Friday , January 3 2025

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अमेठी में राहुल गांधी का पीएम पर हमला कहा,वह बुलेट ट्रेन नहीं, मैजिक ट्रेन है जो कभी नहीं चलेगी

राहुल गांधी ने कहा कि मोदी जी, आरएसएस और बीजेपी क्या कर रहे हैं? नरेंद्र मोदी जी ने हिंदुस्तान का पूरा पैसा पांच से दस उद्योगपतियों को पकड़ा दिया और छोटे व्यापारियों को तोड़ दिया। पिछले साल मोदी जी ने हिंदुस्तान के किसानों का जीरो रुपए माफ किया। मोदी जी ने दो लाख करोड़ रुपए 15 लोगों का माफ किया। 24 घंटे में हिंदुस्तान 450 लोगों को नौकरी देता है। जीएसटी और नोटबन्दी से आपकी जेब का पैसा लेकर विजय माल्या और नीरव मोदी को दिया। मोदी जी ने किसान को खत्म कर दिया। चार जुलाई को दो दिन के लिए अमेठी आ सकते हैं राहुल गांधी, आज हो रहीं तैयारियां यह भी पढ़ें कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि नरेंद्र मोदी जी गुजरात मे चाइना के प्रधानमंत्री के साथ झूला झूले। झूला झूले गुजरात में, जहां बुलेट ट्रेन बन रही है। वो बुलेट ट्रेन नहीं है वो मैजिक ट्रेन है और कभी नहीं बनेगी। वो ट्रेन कांग्रेस की सरकार में बनेगी। नरेंद्र मोदी ने उनके सामने हाथ जोड़े और उनके घर गए। चाइना ने अपनी सेना को लद्दाख में घुसा दिया। डोकलाम में भी घुसा दिया लेकिन मोदी जी ने एक शब्द नहीं बोला। मोदी जी ने डोकलाम के बारे में चाइना में एक शब्द नहीं बोला। अमेठी दौरे के दूसरे दिन भी पीएम नरेंद्र मोदी पर हमलावर राहुल गांधी यह भी पढ़ें राहुल गांधी ने कहा कि आरएसएस का व्यक्ति किसी हिन्दू को देखता है तो जाति देखता है बल्कि कांग्रेस पार्टी सबको जोड़ने की बात करती है। हम प्यार से बात करते हैं। हम आपकी शक्ति को बढ़ाने के लिए शक्ति प्रोजेक्ट लाया गया है।

अमेठी (जेएनएन)। दो दिन के अमेठी दौरे पर पहुंचे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने फुरसतगंज में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी और आरएसएस पर जमकर हमले बोला। राहुल गांधी ने कहा कि किसान, युवा और देश आज कहां हैं? हिन्दुस्तान के सामने तीन बड़े चैलेंज हैं, बेरोजगारी, किसान की हालत, महंगाई। …

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सड़क हादसों की वजह है ट्रिपल ओ, जानिए क्या है ये

ट्रिपल ओ' यानी ओवरस्पीड, ओवरलोडिंग और ओवरटेक के दौरान नियमों की अनदेखी 60 फीसद सड़क हादसों का मूल कारण होती है। इसे लेकर पुलिस कार्रवाई भी करती है, फिर भी हालात जस के तस हैं। पौड़ी के धुमाकोट में रविवार को हुए बस हादसे में 48 लोगों की जान चली गई। हादसे की असल वजह क्या रही, तंत्र इसकी पड़ताल में जुट तो गया है। लेकिन, एक बात तो साफ हो चुकी है कि 28 सीटर बस में क्षमता से दोगुने यानी 61 यात्री सवार थे। ऐसे में साफ है कि सड़क पर वाहन चलाते समय की गई छोटी सी लापरवाही मौत की नींद सुला देती है। राजधानी दून की बात करें तो यहां सड़क हादसों में प्रतिवर्ष लगभग डेढ़ सौ से अधिक लोग जान गवा देते है, वहीं इससे दो गुना घायल होकर जिंदगीभर दुर्घटना का दंश झेलते हैं। पुलिस की मानें तो सड़क हादसों का सबसे अहम कारण अप्रशिक्षित चालक, लापरवाही, ओवरलो¨डग और यातायात नियमों का पालन नहीं होना है। यही नहीं सड़कों पर पार्किंग, अधूरे सड़क निर्माण, यातायात संकेतकों की कमी, ओवरलोड वाहन व तेज रफ्तार सहित ऐसे बहुत से कारण हैं, जिन पर कार्रवाई न होने के कारण स्थिति चिंताजनक होती जा रही है। कम जुर्माने से नहीं रहा डर उत्तराखंड में 17 साल में हुए 843 सड़क हादसे, ढाई हजार लोगों की हुई मौत यह भी पढ़ें सड़क हादसों के पीछे यातायात नियमों की अनदेखी सबसे बड़ा कारण होता है। छोटी-छोटी गलतियां कई बार बड़े हादसों का कारण बन जाती है। कई गलतियों पर मामूली जुर्माना होने से भी लोग सचेत होने की जगह जुर्माना भरना शौक समझते हैं। हालांकि केंद्र सरकार की ओर से ओवरस्पीड, रेड लाइट जंप, रफ ड्राइविंग सहित छह मामलों में गाड़ी छोड़ने का अधिकार आरटीओ को दिया गया है, लेकिन स्थिति यथावत है। लालच-मजबूरी भी है कारण मदरसों में टॉप करने के बाद भी अधर में है भविष्य, जानिए वजह यह भी पढ़ें पर्वतीय मार्गो पर सवारी वाहनों की संख्या मैदानी इलाकों की अपेक्षा कम होने के कारण निजी वाहन चालक मानक से कहीं ज्यादा सवारिया ढोते हैं। ओवरलोडिंग के पीछे वाहन चालक को अधिक किराये का लालच होता है तो लोगों के सामने मजबूरी। यह है चालान राशि रोडवेज कर्मियों को मिला ईद का ये तोहफा, जानिए यह भी पढ़ें वाहन चलाते समय मोबाइल पर बात करना, 500 रुपये बिना हेलमेट, 100 रुपये योग के बहाने पीएम मोदी ने दी विरोधियों को नसीहत, जानिए यह भी पढ़ें ओवर स्पीड, 500 रुपये रेडलाइट जंप, 100 रुपये रफ ड्राइविंग, 100 रुपये गलत ओवरटेक,100 रुपये धूमपान, 100 रुपये बिना सीट बेल्ट,100 रुपये बीते तीन वर्षो में प्रदेशभर में हुए सड़क हादसे वर्ष, दुर्घटनाएं, मृतक, घायल 2015, 1523, 913, 1657 2016, 1591, 962, 1736 2017, 1603, 942, 1631 2018(अब तक), 618, 390, 659 राज्य में हादसों के प्रमुख कारण और मौत के आंकड़े कारण, दुर्घटनाएं, मृतक, घायल ओवरस्पीड, 342, 226, 341 गलत साइड से ड्राइविंग, 43, 14, 48 गलत तरीके से ओवरटेक, 50, 24, 47 सड़क पर रेत, बजरी, 12, 14, 08 सड़क पर गड्ढे, 06, 04, 04 शराब पीकर गाड़ी चलाना, 06, 03, 011 वाहन की खराबी, 05, 02, 04 सड़क पर गाड़ी की पार्किंग, 07, 04, 08 (नोट: आंकड़े एक जनवरी से 31 मई 2018 तक के हैं) एसएसपी निवेदिता कुकरेती का कहना है कि अगर वाहन चलाते समय यातायात नियमों का पालन किया जाए तो हादसे का खतरा काफी हद तक टाला जा सकता है। जागरूकता अभियान के दौरान लोगों को इसके लिए प्रेरित भी किया जाता है। इसके साथ ही कार्रवाई भी की जाती है।

