Wednesday , January 15 2025

राज्यों से

योग की मदद से पैरालिसिस पर पाई विजय

शाजापुर के इंश्योरेंस एजेंट यशपाल शर्मा के योग के साथ अनुभव आश्चर्यजनक हैं। 45 साल के शर्मा 2001 में हृदय विकार के शिकार हुए और दिल्ली में ऑपरेशन करवाना पड़ा। 2004 में उनके शरीर का बायां हिस्सा सुन्ना पड़ गया। देखते-देखते यह पैरालिसिस में बदल गया। उठना-बैठना भी मुश्किल हो गया। काम भी छूट गया। तीन साल में इलाज पर करीब 10 लाख रुपए खर्च हो गए, लेकिन फर्क नहीं पड़ा। बीमारी के दौरान टीवी पर योग के महत्व बारे में पता चला। बीमारी से छुटकारा पाने के लिए उन्होंने योग का सहारा लेने का मन बना लिया। योग के बारे में पढ़-समझ कर योग शुरू कर दिया। इससे कुछ समय में ही उन्हें लाभ दिखाई देने लगा। सालभर में पूरी तरह स्वस्थ हो गए। योग में डिप्लोमा करने के बाद अब वे लोगों को योग सिखाने का काम कर रहे हैं

शाजापुर के इंश्योरेंस एजेंट यशपाल शर्मा के योग के साथ अनुभव आश्चर्यजनक हैं। 45 साल के शर्मा 2001 में हृदय विकार के शिकार हुए और दिल्ली में ऑपरेशन करवाना पड़ा। 2004 में उनके शरीर का बायां हिस्सा सुन्ना पड़ गया। देखते-देखते यह पैरालिसिस में बदल गया। उठना-बैठना भी मुश्किल हो …

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लालू प्रसाद यादव को सजा सुनाने वाले सीबीआई जज के गांव जालौन में चोरी

राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाला के मामले में सजा सुनाने वाले जज शिवपाल सिंह की परेशानी बढ़ती ही जा रही है। मूलत: जालौन के उरई के निवासी शिवपाल सिंह के गांव में पहले रास्ते का विवाद था, अब उसके पैतृक आवास में चोरी हो गई है। जज के घर पर हुई चोरी की खबर पाकर सीओ, एसडीएम व फोरेंसिक टीम भी पहुंची। फिलहाल मामले की छानबीन की जा रही है। जालौन में कल रात सीबीआई जज शिवपाल सिंह के पैतृक गांव में चोरों ने करीब एक लाख रुपया के सोना-चांदी तथा 40 हजार रुपया नकद चोरी कर लिया। आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाले में सजा सुनाने वाले सीबीआई जज शिवपाल सिंह के जालौन में पुस्तैनी घर में लाखों की चोरी हुई है। कल रात चोरों ने करीब एक लाख रुपये के सोने-चांदी के जेवरात और 40 हजार रुपये नकद पर हाथ साफ कर दिया। अब पुलिस मौके पर तफ्तीश में जुटी है। शिवपाल सिंह का घर कोतवाली जालौन के ग्राम शेखपुर खुर्द में स्थित है। मामला कोतवाली जालौन के शेखपुर खुर्द गाव का है जो झारखंड के सीबीआई कोर्ट के न्यायाधीश शिवपाल सिंह का पैतृक गांव है। गांव में उनके भाई रहते हैं। कल रात न्यायाधीश के भाई सुरेंद्र पाल घर के अन्य लोगो के साथ छत पर सो रहे थे। आज सुबह जब यह लोग नीचे आए तो देखा कि घर का सारा सामान बिखरा पड़ा है। इसके बाद आनन-फानन में परिवार के सदस्यों ने ग्रामीणों और पुलिस को घटना की जानकारी दी। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने तफ्तीश शुरू कर दी। पुलिस का कहना है कि जल्द ही मामले में खुलासा कर दिया जाएगा।

राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाला के मामले में सजा सुनाने वाले जज शिवपाल सिंह की परेशानी बढ़ती ही जा रही है। मूलत: जालौन के उरई के निवासी शिवपाल सिंह के गांव में पहले रास्ते का विवाद था, अब उसके पैतृक आवास में चोरी हो …

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आप विधायक पर खनन माफिया का हमला, गंभीर हालत में पीजीआइ रेफर

