वाले घरों की कम से कम संख्या तो बताएं, लेकिन उन्हें अपने बंगलों में रुचि थी। वो हाथ पर हाथ रखकर बैठे रहे। उन्होंने गरीबों के लिए कुछ नहीं किया। वे सिर्फ सियासत करते रहे। उन्होंने कहा कि कबीर ने कहा था कि सेवा में मन लगाओ, लेकिन कुछ लोगों को मन सिर्फ अपना बंगले में लगा हुआ है। समाजवाद और बहुजन की बातें करने वाले लोग आज जनता को ठगने का काम कर रहे हैं।गांधी परिवार पर हमला करते हुए प्रधानमंत्री ने कबीर की बातों का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि कबीर शासक के रूप में भगवान राम की बातें करते थे, लेकिन आज के समय में कई परिवार खुद को जनता का भाग्य-विधाता समझते हैं। –– ADVERTISEMENT –– मन की बात में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डाला मगहर पर प्रकाश यह भी पढ़ें प्रधानमंत्री ने कहा कि सच्चाई यह है कि ऐसे लोग जमीन से कट चुके हैं। उन्होंने कहा कि देश के राजनेताओं को गरीबों की चिंता नहीं रही। उन्‍होंने कभी गरीबों के लिए घर का निर्माण नहीं कराया। जब मोदी सरकार आई तो गरीबों के लिए छत का इंतजाम शुरू करा दिया। अभी दो दिन पहले ही देश में आपातकाल के 43 साल हुए। सत्ता की लालच ऐसा हो गया है कि आपातकाल लाने वाले और उसका विरोध करने वाले कंधा से कंधा मिला लिए हैं। 2 दिन पहले देश में आपातकाल को 43 साल हुए हैं। सत्ता का लालच ऐसा है कि आपातकाल लगाने वाले और उस समय आपातकाल का विरोध करने वाले एक साथ आ गए हैं। समाज नहीं, सिर्फ अपने और अपने परिवार का हित देखते हैं। संतकबीर दास की परिनिर्वाण स्थली मगहर पर आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मोदी ने उपस्थित जनसमुदाय को भोजपुरी में प्रणाम किया और कहा कि इस पावन भूमि को प्रणाम करत बानी। यह हमार सौभाग्य है कि आज हम यहां आइल बानी। मगहर आकर मन को विशेष संतोष मिला। मैंने गुफा को देखा जहाँ कबीर साधना किया करते थे। यहीं पर संतकबीर, गुरु नानक व गुरु गोरखनाथ ने आध्यत्मिक चर्चा की थी। पीएम मोदी ने कहा कि 14-15 वर्ष पहले जब पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम जी यहां आए थे, तब उन्होंने इस जगह के लिए एक सपना देखा था। उनके सपने को साकार करने के लिए,मगहर को अंतरराष्ट्रीय मानचित्र में सद्भाव-समरसता के मुख्य केंद्र के तौर पर विकसित करने का काम अब किया जा रहा है। संतकबीर नगर में पीएम नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम स्थल मगहर में पानी एकत्र यह भी पढ़ें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि तीन तलाक के मामले में भी इन राजनीतिक दलों को देखा है। आज मुस्लिम महिलाएं भी तीन तलाक के खिलाफ हैं। लेकिन राजनीतिक दलों के लोग मुस्लिम महिलाओं की भलाई की कोई चिंता नहीं है। कबीरदास ने कहा था कि शासक वही है जो जनता की पीड़ा को समझता हो और उसका निदान करता हो। पर अफसोस कुछ परिवार आज कबीरदास की बात को पूरी तरह नकारने में लगे हैं। वह भूल गए हैं कि आज हमारे साथ कबीर दास हैं। कबीर दास मनुष्य-मनुष्य के बीच भेद पैदा करने वालों के खिलाफ थे। मन की बातः मोदी ने उल्लेख किए संत कबीर के पांच दोहे, मगहर को देंगे करोड़ों की सौगात यह भी पढ़ें प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कबीर के दर्शन को लोग नहीं समझ रहे हैं। हमारी सरकार गरीब, दलित, पीडि़त, वंचित लोगों के लिए काम कर रही है। लगभग पांच करोड़ लोगों का खाता खुलवाया। करीब एक करोड़ लोगों को सुरक्षा बीमा का कवच देकर और यूपी के गांवों में सवा करोड़ शौचालय बनवाया। हमने सुलभ स्वास्थ्य सुविधाएं देने का वीणा उठाया है। कबीर श्रमयोगी थे। कबीर ने कहा था कि काल करे सो आज कर, उसी के तहत तेजी के साथ बन रही सड़कें एवं कार्य कबीर के विचारों का प्रतिबिंब है। भारत का पूर्वी भाग विकास से अलग कर दिया था। आज काम हो रहा है। संत कबीर धूल से उठे लेकिन माथे का चन्दन बन गए, वो व्यक्ति से अभिव्यक्ति और इससे आगे बढ़कर शब्द से शब्दब्रह्म हो गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज मुझे भी तीर्थ स्थल पर आने का मौका मिला। मैने कबीर की मजार पर चादर चढ़ाई, फूल चढ़ाया। कबीर दास की गुफा भी देखी। उन्होंने कहा कि यह भूमि पूण्य फल देने वाला है। करीब 24 करोड़ रुपये की लागत से कबीर के कार्यक्रम को आगे बढ़ाया जाएगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि कबीर का पूरा जीवन सत्य की खोज में बीता है। वह फक्कड़ स्वभाव के थे, लेकिन दिल के साफ थे। बाहर से कठोर और भीतर से कोमल थे। वह अपने जन्म से नहीं कर्म से महान बन गए। योग, कबीर और कुंभ को वैश्विक पहचान दिलाना प्रधानमंत्री का लक्ष्य यह भी पढ़ें प्रधानमंत्री ने कहा कि कबीर व्यक्ति से अभिव्यक्ति बन गए। उन्होंने समाज की चेतना को जागृत करने का काम किया। उन्‍होंने कहा था कि यदि हृदय में राम है तो क्या काशी क्या मगहर। कबीर दास कहते थे कि हम काशी में प्रकट भये हैं, रामानंद चेताए। कबीर भारत की आत्मा और रससार कहे जा सकते हैं। उन्होंने जाति-पाति के भेद तोड़ा। वह सबके थे, इसलिए सब उनके हो गए। संत रामानंद ने संत कबीर को रामनाम की राह दिखाई। आज महापुरुषों के नाम पर राजनीति की जा रही है। समाज को सदियों से दिशा दे रहे मार्गदर्शक, समभाव और समरसता के प्रतिबिम्ब महात्मा कबीर को उनकी ही निर्वाण भूमि से मैं उन्हें कोटि-कोटि नमन करता हूँ। सैकड़ों वर्षों की गुलामी के कालखंड में अगर देश की आत्मा बची रही, तो वो ऐसे संतों की वजह से ही हुआ। कबीर ने जाति-पाति के भेद तोड़े, "सब मानुस की एक जाति” घोषित किया, अपने भीतर के अहंकार को ख़त्म कर उसमें विराजे और ईश्वर का दर्शन करने का रास्ता दिखाया। कबीर की साधना 'मानने’ से नहीं, ‘जानने’ से आरम्भ होती है। सिर से पैर तक मस्तमौला, स्वभाव के फक्कड़, आदत में अक्खड़, भक्त के सामने सेवक, बादशाह के सामने प्रचंड दिलेर, दिल के साफ, दिमाग के दुरुस्त, भीतर से कोमल बाहर से कठोर थे। प्रधानमंत्री ने कहा कि कबीर को समझने के लिए कोई भाषा नहीं गढ़ी। बोलचाल की भाषा का इस्तेमाल किया। बोलचाल की भाषा में ही उन्होंने जीवन दर्शन को बताया। उनके कई दोहों का उदाहरण देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि समय के साथ समाज में आने वाली आंतरिक बुराइयों को समाप्त करने के लिए ऋषियों, मुनियों ने हमें मार्ग दिखाया। देश की चेतना को बचाने का कार्य संतों ने समय समय पर किया। उन्होंने बल्लभाचार्य, रामानुजाचार्य, रामानंद, तुलसी आदि कई संतों का नाम लेते हुए कहा कि उस दौर में भी तमाम विपत्तियों से गुजरते हुए समाज को नई दिशा दी। रामानंद ने तो समाज के सभी वर्गों को जोड़कर जाति-पाति और छुआछूत को समाप्त किया। संत कबीर के बाद संत रैदास आए। अंबेडकर आए। सभी ने अपने-अपने तरीके से समाज को रास्ता दिखाया। बाबा साहब अंबेडकर ने हमें जीने का अधिकार दिया। आज समाज में राजनीतिक लाभ लेने के लिए समाज में असंतोष पैदा कर रहे हैं। गरीब के लोगों के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए तत्कालीन प्रदेश सरकार ने सहयोग नहीं किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि सच्चाई यह है कि ऐसे लोग जमीन से कट चुके हैं। उन्होंने कहा कि देश के राजनेताओं को गरीबों की चिंता नहीं रही। उन्होंने कभी गरीबों के लिए घर का निर्माण नहीं कराया। जब मोदी सरकार आई तो गरीबों के लिए छत का इंतजाम शुरू करा दिया। अभी दो दिन पहले ही देश में आपाल काल के 47 साल हुए। सत्ता की लालच ऐसा हो गया है कि आपात काल लाने वाले और उसका विरोध करने वाले कंधा से कंधा मिला लिए हैं। प्रधानमंत्री ने साहेब बंदगी, साहेब बंदगी कहते हुए सभा को समाप्त किया। सबका साथ, सबका विकास संत कबीर के विचारों की प्रतिध्वनि : योगी आदित्यनाथ मगहर की जनसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया। उन्होंने कहा कि संत कबीर के विचारों की प्रतिध्वनि ही सबका साथ सबका विकास भावना की है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्वांचल के साथ ही उत्तर प्रदेश को वह सब सौगात दी, जिसकी प्रदेश को लंबे समय से दरकार थी। प्रधानमंत्री ने गोरखपुर में एम्स, बस्ती में मेडिकल कालेज तथा सिद्धार्थ नगर में मेडिकल कालेज दिया है। पीएम मोदी ने ने उत्तर प्रदेश को रामायण सर्किट देने के साथ ही हमारे देश की विधा योग को वैश्विक मान्यता दिलाई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मध्यकालीन महान संत कबीरदास ने देश की रूढिय़ों के खिलाफ आवाज उठाई थी। उसी तरह लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी मोदी ने सबका साथ सबका विकास का नारा दिया था। आज भारत के अंदर विश्वास का वातावरण बन रहा है। भारत दुनिया के सामने सबसे तेज अर्थव्यवस्था बनाने में सफल हो रहा है। स्वच्छ भारत मिशन के तहत 72 लाख से ज्यादा शौचालय बनवाने का कार्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया। इनकी ही प्रेरणा से 7250000 गैस कनेक्शन सिर्फ उत्तर प्रदेश के गरीब परिवारों को मिला है। 