ट्रिपल ओ’ यानी ओवरस्पीड, ओवरलोडिंग और ओवरटेक के दौरान नियमों की अनदेखी 60 फीसद सड़क हादसों का मूल कारण होती है। इसे लेकर पुलिस कार्रवाई भी करती है, फिर भी हालात जस के तस हैं। पौड़ी के धुमाकोट में रविवार को हुए बस हादसे में 48 लोगों की जान चली …

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ग्रीन पार्क स्टेडियम कानपुर में ‘लापरवाही’ की ताबड़तोड़ बल्लेबाजी

विश्वभर में अपनी हरियाली के लिए विख्यात ग्रीन पार्क स्टेडियम अब फ्लड लाइट में कम रोशनी के कारण बड़े क्रिकेट मैच की मेजबानी गंवा सकता है। यहां पर निर्माण का काम करने वाली संस्था आवास-विकास परिषद प्रदेश में घर बनाने का काम करती है, इसी कारण वह स्टेडियम के निर्माण में भी कुछ वैसा ही काम कर रही है। विश्व क्रिकेट में कई रिकार्ड का गवाह रहा ग्रीन पार्क स्टेडियम आवास विकास की लापरवाह कार्यशैली के चलते डे नाइट मैचों से हाथ धो सकता है। यहां पर 33.57 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले प्लेयर पवेलियन के निर्माण में आवास विकास परिषद की लापरवाही से मैदान और पिच पर रोशनी की तीव्रता अंतरराष्ट्रीय मानकों से कम हो गई है। इसके कारण ग्रीन पार्क को डे नाइट मैच की मेजबादी चाहिए तो पुरानी फ्लड लाइट शिफ्ट करने या नई लगाने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। यहां पर अब आवास विकास की गलती सुधारने की कीमत चार करोड़ से 14 करोड़ रुपये तक चुकानी होगी। इस मामले में महालेखा परीक्षक कार्यालय ने आपत्ति भी लगाई है, जिसके लंबित रहने के कारण आज तक यह प्लेयर पवेलियन खेल विभाग को हैंडओवर नहीं हो सका है। कानपुर के ग्रीन पार्क स्टेडियम में 1:30 बजे से मैच, 11 बजे से प्रवेश यह भी पढ़ें ग्रीनपार्क में प्लेयर पवेलियन की निर्माण एजेंसी आवास विकास परिषद है। अधिकारियों ने निर्माण में शुरुआत से लापरवाही बरती। निर्माण शुरू करने के छह महीने बाद नक्शे में पवेलियन की ऊंचाई डेढ़ मीटर अधिक होने पर आपत्ति के बाद भी निर्माण जारी रखा। खेल विभाग ने इसे तकनीकी मानकों के अनुसार सही नहीं बताया था लेकिन आपत्ति को दरकिनार करते हुए प्लेयर पवेलियन की ऊंचाई बढ़ा दी गई। कानपुर के ग्रीन पार्क में होने वाले आइपीएल के मैचों पर आतंकी साया यह भी पढ़ें ग्रीन पार्क की पिच और आउटफील्ड पर पहुंचने वाली रोशनी कम हो गई है। हैरत की बात यह है कि काम का लगातार स्थलीय निरीक्षण होता रहा लेकिन किसी अधिकारी का ध्यान इस खामी पर नहीं गया। वर्ष 2013 में डायरेक्टर पवेलियन बनने के दौरान यही गलती हुई थी। ग्रीन पार्क में खेल प्रेमियों के लिए पार्किग यह भी पढ़ें मैच के लिए चाहिए रोशनी ग्रीनपार्क में डे नाइट मैच कराने के लिए पिच पर 3500 लक्स और आउटफील्ड पर 2500 लक्स तीव्रता की रोशनी चाहिए, जो मौजूदा समय में केवल 2200 और 2000 लक्स रह गई है। अभी नये प्लेयर पवेलियन पर टीनशेड नहीं लगा है। टीन शेड लगने के बाद रोशनी की तीव्रता में करीब 500-600 लक्स की कमी आ जाएगी। आवास विकास के परियोजना प्रबंधक रोशनी कम होने की बात तो स्वीकार कर फ्लड लाइट शिफ्ट करने की बात कर रहे हैं लेकिन, काम मानक के अनुरूप बता रहे हैं। आपत्तियों पर उन्होंने चुप्पी साध ली। ग्रीन पार्क में आइपीएल की उम्मीदों को बड़ा झटका यह भी पढ़ें लगातार होता रहा पत्र व्यवहार नवंबर 2016 में आवास विकास के दिए गए नक्शे में 23.54 मीटर की ऊंचाई होने पर तत्कालीन उप निदेशक ऊषा लाल ने दिसंबर 2016 में पत्र लिखकर डिजाइन पर आपत्ति जताई थी। पत्र में कड़ी टिप्पणी भी कि इससे परियोजना का उद्देश्य सार्थक नहीं होगा। मानक के अनुसार रोशनी नहीं मिलेगी और डे नाइट मैच नहीं मिल पाएंगे। तत्कालीन एडीएम सिटी अविनाश सिंह ने भी डायरेक्टर पवेलियन हुई इसी लापरवाही का जिक्र किया था। आवास विकास परिषद फ्लड लाइट को शिफ्ट करने की माथापच्ची कर रहा है। इसमें करीब चार करोड़ और नई फ्लड लाइट में 13-14 करोड़ रुपये खर्च होगा। एक नजर में प्लेयर पवेलियन शुरूआत- मई 2016 पूरा होना था-दिसंबर 2017 स्वीकृत ऊंचाई-22 मीटर तैयार ऊंचाई-23.54 मीटर कुल लागत-33.57 करोड़ रुपये हम सुधार करेंगे आवास विकास परिषद के परियोजना प्रबंधक एचके वाधवा ने बताया कि काम मानक के अनुसार ही किया है। यह सत्य है कि ग्रीनपार्क पर रोशनी कम पड़ रही है, इसके लिए टीनशेड की चौड़ाई पांच मीटर कम कर देंगे। फ्लड लाइट भी शिफ्ट कर देंगे।