यहां वीरवार को दोपहर बाद अाम अादमी पार्टी के विधायक अमरजीत सिंह संदोआ पर खनन माफिया के लाेगों ने हमला कर दिया। इससे वह घायल हाे गए अौर उनकी हाले गंभीर बताई जा रही है। वह सतलुज नदी के किनारे हो रहे रेत खनन का जायजा लेने पहुंचे थे। उनको इलाज के लिए रूपनगर के सिविल अस्‍पताल ले जाया गया और वहां से चंडीगढ़ पीजीआइ रेफर कर दिया गया। इस घटना से क्षेत्र में हड़कंप मच गया। जानकारी के अनुसार, रूपनगर के आम आदमी पार्टी के विधायक अमरजीत सिंह संदोआ काे सतलुज दरिया के किनारे अवैध रेत खनन की शिकायत मिली थी। अमरजीत जिले की बाइहारा खड्ड पर पहुंचे। इस दौरान मीडियाकर्मी भी उनके साथ थे। यहां पोक मशीनों से लगातर दरिया से रेत निकाली जा रही थी। सूचना मिलने पर माफिया के लोगों ने मशीनों को वहां से हटा दिया। हमले के बाद रूपनगर के सिविल अस्‍पताल में लाए गए आप विधायक अमरजीत सिंह संदोआ। जैसे ही विधायक रेत निकासी वाले स्थान पर पहुंचे तो डंडों और तेजधार हथियारों से लैस माफिया के लोगों ने उन पर हमला कर दिया। उनको उपचार के लिए तुरंत रूपनगर के सिविल अस्पताल लाया गया। बताया गया है कि हमले के दौरान एक पत्थर उनकी छाती में लगा। इससे उनकी हालत ज्यादा खराब हो गई। इस दौरान मीडिया कर्मियों के कैमरे छीनने की कोशिश भी की गई। अमरजीत सिंह संदोआ को चंडीगढ़ पीजीआइ ले जाते कर्मचारी। घटना की सूचना मिलने के बाद रूपनगर के एसएसपी राज बचन सिंह संधू भी पहुंचे आैर अमरजीत सिंह संदोआ से बातचीत की। रूपनगर के सिविल अस्‍पमाल में उनका प्रारंभिेक इलाज करने के बाद हालत गंभीर होने के कारण संदोआ को चंडीगढ़ पीजीआइ रेफर क‍र दिया गया।

यहां वीरवार को दोपहर बाद अाम अादमी पार्टी के विधायक अमरजीत सिंह संदोआ पर खनन माफिया के लाेगों ने हमला कर दिया। इससे वह घायल हाे गए अौर उनकी हाले गंभीर बताई जा रही है। वह सतलुज नदी के किनारे हो रहे रेत खनन का जायजा लेने पहुंचे थे। उनको …

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प्रशांत महासागर की ऊंची लहरों से नहीं डरी वर्तिका, तारिणी पर था पूरा भरोसा

हौसले हैं बुलंद हर मुश्किल को आसां बना देंगे, छोटी टहनियों की क्या बिसात, हम बरगद को हिला देंगे। वो और हैं जो बैठ जाते हैं थक कर मंजिल से पहले, हम बुलंद हौसलों के दम पर आसमां को झुका देंगे। भारतीय नौसेना के सबसे चुनौतीपूर्ण अभियान 'नाविका सागर परिक्रमा' को सफलता पूर्वक अंजाम देने वाली नौसेना की लेफ्टिनेंट कमांडर वर्तिका जोशी ने कुछ इसी अंदाज में अपने विजय अभियान को बयां किया। उन्होंने बताया कि नाविका सागर परिक्रमा एक चुनौतीपूर्ण अभियान था, चूंकि आज तक किसी ने भी इस तरह का अभियान पाल नौका के जरिये पूरा नहीं किया था और वह भी सिर्फ महिलाओं के क्रू ने। वर्तिका जोशी ने बताया कि 254 दिन तक चले इस अभियान में कई विपरीत परिस्थितियों से गुजरना पड़ा। कई बार तो समुद्र की लहरों ने ऐसी चुनौती दी कि मन भीतर तक कांप गया। मगर, अभियान दल के पक्के इरादे और दृढ़ निश्चय ने सभी चुनौतियों को आसान बना दिया। उन्होंने बताया कि 10 दिसबंर को उन्होंने गोवा से इस अभियान की शुरुआत की थी। मगर, सबसे अधिक चुनौती प्रशांत महासागर ने दी। जब वह धरती से करीब पांच हजार किलोमीटर दूर केथोन में थे तभी एक समुद्री तूफान आ गया। केथोन को समुद्र का माउंट एवरेस्ट कहा जाता है। इस तूफान को वह पांच दिनों से समझने की कोशिश कर रहे थे। मगर आखिर एक रात को समुद्र में भयंकर तूफान आ गया। समुद्र की लहरें नौ से दस मीटर तक ऊंची उठने लगी। ऐसा लगा मानो कोई लहर इस छोटी सी नौका को अपने आगोश में ले लेगी। मगर, हमने हार नहीं मानी और समुद्र की लहरों से जूझते रहे और आखिर हम उस तूफान से निकलने में कामयाब रहे। जानिए लेफ्टिनेंट कमांडर वर्तिका जोशी ने क्या कहा छात्र-छात्राओं से यह भी पढ़ें उन्होंने बताया कि उस समय उनकी टीम ने लगातार 20 से 25 घंटे तक बिना सोये इस तूफान का मुकाबला किया। उन्होंने बताया कि समुद्र हमेशा डरावना ही नहीं होता, हमारे समुद्र में कई अच्छे अनुभव भी रहे। अभियान के आखिरी चरण में तो एक समय ऐसा भी आया जब हमें समुद्र में हवा भी नहीं मिली, चूंकि यह नौका हवा से ही चलती है, इसलिए हमें कई दिन तक एक ही जगह पर रुकना भी पड़ा। मां के शब्द आते रहे याद अब स्कूलों में सुरक्षित रहेंगे बच्चे, गुड टच-बेड टच पर होगा 'तीसरी' आंख का पहरा यह भी पढ़ें लेफ्टिनेंट वर्तिका जोशी ने बताया कि जब वह अभियान पर जाने वाली थी तो ठीक पांच दिन पहले वह मां और पिता से मिलने ऋषिकेश आई थी। मगर, पता चला कि मां जॉलीग्रांट हास्पिटल में भर्ती है और वह गंभीर रूप से बीमार है। वह जब मिलने गई तो मां ने कहा कि वर्तिका तुम पीछे मुड़कर मत देखना और लक्ष्य पूरा करके ही लौटना। वर्तिका ने बताया कि 254 दिन के इस सफर में उन्हें कई बार मां की याद आई मगर, आखिर मां के वही शब्द जेहन में आ जाते और फिर सबकुछ सामान्य हो जाता। तारिणी पर था पूरा भरोसा वर्तिका जोशी ने बताया कि इस अभियान को लेकर उन्हें स्वयं तथा टीम के अलावा तारिणी नौका पर भी पूरा भरोसा था। यही वजह रही कि कई बार जटिल खराबी आने के बाद भी तारिणी ने उन्हें किसी भी प्रकार की परेशानी में नहीं डाला। वर्तिका ने बताया कि तारिणी को फरवरी 2017 में नौसेना में कमीशन किया गया था। जब तारिणी पर पहली लकड़ी लगाई तब से वह तारिणी को करीब से देख रही थी। इस बोट से मेरा करीबी रिश्ता बन गया था, इसलिए तारिणी की कार्यकुशलता पर उन्हें पूरा भरोसा था। वर्तिका ने बताया कि किस तरह तारिणी में सवार वह छह महिला अधिकारी ही सब कुछ थी। उन्हें स्वयं खाना बनाना होता था, इलेक्ट्रीशियन, प्लंबर, सफाई कर्मी सहित सभी भूमिकाएं स्वयं निभानी होती थी।