26 वर्ष से बंद यहां के गोरखपुर खाद कारखाने का को पुन:चलाने का काम शुरू हो गया है। गोरखपुर में एक नई चीनी मिल और बस्ती में बंद चीनी मिल खुलवाने का कार्य हुआ है। देश में रुढ़ीवाद, क्षेत्रवाद, भाषावाद जब तक रहेगा तब तक विकास नहीं हो सकता है। महान संत कबीर दास ने इसे मध्यकाल में ही शुरू कर दिया था। इससे पहले कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री देश के चतुर्दिक विकास के लिए दृढ़ संकल्पित हैं। सामाजिक एकता और भाईचारे के प्रतीक संतकबीर ने कर्म क्षेत्र को सर्व श्रेष्ठ माना है। उसी तरह के कार्य अपने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मोदी कर रहे हैं। संत‍कबीर दास की परिनिर्वाण स्थली पर आयोजित जनसभा स्थल पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाथ उठाकर जनसभा में उपस्थित लोगों का अभिवादन किया। मगहर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में सभा मंच पर सांस्कृतिक प्रस्तुति शुरू हो गई है। कबीर पंथियों का निर्गुण भजन चल रहा है। इससे पहले उन्होंने संत कबीर की समाधि और मजार पर चादर चढ़ाकर शीश नवाया। वह कबीर गुफा में भी गए। ऐसा कहा जाता है कि कबीर गुफा में संतकबीर दास ध्यान किया करते थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी हैं। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने 24.9375 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली संतकबीर शोध अकादमी का शिलान्यास किया। पीएम मोदी की इस रैली को लोकसभा चुनाव के अभियान की शुरुआत के रूप में देखा जा रहा है। इससे पहले लखनऊ के चौधरी चरण सिंह इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ ही उनके मंत्रिमंडल के सदस्य, लखनऊ की मेयर संयुक्ता भाटिया, मुख्य सचिव राजीव कुमार, डीजीपी ओपी सिंह तथा अन्य प्रशासनिक अधिकारियों ने पीएम नरेंद्र मोदी का स्वागत किया। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चार हेलीकॉप्टर के बेड़े के साथ संतकबीर नगर रवाना हो गए। लखनऊ के एयरपोर्ट पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने लाल गुलाब देकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत किया। उनके साथ सीएम योगी आदित्यनाथ तथा कैबिनेट मंत्री डॉ. रीता बहुगुणा जोशी व चौधरी लक्ष्मीनारायण भी गए हैं। CM Office, GoUP ✔ @CMOfficeUP संत कबीर नगर में मा. प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और #UPCM श्री #YogiAdityanath संत कबीर की समाधि​ स्थल पर। #PMIn… https://www.pscp.tv/w/bgRo8jEzMzk5MzAwfDFsRHhMWFl6cm9QeG2R0FcC5NQ-whtcE7rLDNHjwK_qLJ5fEB9aqKhpsbUHRg== … 10:56 AM - Jun 28, 2018 CM Office, GoUP @CMOfficeUP संत कबीर नगर में मा. प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और #UPCM श्री #YogiAdityanath संत कबीर की समाधि​ स्थल पर। #PMInMagha pscp.tv 769 217 people are talking about this Twitter Ads info and privacy मगहर में बारिश संतकबीर दास की परिनिर्वाण स्थली मगहर में इस समय बारिश शुरू हो गई है। यहीं पर प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी आने वाले हैं और वह सभा को संबोधित करेंगे। बारिश के बावजूद प्रधानमंत्री को सुनने के लिए आने वालों का क्रम जारी है। इसमें आम जनता के साथ बड़ी संख्या में कबीरपंथी शामिल हो रहे । मगहर में प्रधानमंत्री को सुनने बड़ी संख्या में महिलाएं भी पहुंच पीएम मोदी ने कहा था कि संत कबीरदास ने अपनी अंतिम सांसे मगहर में ली थी, जबकि लोगों में आम धारणा है कि जिसकी भी मृत्यु वहां होती है, उसे स्वर्ग की प्राप्ति नहीं होती।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जाति-पंथ से परे होकर मानवता के धर्म का अनुपालन करने की सीख देने वाले संत कबीरदास की निर्वाण स्थली मगहर पहुंचे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनसभा का संबोधन भोजपुरी में शुरू किया तो वहां का जनमानस उनका मुरीद हो गया। आजादी के बाद से यह पहला मौका है …