विश्वभर में अपनी हरियाली के लिए विख्यात ग्रीन पार्क स्टेडियम अब फ्लड लाइट में कम रोशनी के कारण बड़े क्रिकेट मैच की मेजबानी गंवा सकता है। यहां पर निर्माण का काम करने वाली संस्था आवास-विकास परिषद प्रदेश में घर बनाने का काम करती है, इसी कारण वह स्टेडियम के निर्माण …

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वाराणसी से बेंगलुरु के बीच इंडिगो ने शुरू की नयी उड़ान सेवा

विश्व विख्यात धार्मिक व सांस्कृति राजधानी वाराणसी से अब देश के प्रमुख शहरों की सीधी उड़ान मिलेगी। प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कल यहां से काठमांडू की उड़ान को हरी झंडी दिखाई तो आज यहां से बेंगलुरू की सीधी उड़ान शुरू हो गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के लाल बहादुर शास्त्री इंटरनेशनल एयरपोर्ट से बेंगलुरु के बीच आज विमानन कम्पनी इंडिगो एयरलाइंस ने अपनी एक नई उड़ान सेवा का शुभारंभ कर दिया। उड़ान सेवा के पहले दिन 128 यात्रियों को लेकर इंडिगो एयरलाइंस के विमान 6 ई 113 ने बेंगलुरु से सुबह 5.15 बजे उड़ान भरा जो 7.45 बजे वाराणसी एयरपोर्ट पर पहुंचा। वाराणसी एयरपोर्ट के रनवे पर उतरने के बाद विमान जैसे ही एप्रन की तरफ घुमा उसी समय फायर कर्मियों ने फायर टैंक रोजन वार से विमान को वाटर कैनन सल्यूट दिया गया। उसके बाद इसी विमान ने आज ही वाराणसी एयरपोर्ट से 6ई115 बनकर 8.30 बजे 175 यात्रियों को लेकर बेंगलुरू के लिए उड़ान भरा। नई उड़ान सेवा प्रारंभ होने पर इंडिगो एयरलाइंस के स्थानीय कर्मचारियों ने खुशी जाहिर की। एयरपोर्ट निदेशक अनिल कुमार राय ने कहा की बेंगलुरु उड़ान प्रारम्भ होने से वाराणसी-बेंगलुरुके बीच विमान यात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए एयरलाइंस ने इस उड़ान सेवा प्रारम्भ किया है। उन्होंने यह भी कहा की एयरलाइंस कम्पनियों से बात चल रही है आगामी दिनों में घरेलू व अंतरराष्ट्रीय उड़ाने भी बढ़ेंगी। वाराणसी से अहमदाबाद की सीधी उड़ान सेवा प्रारम्भ यह भी पढ़ें हवाई मार्ग से इन एयरपोर्ट से जुड़ा है वाराणसी वाराणसी एयरपोर्ट पर वर्तमान समय में एयर इंडिया, इंडिगो, स्पाइसजेट, जेट एयरवेज, विस्तारा, बुद्धा एयर आदि एयलाइंसों की उड़ान सेवाएं प्रदान की जाती हैं। जिनमें दिल्ली, मुम्बई, बेंगलुरू, कोलकाता, आगरा, गया, खजुराहो, हैदराबाद, जयपुर, अहमदाबाद आदि एयरपोर्ट के लिए उड़ान सेवाएं प्रारम्भ हो चुकी हैं। वहीं शारजाह के लिए एयर इंडिया एक्सप्रेस, काठमांडू के लिए बुद्धा एयर की आने और जाने वाली अन्तररष्ट्रीय उड़ानें हैं। वहीं यात्रियों की संख्या पर ध्यान दिया जाए तो विमान यात्रियों की संख्या में हर वर्ष तेजी से इजाफा हो रहा है। एयरपोर्ट के अधिकारियों की मानें तो इस वर्ष जून माह में पांच से छह हजार यात्रियों को आवागमन प्रतिदिन दर्ज किया गया जो पिछले वर्षों की तुलना में काफी अधिक है।

विश्व विख्यात धार्मिक व सांस्कृति राजधानी वाराणसी से अब देश के प्रमुख शहरों की सीधी उड़ान मिलेगी। प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कल यहां से काठमांडू की उड़ान को हरी झंडी दिखाई तो आज यहां से बेंगलुरू की सीधी उड़ान शुरू हो गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय …

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इस गांव में है भोलेनाथ की विशाल गुफा, दुनिया के सामने लाएगी आइटीबीबी