हौसले हैं बुलंद हर मुश्किल को आसां बना देंगे, छोटी टहनियों की क्या बिसात, हम बरगद को हिला देंगे। वो और हैं जो बैठ जाते हैं थक कर मंजिल से पहले, हम बुलंद हौसलों के दम पर आसमां को झुका देंगे। भारतीय नौसेना के सबसे चुनौतीपूर्ण अभियान ‘नाविका सागर परिक्रमा’ …

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चाय वाले की बेटी को 4 करोड़ की स्कॉलरशिप, पढ़ाई के लिए जाएगी अमेरिका

अगर आपके इरादे मजबूत हों और बड़े सपने देखने के साथ उन्हें पूरा करना चाहते हैं तो सफलता जरूर मिलती है। दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्धनगर जिले की 17 वर्षीय छात्रा सुदीक्षा भाटी ने अपने मजबूत इरादे से अपना सपना सच कर दिखाया है। बेहद पिछड़े ग्रामीण इलाके से ताल्लुक रखने वाली सुदीक्षा भाटी को अमेरिका में पढ़ाई के लिए 3.8 करोड़ रुपये की स्कॉलरशिप मिली है। पिता चलाते हैं ढाबा, मुश्किल से होता है परिवार का गुजारा बेहद साधारण परिवार से ताल्लुक रखने वाली सुदीक्षा भाटी के पिता धूम मानिकपुर गांव में ही चाय की दुकान लगाते हैं, वैसे कुलमिलाकर यह ढाबा है। परिवार की गरीबी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 2009 में हालात ऐसे बन गए थे, जब होनहार सुदीक्षा को पढ़ाई छोड़ने तक की नौबत आ गई थी। बावजूद इसके सुदीक्षा ने हार नहीं मानी और आखिरकार अपना लक्ष्य पा ही लिया। सुदीक्षा के साथ 24 अन्य भारतीय छात्रों का भी इसमें चयन हो चुका है। धरने पर केजरीवाल, 30 जून के बाद गहरा सकता है दिल्ली में भीषण जल संकट यह भी पढ़ें चार साल के लिए अमेरिका जाएंगी होनहार सुदीक्षा AAP सरकार और नौकरशाही के बीच होगी सुलह, बड़ा सवाल- क्या 'Sorry' बोलेंगे केजरीवाल यह भी पढ़ें यहां पर बता दें कि दादरी के धूम मानिकपुर गांव की रहने वाली छात्रा सुदीक्षा भाटी को अमेरिका के प्रसिद्ध बॉबसन कॉलेज ने तकरीबन 3.8 करोड़ रुपये की स्कॉलरशिप दी है। बचपन से होशियार थी बेटी गांव में ही ढाबा चलाने वाले पिता जितेंद्र भाटी बेहद कम पढ़े-लिखे हैं व सुदीक्षा की मां गीता भाटी घरेलू महिला (हाउस वाइफ) हैं। पिता का कहना है कि बेटी सुदीक्षा बचपन से ही पढ़ने में काफी होशियार हैं। हालांकि, उसे बहुत सी दिक्कतों का भी सामने करना पड़ा। उसने अभाव में भी अपनी पढ़ाई जारी रखी, हर स्थिति का सामना किया। सीबीएसई 12वीं की परीक्षा में जिला टॉप किया, 98 फीसद अंक किए हासिल बता दें कि शिव नाडर फाउंडेशन द्वारा बुलंदशहर में विद्याज्ञान लीडरशिप एकेडमी का संचालन किया जाता है, जहां गरीब परिवार के बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा दी जाती है। वर्ष 2011 में सुदीक्षा का चयन वहां के लिए हुआ था। हाल ही में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) की 12 की परीक्षा के परिणाम में सुदीक्षा ने 98 फीसद अंक हासिल किए थे। इसके साथ उसने जिला टॉप भी किया था। सिकंदराबाद के दुल्हेरा गांव के विद्या ज्ञान स्कूल की छात्रा सुदीक्षा 12वीं में अंग्रेजी विषय में 95, इतिहास में 100, राजनीति विज्ञान में 96, भूगोल में 99, अर्थशास्त्र में 100 अंक हासिल किए हैं। सपना हो गया सचः सुदीक्षा स्कूल की तरफ से स्कॉलरशिप के लिए अमेरिका में आवेदन किया गया था। जहां से स्कॉलरशिप दी गई है। सुदीक्षा का कहना है उनका सपना सच हो गया। कोर्स करने के लिए वह अगस्त में अमेरिका रवाना होंगी। इतनी बड़ी स्कॉलरशिप मिलने से सुदीक्षा के परिवार व गांव के लोगों में खुशी है। सरकारी स्कूल से की पढ़ाई, अभाव में भी नहीं मानी हार सुदीक्षा ने पांचवीं तक की पढ़ाई गांव के ही प्राइमरी स्कूल से की है। पढ़ाई में अच्छी होने के चलते उसने पिता जितेंद्र को जवाहर नवोदय विद्यालय और विद्याज्ञान लीडरशिप एकेडमी के लिए तैयारी करने को राजी किया। इसके बाद प्रवेश परीक्षा दी और फिर चयनित होकर विज्ञान लीडरशिप एकेडमी में 12वीं तक की पढ़ाई मुफ्त में की।यहां पर बता दें कि विद्याज्ञान लीडरशिप एकेडमी शिव नाडर फाउंडेशन द्वारा संचालित की जाती है। यह फाउंडेशन उत्तर प्रदेश में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों को स्कॉलरशिप मुहैया कराता है। वहीं, सुदीक्षा भाटी को अमेरिका के बॉबसन कॉलेज से 3.8 करोड़ रुपये की स्कॉलरशिप मिलने की खबर मिलते ही बुधवार को दादरी के विधायक तेजपाल नागर ने उनेक घर पहुंचकर सुदीक्षा को बधाई दी। तेजपाल नागर ने कहा कि ढाबा चलाने वाले की बेटी ने अपनी मेहनत व विलक्षण प्रतिभा के बल पर अमेरिका में स्कॉलरशिप जीतकर माता-पिता व गांव का नाम रोशन किया है। उन्होंने कहा कि सुदीक्षा ने गांव के सरकारी स्कूल से पढ़ाई कर इतनी बड़ी उपलब्धि प्राप्त की है, इससे ग्रामीण क्षेत्र की अन्य लड़कियों को भी प्रेरणा मिलेगी। उन्होंने कहा कि आर्थिक स्थिति कमजोर होने के बाद भी जितेंद्र भाटी ने बेटी को पढ़ाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी। सुदीक्षा भाटी का उत्साह वर्धन करते हुए विधायक ने कहा कि सुदीक्षा जैसी बेटी समाज का गौरव है, समाज को ऐसी होनहार बेटी से सीख लेनी चाहिए।

अगर आपके इरादे मजबूत हों और बड़े सपने देखने के साथ उन्हें पूरा करना चाहते हैं तो सफलता जरूर मिलती है। दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्धनगर जिले की 17 वर्षीय छात्रा सुदीक्षा भाटी ने अपने मजबूत इरादे से अपना सपना सच कर दिखाया है। बेहद पिछड़े ग्रामीण इलाके …

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पंजाब में अवैध निर्माण पर वोट की सियासत, सिद्धू के हल्‍ला बोल से गर्माया मुद्दा