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कॉलेज को फीस वापस न करना पड़ा महंगा कोर्ट ने लगाया जुर्माना

एडमिशन कैंसिल कराने के बाद जमा फीस स्टूडेंट को वापस न करना भोजीपुरा स्थित एक इंजीनियंरिग कॉलेज को महंगा पड़ गया. स्टूडेंट ने कॉलेज के खिलाफ कंज्यूमर फोरम में वाद दायर कर दिया. स्टूडेंट के दायर वाद पर कोर्ट ने सुनवाई करते हुए इंजीनियरिंग कॉलेज पर फीस वापस करने के …

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लैब में मीटर जांच में धांधली को रोकने के लिए लगेंगे सीसीटवी कैमरे

बिजली मीटर में छेड़छाड़ के झूठे आरोप लगाकर अब उपभोक्ताओं के खिलाफ कार्रवाई करना आसान नहीं होगा. जांच में होने वाली धांधली को रोकने के लिए मीटर टेस्ट लैब में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे. कैमरों की निगरानी में ही मीटर की जांच की जाएगी. ताकि, लैब कर्मचारी किसी प्रकार की …

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31 घंटे तक बिजली-पानी संकट से जूझे

KANPUR: बेकाबू हो चुके बिजली संकट को लेकर लोगों में गुस्सा बढ़ता जा रहा है. मंडे को महिलाओं और व्यापारियों ने कल्याणपुर सबस्टेशन में दीए और मोमबत्ती जलाकर विरोध जताया. वहीं कांग्रेसियों ने केस्को मुख्यालय गेट पर धरना-प्रदर्शन और नारेबाजी कर गुस्सा जाहिर किया. सबस्टेशन पर बोला धावा किदवई के ब्लाक …

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सेंट्रल और स्टेट मिलकर दौड़ाएगी कानपुर मेट्रो

KANPUR: कानपुर मेट्रो पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मोड की जगह एसपीवी (स्पेशल परपच व्हीकल) मॉडल पर दौड़ेगी. इस प्रोजेक्ट में सेंट्रल और स्टेट गवर्नमेंट की 50-50 परसेंट की साझेदारी होगी. सेंट्रल गवर्नमेंट के डिपार्टमेंट ऑफ एक्सपेंडीचर के रिवाइज डीपीआर पर मोहर लगाने से पीपीपी मोड को लेकर लग रही अटकलों पर …

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‘जनऔषधि’ से घर बैठे मिलेंगी जेनरिक दवाएं

kanpur : प्राइवेट कंपनियों की तर्ज पर अब स्वास्थ्य विभाग भी लोगों को घर बैठे सस्ती और कारगर दवाएं उपलब्ध कराएगा. इसके तहत पेशेंट को ‘जनऔषधि’ एप के माध्यम से पेशेंट घर बैठे सस्ती और कारगर दवाएं प्राप्त कर सकेगा. स्वास्थ्य विभाग के अनुसार इस सुविधा के बाद मरीजों को किसी …

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