आइटीबीपी (भारत-तिब्बत सीमा पुलिस) उच्च हिमालयी क्षेत्र में धारचूला के सीपू गांव स्थित विशालकाय गुफा को देश-दुनिया के सामने लाएगी। इसके लिए डीआइजी एपीएस निंबाडिया के निर्देश पर आइटीबी का एक दल गुफा तक पहुंच गया है। समुद्रतल से 12 हजार फीट की ऊंचाई पर सीपू गांव से करीब 12 किमी दूर स्थित इस गुफा के बारे अब तक सिर्फ स्थानीय लोगों को ही जानकारी है। मान्यता है कि भगवान शिव ने इस गुफा में विश्राम किया था। शिव जिस पत्थर पर बैठे, उस पर आज भी बैठने के निशान हैं। ग्रामीण इस क्षेत्र में मौजूद एक मात्र भोजपत्र के वृक्ष को शिव की लाठी का रूप मानते हैं। गुफा तक पहुंचने के लिए खड़ी चट्टान को पार करना होता है। गांव में बड़ी पूजा होने पर ग्रामीण गुफा तक जाकर प्रसाद चढ़ाते हैं। गुफा के नजदीक ही मिलती माई का तालाब है। गर्मियों में भी पानी से लबालब भरे रहने वाले इस तालाब को सबसे पहले एक तिब्बती व्यापारी ने देखा। कहते हैं कि घोड़े पर सवार यह तिब्बती व्यापारी इस गुफा की गहराई नापने के लिए तालाब में उतरा तो फिर वापस नहीं लौटा। व्यापारी की टोपी सीपू गांव में फूटने वाले इस तालाब के स्रोत से निकली। इस तालाब की भी वर्ष में एक बार विशेष पूजा होती है। चीन सीमा पर आइटीबीपी के 14 हथियार खाई में गिरे, नहीं लगा सुराग यह भी पढ़ें पिछले दिनों क्षेत्र भ्रमण के दौरान सीपू के ग्रामीणों से इन महत्वपूर्ण स्थानों की जानकारी आइटीबीपी के डीआइजी एपीएस निंबाडिया को दी। इस पर उन्होंने आइटीबीपी की एक टीम यहां भेजी। यहां पहुंचे जवानों ने गुफा के बाहर की फोटो ली। जवानों के मुताबिक गुफा के भीतर कई शिवलिंग और बाहर आकर्षक चट्टानें हैं। जवान गुफा में करीब दो किमी भीतर तक गए। अनुमान है कि इसकी लंबाई चार से पांच किमी हो सकती है। डीआइजी निंबाडिया का कहना है कि अब इस स्थल को प्रकाश में लाने की कोशिश की जाएगी।

आइटीबीपी (भारत-तिब्बत सीमा पुलिस) उच्च हिमालयी क्षेत्र में धारचूला के सीपू गांव स्थित विशालकाय गुफा को देश-दुनिया के सामने लाएगी। इसके लिए डीआइजी एपीएस निंबाडिया के निर्देश पर आइटीबी का एक दल गुफा तक पहुंच गया है। समुद्रतल से 12 हजार फीट की ऊंचाई पर सीपू गांव से करीब 12 …

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बाबा महावतार से लोकसभा चुनाव में जीत का आशीर्वाद लेने पहुंची उमा भारती

केंद्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती ने संकेत दिया है कि वे मिशन-2019 के लिए एक बार फिर क्रिया योग के जरिए महावतार बाबा से विजयी होने का आशीर्वाद लेने आई हैं। वहीं, इस दौरान उन्होंने हिमालयी राज्य में बढ़ते जल संकट पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण के लिए केंद्र सरकार ने रोडमैप तैयार कर लिया है। विभिन्न कार्यक्रम शुरू किए हैं। मुख्यमंत्री को विशेष निर्देश दिए हैं, जिससे राज्य में जल संरक्षण से संबंधित कार्यों का क्रियान्वयन किया जा सके। केंद्रीय मंत्री उमा भारती हरिद्वार, रामनगर, रानीखेत होते हुए गुरुवार देर रात द्वाराहाट के दुधोली स्थित विश्राम गृह पहुंची। उमा रात को करीब 11 बजे ही आदिशक्ति दूनागिरि के दर्शन को पहुंच गर्इं। उन्होंने मंदिर के गर्भ गृह में एकांत में ध्यान लगाया। उसके बाद कुकुछिना (कौरवछीना) में गिरीश जोशी के आवास पर भोजन ग्रहण करने के बाद वापस दुधोली अतिथ गृह में रात्रि विश्राम किया। इससे पूर्व केंद्रीय मंत्री ने संक्षिप्त बातचीत में कहा कि राम मंदिर का मसला भारत वर्ष से जुड़ा है। फिलहाल, न्यायालय में भी यह मामला चल रहा है। हम चाहते हैं कि इसके निर्माण से पूर्व सभी राजनीतिक दलों को साथ लाया जाए। सबकी सहमति लेने के बाद ही इस पर कोई ठोस निर्णय लिया जाएगा। बिनसर महादेव के दर पहुंचे पूर्व सीएम रावत, चिमटा बजाकर लोगों संग गाए भजन यह भी पढ़ें वहीं, उमा भारती ने शुक्रवार को फिर से दूनागिरि मंदिर पहुंचकर दर्शन किए। उसके बाद पांडवखोली गुफा में ध्यान लगाने के लिए रवाना हो गईं। सूत्रों के अनुसार उमा पांडवखोली की चोटी पर स्थापित मंदिर भी जाएंगी। इस अलौकिक सौंदर्य आध्यात्मिक ऊर्जा वाले क्षेत्र में उनका प्रवास कितना होगा, यह अभी स्पष्ट नहीं है। गौरतलब है कि पिछले साल यहां आई उमा ने तीन दिन ध्यान लगाया। उमा भारती का ये प्रवास व्यक्तिगत है। इस दौरान वह किसी से मिल नहीं रही। मीडिया से भी दूरी रखी गई है। अलबत्ता केंद्रीय मंत्री की सुरक्षा व्यवस्था के लिए तहसील व पुलिस प्रशासन मौजूद है। पांडव खोली में ध्यान व सुकून के लिए पहुंची उमा भारती यह भी पढ़ें गौरतलब है कि केंद्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती साल 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में जीत का आशीर्वाद लेने आध्यात्मिक केंद्र पांडवखोली (द्वाराहाट) में ध्यान लगाने के पहुंची थी। उन्होंने महाअवतार बाबा का आशीर्वाद भी लिया था।

केंद्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती ने संकेत दिया है कि वे  मिशन-2019 के लिए एक बार फिर क्रिया योग के जरिए महावतार बाबा से विजयी होने का आशीर्वाद लेने आई हैं। वहीं, इस दौरान उन्होंने हिमालयी राज्य में बढ़ते जल संकट पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि जल …

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मेमोरी मशीन के नाम से मशहूर हैं ये दो बहनें, हर सवाल का जवाब इनके पास