पंजाब में अवैध निर्माणों पर वोट की सियासत हो रही है और पहले भी होती रही है। लेकिन, अब स्‍थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के अवैध निर्माण के खिलाफ मुहिम से यह बड़ा मुद्दा बन गया है। पूरे राज्‍य में कोई शहर एेसा नहीं है जो अवैध निर्माण से अछूता हो। राज्‍य के जालंधर, अमृतसर, लुधियाना, पटियाला व बठिंडा नगर निगमों की सीमा के अंदर एक लाख से ज्यादा अवैध निर्माण किए गए हैं। आधिकारिक तौर पर निकाय विभाग के पास अवैध निर्माण से संबंधित उपलब्ध जानकारी में निगमों से जो रिपोर्ट सौंपी गई है उसमें अवैध निर्माण की संख्या आठ हजार के करीब है। हकीकत इसके विपरीत है। पांच महानगरों में हैं एक लाख से ज्यादा अवैध निर्माण अवैध निर्माण व उनके लिए जिम्मेवार अफसरों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर निकाय मंत्री नवजोत सिद्धू अपनी ही पार्टी के विधायकों के निशाने पर आ गए हैं। महानगरों का नक्शा बिगाड़ने में अवैध निर्माण व अवैध कॉलोनियां जितनी जिम्मेदार हैं, उससे ज्यादा जिम्मेदार अधिकारियों, विधायकों व स्थानीय नेताओं का आपसी गठजोड़ भी है। पंजाब के शहरों को मिलेगा मीठा पानी, तीन शहरों में नहरी जल की सप्लाई यह भी पढ़ें यह पहला मौका नहीं है, जब किसी मंत्री ने अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई शुरू की हो, लेकिन हर सरकार के निकाय मंत्रियों का अभी तक का इतिहास यही कहता है कि हमेशा ही मंत्री को वोट व नोट के दबाव में अपना अभियान बीच में ही छोड़ना पड़ता है। इस बार सिद्धू के साथ क्या होगा, अभी कहना जल्दबाजी होगी। इतना तय है कि सिद्धू ने मधुमक्खी के छत्ते में हाथ डाल दिया है। हजार से ज्यादा अवैध कॉलोनियां और एक लाख 17 हजार से ज्यादा अवैध निर्माण ने महानगरों का नक्शा बिगाड़ कर रख दिया है। अवैध निर्माण पर हो रही है वोट की सियासत पंजाब सरकार चाहती है मोहाली में शुरू हो इन्फोसिस का कैंपस, नीलेकणी से मिले सिद्धू यह भी पढ़ें अभी तक केवल उन्हीं को अवैध निर्माण माना जा रहा है, जिनका नक्शा निगमों से पास नहीं करवाया गया है। हकीकत में 80 फीसदी से ज्यादा निर्माण अवैध हैं, क्योंकि नक्शे के हिसाब से मौके पर निर्माण करवाया ही नहीं गया है। उसे नगर निगम प्रशासन नजर अंदाज करके चल रहा है। खेमों में बंटी कांग्रेस अवैध कॉलोनियां व अवैध निर्माण रोजाना लाखों लोगों के लिए परेशानी का सबब भी बन रहे हैं। इसके बाद भी वोट व नोट की राजनीति इस बार भी हावी पड़ती नजर आ रही है। फिलहाल तो मामले को लेकर कांग्रेस सीधे तौर पर दो खेमों में बंटी नजर आ रही है। मामले का विरोध कर रहे कांग्रेसियों ने फिलहाल सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह व नवजोत सिद्धू के बीच चल रहे शीत युद्ध की आड़ में मुद्दे को दबाने की कवायद शुरू कर दी है। अभी तक सिद्धू के निशाने पर अवैध कमर्शियल निर्माण ही चल रहे हैं। इसके बाद बाकी का नंबर लगेगा। यह तय है कि अगर सिद्धू कारवाई से पीछे नहीं हटे तो दर्जनों निगम अफसरों का नपना व सरकार के खजाने का भरना तय है। शहरों का नक्शा बिगड़ा जालंधर, अमृतसर, पटियाला, लुधियाना व बठिंडा में बीते 20 सालों में हजारों की संख्या में बनी अवैध कॉलोनियों ने शहरों का नक्शा बिगाड़ कर रख दिया है। शहरों के इस अनियोजित विकास ने पेयजल की सप्लाई से लेकर सीवरेज, स्ट्रीट लाइट व सड़कों का बुरा हाल कर रखा है। चूंकि विधायक व मंत्री के कोटे से आने वाली धनराशि का इस्तेमाल लंबे समय से उक्त कॉलोनियों को सुविधाएं देने में खर्च हो रहा है। इसलिए नेता इसे अपने वोट बैंक के रूप में देखते हैं। कुछ जगहों पर नोट बैंक भी काम आ जाता है। नतीजतन जो धनराशि सरकारी खजाने में जानी चाहिए, वह अफसरों व चंद नेताओं की जेब में जा रही है। सेटेलाइट मैपिंग से सामने आएगी हकीकत सिद्धू ने हाल ही में महानगरों की सेटेलाइट मैपिंग के प्रोजेक्ट को क्लीनचिट दी है। प्रोजेक्ट पर अगले माह से काम शुरू होना है। तीन साल में महानगरों के एक-एक निर्माण के बारे में सारी जानकारी निकाय विभाग के पास होगी। कितने अवैध निर्माण हैं और कितने मंजूरशुदा, इसकी सारी जानकारी सेटेलाइट मैपिंग के बाद सामने आएगी। अभी तक इस बारे में निकाय विभाग के पास कोई पुख्ता जानकारी नहीं है। सब कमेटी ने बैठक में दे दी थी क्लीनचिट अवैध निर्माण को रेगुलर करने को मंत्रिमंडल की सब कमेटी की बैठक में अवैध निर्माण को तय फीस लेकर नियमित करने का फैसला किया गया था। सिद्धू भी कमेटी में हैं। बीते कुछ वर्षो में सैकड़ों ऐसे अवैध निर्माण हो गए हैं, जिनका नक्शा पास नहीं है। तय फीस लेकर उन्हें नियमित करने के फैसले की आड़ में बाकी के सभी प्रकार के अवैध निर्माण को लेकर कांग्रेसी ही सिद्धू पर दबाव बनाने पर जुटे हैं कि कार्रवाई न की जाए। ------- सिद्धू बोले- पिक्‍चर अभी बाकि है, लोगों के हित के लिए हो रही कार्रवाई अवैध निर्माणों पर कार्रवाई के कारण अपनी ही पार्टी कांग्रेस के नेताओं और विधायकों के निशाने पर अाए नवजाेत सिंह सिद्धू इस हमले से अविचलित हैं। सिद्धू का कहना है कि यह शुरूआत हुई है, पिक्चर तो अभी बाकी है। यह कार्रवाई लाेगों के हित के लिए हो रही है। एक बातचीत में सिद्धू ने कहा, अवैध निर्माण से पूरी कॉलोनी या मोहल्ले का नक्शा खराब हो जाता है। अवैध निर्माण एक नहीं कई समस्याओं को पैदा करता है, जिससे वहां रहने वाले लोग रोजाना परेशान होते हैं। यातायात समस्या, नालियों को जाम करने, रास्ताें को जाम करने, सड़क या गली के साथ-साथ शहर की नियोजित प्लानिंग को सीधी चुनौती देने वाले अवैध निर्माण हटाने से सरकार को नहीं बल्कि लोगों को ही फायदा है। सिद्धू ने कहा, मैंने पहले ही निगम अफसरों को चेतावनी दी थी कि ऑनलाइन नक्शे पास करने की सुविधा दी जा रही है। किसी को नक्शे पास करवाने के लि किसी अधिकारी को पैसे देने की जरूरत नहीं है। लोग ऑनलाइन नक्शे का आवेदन करें और उसे पास करवा कर निर्माण करवाएं। अफसरों को पहले ही कहा गया था मौके का दौरा करके देखा जाए कि किस इलाके में कितने अवैध निर्माण हैं। अवैध निर्माणों के लिए अफसर सीधे दोषी होंगे और उन पर कार्रवाई की जाएगी।