शिक्षक माता-पिता की जीनियस बहनें देश के साथ-साथ विदेश में भी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुकी हैं। पीलीभीत निवासी दोनों बहनें बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का संदेश लेकर पिता के साथ राजधानी पहुंचीं। दोनों बहनें 2009 से प्रशासनिक अधिकारियों के समक्ष सामान्य ज्ञान प्रदर्शन कर चुकी हैं। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत और पीएम के भाई सोमा भाई मोदी समेत तमाम हस्तियां बाल प्रतिभाओं की हौसलाअफजाई कर चुके हैं। नेपाली एफएम शो में भी जीनियस बहनों ने टैलेंट दिखाया था। साथ ही नेपाल में बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ अभियान के तहत जागरूकता रैली निकाली थी। हर सवाल का है जवाब: 11 साल की हनी और 8 साल की हंसी के जीके डिस्कनरी में देश-विदेश के करीब हजारों सवालों का जवाब है। दुनिया के किसी भी क्षेत्र कर क्षेत्रफल से लेकर, वहां के राष्ट्रध्यक्ष देश-विदेश के समसमायिक से लेकर इतिहास भूगोल का गहरा अध्ययन दोनों के भीतर है। नौगवां संतोष में रहने वाली दोनों बहनें मौजूद समय में बीसलपुर में रहती हैं। –– ADVERTISEMENT –– मेरठ में देश की नंबर वन महिला टीम तैयार करने में जुटी आरएएफ बटालियन यह भी पढ़ें घर पर मिला माहौल : पिता दिग्विजय सिंह ने बताया कि घर पर बच्चों को ट्यूशन पढ़ाते थे। पहले बड़ी बेटी हनी ने उस दौरान पढ़ाई जाने वाली चीजों को ग्रहण करना शुरू कर दिया। फिर हसी ने भी अनुसरण किया। खासियत : नार्मल डिलीवरी के लिए मिलेगी Birth Companion लेबर रूम तक ले जाने की सुविधा यह भी पढ़ें तीन मिनट में 250 प्रदेश/देशों की राजधानी सुनाती हैं। - पांच मिनट में 250 प्रदेश/देशों का क्षेत्रफल सुना लेती हैं। Climate change: मौसम में अप्रत्याशित बदलाव जलवायु परिवर्तन की चेतावनी तो नहीं यह भी पढ़ें - इंग्लिश व हिंदी की अंताक्षरी में माहिर। - शिक्षा संबंधित विभिन्न विषयों के जटिलतम टॉपिक को धारा प्रवाह सुनाने की कला।

शिक्षक माता-पिता की जीनियस बहनें देश के साथ-साथ विदेश में भी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुकी हैं। पीलीभीत निवासी दोनों बहनें बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का संदेश लेकर पिता के साथ राजधानी पहुंचीं। दोनों बहनें 2009 से प्रशासनिक अधिकारियों के समक्ष सामान्य ज्ञान प्रदर्शन कर चुकी हैं। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश …

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उत्तराखंड में बनेंगी फ‌र्स्ट रेफरल यूनिट, पटरी पर आएंगी स्वास्थ्य सेवाएं

सरकार अब स्वास्थ्य सेवाओं को और मजबूत बनाने के लिए प्रदेश में 16 फ‌र्स्ट रेफरल यूनिट (एफआरयू) खोलने जा रही है। हर जिला अस्पताल को रेफरल यूनिट बनाया जाएगा। इसके अलावा तीन मुख्य तहसीलों में भी रेफरल यूनिट खोलने की तैयारी है। इन यूनिटों में विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती रहेगी। मंशा यह है कि मरीजों को अपने जिले में ही हर संभव इलाज मिल सके। प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्त करना हर सरकार के लिए चुनौती रहा है। आज भी पर्वतीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं पटरी पर नहीं आ पा रही हैं। इसका सबसे बड़ा कारण चिकित्सकों की कमी होना है। मौजूदा सरकार ने इस समय प्रदेश में चिकित्सकों की कमी को पूरा करने की दिशा में कदम बढ़ाए हैं। हाल ही में सरकार ने 500 से अधिक नए चिकित्सकों की भर्ती की है। अब इन चिकित्सकों के बेहतर उपयोग के लिए प्रदेश में 16 नए एफआरयू खोलने की तैयारी चल रही है। दरअसल, प्रदेश के अधिकांश जिलों में उचित स्वास्थ्य सेवाओं के न होने के चलते परिजन मरीजों को प्रमुख जिलों में लेकर आते थे। कई बार ऐसा भी हुआ कि चिकित्सा सुविधा के अभाव में मरीज रास्ते में दम तोड़ गए। गढ़वाल मंडल में देहरादून और कुमाऊं मंडल में हल्द्वानी के जिला अस्पतालों में अन्य जिलों से आने वाले मरीजों की भरमार लगी रहती है। इसे देखते हुए अब सरकार ने हर जिला अस्तपाल को एफआरयू बनाने का निर्णय लिया है। इनके अलावा ऋषिकेश, कोटद्वार और रुद्रपुर में भी एफआरयू खोले जाएंगे। इसका मकसद यह है कि मरीजों को हर संभव इलाज अपने ही जिले में मिल सके। इसके लिए इन सभी एफआरयू में विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती की जाएगी। इसके अलावा इन चिकित्सालयों को आधुनिक उपकरणों से भी लैस किया जाएगा। पहले चरण में तकरीबन 72 चिकित्सकों को इन एफआरयू में तैनात किया जाएगा। इन दिनों शासन में इन चिकित्सकों के नाम तय किया जा रहे हैं। इन चिकित्सकों की तैनाती के बाद एफआरयू विधिवत तरीके से संचालित होने लगेंगे। जल्द ही इस संबंध में शासनादेश जारी होने की संभावना है।सरकार अब स्वास्थ्य सेवाओं को और मजबूत बनाने के लिए प्रदेश में 16 फ‌र्स्ट रेफरल यूनिट (एफआरयू) खोलने जा रही है। हर जिला अस्पताल को रेफरल यूनिट बनाया जाएगा। इसके अलावा तीन मुख्य तहसीलों में भी रेफरल यूनिट खोलने की तैयारी है। इन यूनिटों में विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती रहेगी। मंशा यह है कि मरीजों को अपने जिले में ही हर संभव इलाज मिल सके। प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्त करना हर सरकार के लिए चुनौती रहा है। आज भी पर्वतीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं पटरी पर नहीं आ पा रही हैं। इसका सबसे बड़ा कारण चिकित्सकों की कमी होना है। मौजूदा सरकार ने इस समय प्रदेश में चिकित्सकों की कमी को पूरा करने की दिशा में कदम बढ़ाए हैं। हाल ही में सरकार ने 500 से अधिक नए चिकित्सकों की भर्ती की है। अब इन चिकित्सकों के बेहतर उपयोग के लिए प्रदेश में 16 नए एफआरयू खोलने की तैयारी चल रही है। दरअसल, प्रदेश के अधिकांश जिलों में उचित स्वास्थ्य सेवाओं के न होने के चलते परिजन मरीजों को प्रमुख जिलों में लेकर आते थे। कई बार ऐसा भी हुआ कि चिकित्सा सुविधा के अभाव में मरीज रास्ते में दम तोड़ गए। गढ़वाल मंडल में देहरादून और कुमाऊं मंडल में हल्द्वानी के जिला अस्पतालों में अन्य जिलों से आने वाले मरीजों की भरमार लगी रहती है। इसे देखते हुए अब सरकार ने हर जिला अस्तपाल को एफआरयू बनाने का निर्णय लिया है। इनके अलावा ऋषिकेश, कोटद्वार और रुद्रपुर में भी एफआरयू खोले जाएंगे। इसका मकसद यह है कि मरीजों को हर संभव इलाज अपने ही जिले में मिल सके। इसके लिए इन सभी एफआरयू में विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती की जाएगी। इसके अलावा इन चिकित्सालयों को आधुनिक उपकरणों से भी लैस किया जाएगा। पहले चरण में तकरीबन 72 चिकित्सकों को इन एफआरयू में तैनात किया जाएगा। इन दिनों शासन में इन चिकित्सकों के नाम तय किया जा रहे हैं। इन चिकित्सकों की तैनाती के बाद एफआरयू विधिवत तरीके से संचालित होने लगेंगे। जल्द ही इस संबंध में शासनादेश जारी होने की संभावना है।