पंजाब में अवैध निर्माणों पर वोट की सियासत हो रही है और पहले भी होती रही है। लेकिन, अब स्‍थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के अवैध निर्माण के खिलाफ मुहिम से यह बड़ा मुद्दा बन गया है। पूरे राज्‍य में कोई शहर एेसा नहीं है जो अवैध निर्माण से …

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ग्वालियर में गत्ता फैक्टरी में भीषण आग, एयरफोर्स और बीएसएफ ने संभाला मोर्चा

ग्वालियर में एक गत्ता फेक्टरी में भीषण आग लग गई। आग की चपेट में पास में एक कार कम्पनी का सर्विसिंग सेंटर भी आ गया जिससे आईं कई गाड़ियां जलकर खाक हो गई। आग इतनी भीषण है कि 25 से ज्यादा दमकल की गाड़ियां लग चुकी है। वहीं आग पर काबू पाने के लिए दमकल विभाग के साथ पुलिस के अलावा एयरफोर्स और बीएसएफ ने भी मोर्चा संभाल लिया है। जानकारी के मुताबिक ग्वालियर के विक्की फैक्टरी इलाके में एक गत्ता फैक्टरी में भीषण आग लग गई। आग तेजी से फैली और इस फैक्टरी के पास स्थित कार के सर्विस सेंटर को भी चपेट में ले लिया। चूंकि सर्विस सेंटर में सर्विसिंग के लिए आई कई गाड़ियां खुली हुई थी लिहाजा आग ने ऑइल और पेट्रोल, डीजल होने के कारण विकराल रुप ले लिया। देखते ही देखते एक के बाद एक कई गाड़ियां आग की चपेट में आगकर खाक हो गई। इधर आग की सूचना पर यहां पहुंची दमकल को सघन इलाका होने के कारण काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। तेजी से फैलती आग के कारण दमकल कर्मियों को भी खासी परेशानी हुई। जानकारी के मुताबिक 25 से ज्यादा दमकल की गाड़ियां अब तक यहां आग बुझाने में उपयोग में आई हैं लेकिन आग पर पूरी तरह से काबू नहीं पाया गया है। स्थिति को देखते हुए एयरफोर्स और बीएसएफ की टुकड़ी ने मोर्चा संभाला है। आग से लाखों की तबाही होने की आशंका है।

ग्वालियर में एक गत्ता फेक्टरी में भीषण आग लग गई। आग की चपेट में पास में एक कार कम्पनी का सर्विसिंग सेंटर भी आ गया जिससे आईं कई गाड़ियां जलकर खाक हो गई। आग इतनी भीषण है कि 25 से ज्यादा दमकल की गाड़ियां लग चुकी है। वहीं आग पर …

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बड़वानी में मिट्टी से भरा ट्रैक्टर कुएं में गिरा, 2 मजदूरों की मौत

बड़वानी से करीब 35 किलोमीटर दूर राजपुर में एक हादसे में 2 मजदूरों की दर्दनाक मौत हो गई। यहां मिट्टी लेकर जा रहा एक ट्रैक्टर ट्रॉली सहित कुएं में जा गिरा। इससे ट्रैक्टर में मौजूद 2 मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गई। जानकारी के मुताबिक बड़वानी के राजपुर थाना अंतर्गत नरावला तालाब से कुछ दूर एक ट्रैक्टर कुएं में जा गिरा। जब हादसा हुआ उस समय ट्रैक्टर में बैठे 2 मजदूर भी सीधा कुएं में जा गिरे। दोनों ने घटनास्थल पर ही दम तोड़ दिया। ये मजदूर नरावला तालाब से मिट्टी लेकर जा रहे थे। ट्रैक्टर ट्रॉली सहित कुएं में जा गिरा। दुर्घटना में एक अन्य मजदूर सुभाष बलीराम गंभीर रुप से घायल हो गया। राजपुर थाना पुलिस घटना स्थल पर पहुंची और मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है।

बड़वानी से करीब 35 किलोमीटर दूर राजपुर में एक हादसे में 2 मजदूरों की दर्दनाक मौत हो गई। यहां मिट्टी लेकर जा रहा एक ट्रैक्टर ट्रॉली सहित कुएं में जा गिरा। इससे ट्रैक्टर में मौजूद 2 मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गई। जानकारी के मुताबिक बड़वानी के राजपुर …

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कर्नाटक मॉडल से कम हो सकती हैं पंजाब में किसान आत्महत्याएं