सरकार अब स्वास्थ्य सेवाओं को और मजबूत बनाने के लिए प्रदेश में 16 फ‌र्स्ट रेफरल यूनिट (एफआरयू) खोलने जा रही है। हर जिला अस्पताल को रेफरल यूनिट बनाया जाएगा। इसके अलावा तीन मुख्य तहसीलों में भी रेफरल यूनिट खोलने की तैयारी है। इन यूनिटों में विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती रहेगी। …

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कबीर ने कहा था- सेवा में मन लगाओ, कुछ लोगों का मन आलीशान बंगले में लगा : नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जाति-पंथ से परे होकर मानवता के धर्म का अनुपालन करने की सीख देने वाले संत कबीरदास की निर्वाण स्थली मगहर पहुंचे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनसभा का संबोधन भोजपुरी में शुरू किया तो वहां का जनमानस उनका मुरीद हो गया। आजादी के बाद से यह पहला मौका है जब कोई प्रधानमंत्री मगहर आया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज के दौर में सत्ता का लालच ऐसा है कि आपातकाल लगाने वाले और उस समय आपातकाल का विरोध करने वाले एक साथ आ गए हैं। यह सभी लोग समाज नहीं, सिर्फ अपने और अपने परिवार का हित देखते हैं। देश में कुछ दलों को शांति और विकास नहीं, कलह और अशांति चाहिए। उनको लगता है जितना असंतोष और अशांति का वातावरण बनाएंगे उतना राजनीतिक लाभ होगा। समाजवाद और बहुजन की बात करने वालों का सत्ता के प्रति लालच आप देख रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहा कि हमारी सरकार ने आवास योजना के तहत गरीबों को घर देना शुरू किया है। हमने पूछा पहले की यूपी सरकार गरीबों के लिए बनाए जाने वाले घरों की कम से कम संख्या तो बताएं, लेकिन उन्हें अपने बंगलों में रुचि थी। वो हाथ पर हाथ रखकर बैठे रहे। उन्होंने गरीबों के लिए कुछ नहीं किया। वे सिर्फ सियासत करते रहे। उन्होंने कहा कि कबीर ने कहा था कि सेवा में मन लगाओ, लेकिन कुछ लोगों को मन सिर्फ अपना बंगले में लगा हुआ है। समाजवाद और बहुजन की बातें करने वाले लोग आज जनता को ठगने का काम कर रहे हैं।गांधी परिवार पर हमला करते हुए प्रधानमंत्री ने कबीर की बातों का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि कबीर शासक के रूप में भगवान राम की बातें करते थे, लेकिन आज के समय में कई परिवार खुद को जनता का भाग्य-विधाता समझते हैं। –– ADVERTISEMENT –– मन की बात में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डाला मगहर पर प्रकाश यह भी पढ़ें प्रधानमंत्री ने कहा कि सच्चाई यह है कि ऐसे लोग जमीन से कट चुके हैं। उन्होंने कहा कि देश के राजनेताओं को गरीबों की चिंता नहीं रही। उन्‍होंने कभी गरीबों के लिए घर का निर्माण नहीं कराया। जब मोदी सरकार आई तो गरीबों के लिए छत का इंतजाम शुरू करा दिया। अभी दो दिन पहले ही देश में आपातकाल के 43 साल हुए। सत्ता की लालच ऐसा हो गया है कि आपातकाल लाने वाले और उसका विरोध करने वाले कंधा से कंधा मिला लिए हैं। 2 दिन पहले देश में आपातकाल को 43 साल हुए हैं। सत्ता का लालच ऐसा है कि आपातकाल लगाने वाले और उस समय आपातकाल का विरोध करने वाले एक साथ आ गए हैं। समाज नहीं, सिर्फ अपने और अपने परिवार का हित देखते हैं। संतकबीर दास की परिनिर्वाण स्थली मगहर पर आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मोदी ने उपस्थित जनसमुदाय को भोजपुरी में प्रणाम किया और कहा कि इस पावन भूमि को प्रणाम करत बानी। यह हमार सौभाग्य है कि आज हम यहां आइल बानी। मगहर आकर मन को विशेष संतोष मिला। मैंने गुफा को देखा जहाँ कबीर साधना किया करते थे। यहीं पर संतकबीर, गुरु नानक व गुरु गोरखनाथ ने आध्यत्मिक चर्चा की थी। पीएम मोदी ने कहा कि 14-15 वर्ष पहले जब पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम जी यहां आए थे, तब उन्होंने इस जगह के लिए एक सपना देखा था। उनके सपने को साकार करने के लिए,मगहर को अंतरराष्ट्रीय मानचित्र में सद्भाव-समरसता के मुख्य केंद्र के तौर पर विकसित करने का काम अब किया जा रहा है। संतकबीर नगर में पीएम नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम स्थल मगहर में पानी एकत्र यह भी पढ़ें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि तीन तलाक के मामले में भी इन राजनीतिक दलों को देखा है। आज मुस्लिम महिलाएं भी तीन तलाक के खिलाफ हैं। लेकिन राजनीतिक दलों के लोग मुस्लिम महिलाओं की भलाई की कोई चिंता नहीं है। कबीरदास ने कहा था कि शासक वही है जो जनता की पीड़ा को समझता हो और उसका निदान करता हो। पर अफसोस कुछ परिवार आज कबीरदास की बात को पूरी तरह नकारने में लगे हैं। वह भूल गए हैं कि आज हमारे साथ कबीर दास हैं। कबीर दास मनुष्य-मनुष्य के बीच भेद पैदा करने वालों के खिलाफ थे। मन की बातः मोदी ने उल्लेख किए संत कबीर के पांच दोहे, मगहर को देंगे करोड़ों की सौगात यह भी पढ़ें प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कबीर के दर्शन को लोग नहीं समझ रहे हैं। हमारी सरकार गरीब, दलित, पीडि़त, वंचित लोगों के लिए काम कर रही है। लगभग पांच करोड़ लोगों का खाता खुलवाया। करीब एक करोड़ लोगों को सुरक्षा बीमा का कवच देकर और यूपी के गांवों में सवा करोड़ शौचालय बनवाया। हमने सुलभ स्वास्थ्य सुविधाएं देने का वीणा उठाया है। कबीर श्रमयोगी थे। कबीर ने कहा था कि काल करे सो आज कर, उसी के तहत तेजी के साथ बन रही सड़कें एवं कार्य कबीर के विचारों का प्रतिबिंब है। भारत का पूर्वी भाग विकास से अलग कर दिया था। आज काम हो रहा है। संत कबीर धूल से उठे लेकिन माथे का चन्दन बन गए, वो व्यक्ति से अभिव्यक्ति और इससे आगे बढ़कर शब्द से शब्दब्रह्म हो गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज मुझे भी तीर्थ स्थल पर आने का मौका मिला। मैने कबीर की मजार पर चादर चढ़ाई, फूल चढ़ाया। कबीर दास की गुफा भी देखी। उन्होंने कहा कि यह भूमि पूण्य फल देने वाला है। करीब 24 करोड़ रुपये की लागत से कबीर के कार्यक्रम को आगे बढ़ाया जाएगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि कबीर का पूरा जीवन सत्य की खोज में बीता है। वह फक्कड़ स्वभाव के थे, लेकिन दिल के साफ थे। बाहर से कठोर और भीतर से कोमल थे। वह अपने जन्म से नहीं कर्म से महान बन गए। योग, कबीर और कुंभ को वैश्विक पहचान दिलाना प्रधानमंत्री का लक्ष्य यह भी पढ़ें प्रधानमंत्री ने कहा कि कबीर व्यक्ति से अभिव्यक्ति बन गए। उन्होंने समाज की चेतना को जागृत करने का काम किया। उन्‍होंने कहा था कि यदि हृदय में राम है तो क्या काशी क्या मगहर। कबीर दास कहते थे कि हम काशी में प्रकट भये हैं, रामानंद चेताए। कबीर भारत की आत्मा और रससार कहे जा सकते हैं। उन्होंने जाति-पाति के भेद तोड़ा। वह सबके थे, इसलिए सब उनके हो गए। संत रामानंद ने संत कबीर को रामनाम की राह दिखाई। आज महापुरुषों के नाम पर राजनीति की जा रही है। समाज को सदियों से दिशा दे रहे मार्गदर्शक, समभाव और समरसता के प्रतिबिम्ब महात्मा कबीर को उनकी ही निर्वाण भूमि से मैं उन्हें कोटि-कोटि नमन करता हूँ। सैकड़ों वर्षों की गुलामी के कालखंड में अगर देश की आत्मा बची रही, तो वो ऐसे संतों की वजह से ही हुआ। कबीर ने जाति-पाति के भेद तोड़े, "सब मानुस की एक जाति” घोषित किया, अपने भीतर के अहंकार को ख़त्म कर उसमें विराजे और ईश्वर का दर्शन करने का रास्ता दिखाया। कबीर की साधना 'मानने’ से नहीं, ‘जानने’ से आरम्भ होती है। सिर से पैर तक मस्तमौला, स्वभाव के फक्कड़, आदत में अक्खड़, भक्त के सामने सेवक, बादशाह के सामने प्रचंड दिलेर, दिल के साफ, दिमाग के दुरुस्त, भीतर से कोमल बाहर से कठोर थे। प्रधानमंत्री ने कहा कि कबीर को समझने के लिए कोई भाषा नहीं गढ़ी। बोलचाल की भाषा का इस्तेमाल किया। बोलचाल की भाषा में ही उन्होंने जीवन दर्शन को बताया। उनके कई दोहों का उदाहरण देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि समय के साथ समाज में आने वाली आंतरिक बुराइयों को समाप्त करने के लिए ऋषियों, मुनियों ने हमें मार्ग दिखाया। देश की चेतना को बचाने का कार्य संतों ने समय समय पर किया। उन्होंने बल्लभाचार्य, रामानुजाचार्य, रामानंद, तुलसी आदि कई संतों का नाम लेते हुए कहा कि उस दौर में भी तमाम विपत्तियों से गुजरते हुए समाज को नई दिशा दी। रामानंद ने तो समाज के सभी वर्गों को जोड़कर जाति-पाति और छुआछूत को समाप्त किया। संत कबीर के बाद संत रैदास आए। अंबेडकर आए। सभी ने अपने-अपने तरीके से समाज को रास्ता दिखाया। बाबा साहब अंबेडकर ने हमें जीने का अधिकार दिया। आज समाज में राजनीतिक लाभ लेने के लिए समाज में असंतोष पैदा कर रहे हैं। गरीब के लोगों के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए तत्कालीन प्रदेश सरकार ने सहयोग नहीं किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि सच्चाई यह है कि ऐसे लोग जमीन से कट चुके हैं। उन्होंने कहा कि देश के राजनेताओं को गरीबों की चिंता नहीं रही। उन्होंने कभी गरीबों के लिए घर का निर्माण नहीं कराया। जब मोदी सरकार आई तो गरीबों के लिए छत का इंतजाम शुरू करा दिया। अभी दो दिन पहले ही देश में आपाल काल के 47 साल हुए। सत्ता की लालच ऐसा हो गया है कि आपात काल लाने वाले और उसका विरोध करने वाले कंधा से कंधा मिला लिए हैं। प्रधानमंत्री ने साहेब बंदगी, साहेब बंदगी कहते हुए सभा को समाप्त किया। सबका साथ, सबका विकास संत कबीर के विचारों की प्रतिध्वनि : योगी आदित्यनाथ मगहर की जनसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया। उन्होंने कहा कि संत कबीर के विचारों की प्रतिध्वनि ही सबका साथ सबका विकास भावना की है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्वांचल के साथ ही उत्तर प्रदेश को वह सब सौगात दी, जिसकी प्रदेश को लंबे समय से दरकार थी। प्रधानमंत्री ने गोरखपुर में एम्स, बस्ती में मेडिकल कालेज तथा सिद्धार्थ नगर में मेडिकल कालेज दिया है। पीएम मोदी ने ने उत्तर प्रदेश को रामायण सर्किट देने के साथ ही हमारे देश की विधा योग को वैश्विक मान्यता दिलाई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मध्यकालीन महान संत कबीरदास ने देश की रूढिय़ों के खिलाफ आवाज उठाई थी। उसी तरह लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी मोदी ने सबका साथ सबका विकास का नारा दिया था। आज भारत के अंदर विश्वास का वातावरण बन रहा है। भारत दुनिया के सामने सबसे तेज अर्थव्यवस्था बनाने में सफल हो रहा है। स्वच्छ भारत मिशन के तहत 72 लाख से ज्यादा शौचालय बनवाने का कार्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया। इनकी ही प्रेरणा से 7250000 गैस कनेक्शन सिर्फ उत्तर प्रदेश के गरीब परिवारों को मिला है। 