पंजाब सरकार यदि कृषि में कर्नाटक सरकार का मॉडल अपनाए, तो यहां किसान आत्महत्या की घटनाओं में कमी आ सकती है। आत्महत्या में कमी लाने और उन्हें उनकी फसलों का उचित मूल्य दिलाने के लिए चार साल पहले बनाए गए कर्नाटक एग्रीकल्चर प्राइस कमीशन ने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया है। पिछले चार वर्षों में किसानों पर कर्ज का तनाव कम हुआ है। यह दावा है कर्नाटक स्टेट एग्रीकल्चर प्राइस कमीशन के चेयरमैन डॉ. टीएन प्रकाश का। -कर्नाटक एग्रीकल्चर प्राइस कमीशन के चेयरमैन डॉ. टीएन प्रकाश से विशेष बातचीत वह दो दिन तक चंडीगढ़ में चली डायलॉग हाईवे की नेशनल कांफ्रेंस में हिस्सा लेने के लिए आए थे। जागरण ने उनसे किसानों में बढ़ रही आत्महत्या की प्रवृत्ति और उनकी समस्याओं के समाधान को लेकर चर्चा की। डॉ. प्रकाश ने बताया कि कर्नाटक सरकार ने इस ओर कदम उठाया है। किसानों को समय पर उनकी फसलों का उचित मूल्य न मिलने से ही उन पर कर्ज का बोझ बढ़ता है। फिर इस कर्ज को उतारने की चिंता में ही वह आत्महत्या जैसा कदम उठाते हैं। अमरिंदर सरकार को भाया पाकिस्तानी मॉडल, खेती में करेगी नया प्रयोग यह भी पढ़ें डॉ. प्रकाश ने बताया कि कर्नाटक सरकार ने 2014 में स्टेट प्राइस कमीशन का गठन किया था। इसमें हम फसलों की कीमत सुनिश्चित करते हैं और अगर खुले बाजार में कीमत उससे नीचे जाती है, तो फसल की खरीद सरकार करती है। इसके लिए एक पोर्टल बनाया गया है और पूरे राज्य के किसानों को इस पोर्टल के जरिए फसल की कीमत बताई जाती है, ताकि वे इससे नीचे न बेचें। यह भी पढ़ें: आखिरी बार सफाई दे रहा हूं, 2020 रेफरेंडम का समर्थन नहीं किया: खैहरा महिलाएं थामेंगी कृषि की कमान, खेती को दिलाएंगी नया मुकाम यह भी पढ़ें कमीशन के चेयरमैन ने बताया कि रौंगी, ज्वार, तुअर की दाल, सुपारी, धान समेत दस फसलें हैं, जिनकी कीमत राज्य सरकार तय करती है और कीमत गिरने पर अपनी कीमत पर उसकी खरीद करती है। उन्होंने बताया कि इस सारी खरीदी गई फसलों को राज्य सरकार की विभिन्न स्कीमों के तहत विभागों को बेच दिया जाता है, जिससे सरकार पर इसका बोझ नहीं पड़ता। यह है मॉडल डॉ. प्रकाश ने बताया कि जेलों, आंगनबाड़ी केंद्रों, मिड-डे-मील सहित तमाम सरकारी संस्थानों में बनने वाले खाने में राज्य सरकार की ओर से खरीदे गए खाद्यान्न का इस्तेमाल किया जाता है। मार्केट में जैसे ही सरकार फसलों की खरीद शुरू करती, वैसे ही व्यापारी अपना दाम बढ़ा देते हैं और किसानों को उनकी फसल का वाजिब दाम मिलने लगता है। यह भी पढ़ें: दर्द में डूबी जिंदगी में खुशियों के कुछ पल, ...आैर खिल उठे थके चेहरे यह पूछे जाने पर कि आखिर इसके लिए पैसा कहां से आता हैए उन्होंने बताया कि एपीएमसी एक्ट के अधीन 1.5 फीसद सैस मंडियों में बिकने वाली फसल पर लगाया है, जिससे सरकार को 1500 करोड़ रुपये से ज्यादा की आमदनी होती है। इस राशि को इसी गैप फंडिंग के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। व्यापारियों का नेक्सस नहीं बनता डॉ. प्रकाश ने कहा कि राज्यों के लिए यह फॉर्मूला बहुत अच्छा है, क्योंकि इससे बाजार में व्यापारियों पर नेक्सस न बनाने का दबाव बना रहता है। उन्हें मालूम है कि अगर सरकार ने खरीद कर ली, तो उसे तय दाम से ज्यादा ही अदा करने होंगे। यह भी पढ़ें: यहां मिलता है अद्भूत बूटा प्रसाद, इससे कई पीढि़यां होंगी निहाल प्रसिद्ध एग्रो अर्थशास्त्री दविंदर शर्मा ने भी डॉ. प्रकाश के इस दावे की वकालत की है कि अगर सरकार पंजाब में धान के अलावा वैकल्पिक फसलों को गैप फंडिंग देना शुरू कर दे, तो धान का रकबा कम होने लगेगा। खुद सरकार की अपनी आटा-दाल योजना में सरकार को दालों की जरूरत है। इन्हें प्रमोट करके सरकार खरीद करके इस योजना को चलाए। इसी तरह जेलों में भी दालों की जरूरत होती है।

पंजाब सरकार यदि कृषि में कर्नाटक सरकार का मॉडल अपनाए, तो यहां किसान आत्महत्या की घटनाओं में कमी आ सकती है। आत्महत्या में कमी लाने और उन्हें उनकी फसलों का उचित मूल्य दिलाने के लिए चार साल पहले बनाए गए कर्नाटक एग्रीकल्चर प्राइस कमीशन ने अपना रंग दिखाना शुरू कर …

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अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम की रिहर्सल की

देहरादून, [जेएनएन]: मंगलवार को एफआरआई में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम की रिहर्सल की गई। योग दिवस पर प्रस्तावित कार्यक्रम के अनुसार ही सुबह 7 बजे से 7:45 बजे तक योग साधकों द्वारा सामान्य योग प्रोटोकॉल का अभ्यास किया गया। 45 मिनट तक चले योगाभ्यास में सैंकड़ों साधकों ने ग्रीवाचालन, स्कन्ध संचालन, कटि चालन, घुटना संचालन, ताड़ासन, वृक्षासन, पादहस्तासन, अर्धचक्रासन, त्रिकोणासन, भद्रासन, वज्रासन, अर्ध उष्ट्रासन, उष्ट्रासन, शशकासन, उत्तानमंडूकासन, वक्रासन, मकरासन, भुजंगासन, शलभासन, सेतुबंधासन, उत्तानपाद आसन, अर्धहलासन, पवनमुक्तासन, शवासन, कपालभाति, अनुलोम-विलोम, शीतली प्राणायाम, भ्रामरी प्राणायाम व ध्यान का अभ्यास किया। रिहर्सल में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की सभी तैयारियों को परखा गया। इस अवसर पर आयुक्त गढ़वाल दिलीप जावलकर, जिलाधिकारी एसए मुरूगेशन व पुलिस प्रशासन के अन्य आला अधिकारी उपस्थित थे।

देहरादून, [जेएनएन]: मंगलवार को एफआरआई में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम की रिहर्सल की गई। योग दिवस पर प्रस्तावित कार्यक्रम के अनुसार ही सुबह 7 बजे से 7:45 बजे तक योग साधकों द्वारा सामान्य योग प्रोटोकॉल का अभ्यास किया गया। 45 मिनट तक चले योगाभ्यास में सैंकड़ों …

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