26 वर्ष से बंद यहां के गोरखपुर खाद कारखाने का को पुन:चलाने का काम शुरू हो गया है। गोरखपुर में एक नई चीनी मिल और बस्ती में बंद चीनी मिल खुलवाने का कार्य हुआ है। देश में रुढ़ीवाद, क्षेत्रवाद, भाषावाद जब तक रहेगा तब तक विकास नहीं हो सकता है। महान संत कबीर दास ने इसे मध्यकाल में ही शुरू कर दिया था। इससे पहले कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री देश के चतुर्दिक विकास के लिए दृढ़ संकल्पित हैं। सामाजिक एकता और भाईचारे के प्रतीक संतकबीर ने कर्म क्षेत्र को सर्व श्रेष्ठ माना है। उसी तरह के कार्य अपने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मोदी कर रहे हैं। संत‍कबीर दास की परिनिर्वाण स्थली पर आयोजित जनसभा स्थल पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाथ उठाकर जनसभा में उपस्थित लोगों का अभिवादन किया। मगहर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में सभा मंच पर सांस्कृतिक प्रस्तुति शुरू हो गई है। कबीर पंथियों का निर्गुण भजन चल रहा है। इससे पहले उन्होंने संत कबीर की समाधि और मजार पर चादर चढ़ाकर शीश नवाया। वह कबीर गुफा में भी गए। ऐसा कहा जाता है कि कबीर गुफा में संतकबीर दास ध्यान किया करते थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी हैं। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने 24.9375 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली संतकबीर शोध अकादमी का शिलान्यास किया। पीएम मोदी की इस रैली को लोकसभा चुनाव के अभियान की शुरुआत के रूप में देखा जा रहा है। इससे पहले लखनऊ के चौधरी चरण सिंह इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ ही उनके मंत्रिमंडल के सदस्य, लखनऊ की मेयर संयुक्ता भाटिया, मुख्य सचिव राजीव कुमार, डीजीपी ओपी सिंह तथा अन्य प्रशासनिक अधिकारियों ने पीएम नरेंद्र मोदी का स्वागत किया। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चार हेलीकॉप्टर के बेड़े के साथ संतकबीर नगर रवाना हो गए। लखनऊ के एयरपोर्ट पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने लाल गुलाब देकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत किया। उनके साथ सीएम योगी आदित्यनाथ तथा कैबिनेट मंत्री डॉ. रीता बहुगुणा जोशी व चौधरी लक्ष्मीनारायण भी गए हैं। CM Office, GoUP ✔ @CMOfficeUP संत कबीर नगर में मा. प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और #UPCM श्री #YogiAdityanath संत कबीर की समाधि​ स्थल पर। #PMIn… https://www.pscp.tv/w/bgRo8jEzMzk5MzAwfDFsRHhMWFl6cm9QeG2R0FcC5NQ-whtcE7rLDNHjwK_qLJ5fEB9aqKhpsbUHRg== … 10:56 AM - Jun 28, 2018 CM Office, GoUP @CMOfficeUP संत कबीर नगर में मा. प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और #UPCM श्री #YogiAdityanath संत कबीर की समाधि​ स्थल पर। #PMInMagha pscp.tv 769 217 people are talking about this Twitter Ads info and privacy मगहर में बारिश संतकबीर दास की परिनिर्वाण स्थली मगहर में इस समय बारिश शुरू हो गई है। यहीं पर प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी आने वाले हैं और वह सभा को संबोधित करेंगे। बारिश के बावजूद प्रधानमंत्री को सुनने के लिए आने वालों का क्रम जारी है। इसमें आम जनता के साथ बड़ी संख्या में कबीरपंथी शामिल हो रहे । मगहर में प्रधानमंत्री को सुनने बड़ी संख्या में महिलाएं भी पहुंच पीएम मोदी ने कहा था कि संत कबीरदास ने अपनी अंतिम सांसे मगहर में ली थी, जबकि लोगों में आम धारणा है कि जिसकी भी मृत्यु वहां होती है, उसे स्वर्ग की प्राप्ति नहीं होती।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जाति-पंथ से परे होकर मानवता के धर्म का अनुपालन करने की सीख देने वाले संत कबीरदास की निर्वाण स्थली मगहर पहुंचे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनसभा का संबोधन भोजपुरी में शुरू किया तो वहां का जनमानस उनका मुरीद हो गया। आजादी के बाद से यह पहला मौका है …

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कॉलेज को फीस वापस न करना पड़ा महंगा कोर्ट ने लगाया जुर्माना

एडमिशन कैंसिल कराने के बाद जमा फीस स्टूडेंट को वापस न करना भोजीपुरा स्थित एक इंजीनियंरिग कॉलेज को महंगा पड़ गया. स्टूडेंट ने कॉलेज के खिलाफ कंज्यूमर फोरम में वाद दायर कर दिया. स्टूडेंट के दायर वाद पर कोर्ट ने सुनवाई करते हुए इंजीनियरिंग कॉलेज पर फीस वापस करने के …

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