Wednesday , April 23 2025

Uncategorized

भारत में अगले 10 साल तक भी नहीं बनाया जा सकता है स्मार्टफोन प्रोसेसर, पढ़ें कारण

स्मार्टफोन खरीदते समय यूजर्स फोन के हर फीचर को बारिकी से परखते हैं। फोन में कैमरा क्वालिटी कैसी है, फोन में बैटरी कैपिसिटी कैसी है ये सब अच्छे से जांचने के बाद ही यूजर फोन लेते हैं। कैमरा और बैटरी के अलावा प्रोसेसर भी फोन का एक अहम कारक होता है। फोन की परफॉर्मेंस इसके प्रोसेसर पर निर्भर करती है। फोन का प्रोसेसर जितना दमदार होगा परफॉर्मेंस उतनी ही अच्छी होगी। लेकिन क्या आप जानते हैं कि फोन प्रोसेसर को भारत में नहीं बनाया जा सकता है? इस पोस्ट में हम आपको प्रोसेसर भारत में क्यों नहीं बनाया जा सकता है इसका कारण और प्रोसेसर क्या होता है ये बताने जा रहे हैं। भारत में क्यों नहीं बन सकता है फोन प्रोसेसर? आपको बता दें कि प्रोसेसर बनाने के लिए एक खास तरह की अंडरग्राउंड लैब की जरुरत होती है। इस लैब में धूल और रेत का एक भी कण मौजूद नहीं होना चाहिए। साथ ही प्रोसेसर बनाने के लिए खास तरह की सुविधाओं की जरुरत भी पड़ती है। यह सुविधाएं नेटवर्किंग क्षेत्र में फिलहाल भारत में उपलब्ध नहीं हैं। लेकिन खबरों की मानें तो आने वाले कुछ वर्षों में प्रोसेसर बनाने का सेटअप भारत में लगाया जा सकता है। एक बग के कारण 90 करोड़ क्वालकॉम एंड्रायड यूजर्स की सुरक्षा को खतरा, आसानी से हैक हो सकती हैं डिटेल्स यह भी पढ़ें टेक एक्सपर्ट विभा सचदेवा के मुताबिक, "भारत में प्रोसेसर न बनने की मुख्य वजह ज्यादा लागत है। प्रोसेसर बनाने के लिए जिस सेटअप की जरुरत पड़ती है उसकी लागत बहुत ज्यादा होती है। ऐसे में आने वाले 10 वर्षों में भी भारत में प्रोसेसर नहीं बनाए जा सकते हैं।" क्या है प्रोसेसर का काम? अगले वर्ष अपना मोबाइल प्रोसेसर लाएगी Xiaomi! यह भी पढ़ें किसी भी स्मार्टफोन का प्रोसेसर उसकी परफॉर्मेंस के लिए जिम्मेदार होता है। आपका फोन का प्रोसेसर जितना बेहतर होगा उसकी परफॉर्मेंस भी उतनी अच्छी होगी। प्रोसेसर फोन के दिमाग की तरह कहा जा सकता है जो सभी गतिविधियों को नियंत्रित करता है। यह एक इलेक्ट्रॉनिक सर्किट होता है, एक चिप होती है जिसकी परफॉर्मेंस हट्र्ज, किलोहट्र्ज, मेगाहट्र्ज और गीगाहट्र्ज के आधार पर मापी जाती है। अगर प्रोसेसर का चिपसेट बढ़िया है तो आपके फोन की परफॉर्मेंस भी जानदार रहेगी। इसी आधार पर यह निर्णय लिया जाना चाहिए की आपके फोन का प्रोसेसर अच्छा है या नहीं। चिप के आलावा कोर भी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

स्मार्टफोन खरीदते समय यूजर्स फोन के हर फीचर को बारिकी से परखते हैं। फोन में कैमरा क्वालिटी कैसी है, फोन में बैटरी कैपिसिटी कैसी है ये सब अच्छे से जांचने के बाद ही यूजर फोन लेते हैं। कैमरा और बैटरी के अलावा प्रोसेसर भी फोन का एक अहम कारक होता …

Read More »

कई स्तरों पर खामियों के चलते हुआ देश का सबसे बड़ा बैंकिंग घोटाला, पीएनबी की आंतरिक रिपोर्ट में हुआ खुलासा

कई स्तरों पर खामियों के चलते हुआ देश का सबसे बड़ा बैंकिंग घोटाला, पीएनबी की आंतरिक रिपोर्ट में हुआ खुलासा

बिलियन डॉलर (लगभग 13,000 करोड़ रुपये) के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाले को लेकर आंतरिक जांच में कई चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं। जांच रिपोर्ट के मुताबिक बैंक के विभिन्न क्षेत्रों में व्यापक जोखिम नियंत्रण और निगरानी तंत्र से जुड़ी खामियों के कारण इस घोटाले को अंजाम देने वाले …

Read More »

प्रोफेशनल्स की फीस नहीं मानी जाती है सैलरी, जानिए इन्हें भरना होता है कौन सा ITR फॉर्म

वित्त वर्ष 2017-18 (आंकलन वर्ष 2018-19) के लिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई 2018 निर्धारित है। ऐसे में आपके पास काफी कम समय बचा है। हाल ही में आयकर विभाग की ओर से आईटीआर के सातों फॉर्म जारी किए जा चुके हैं। अलग-अलग आय वर्ग और नौकरी के इतर अन्य तरीकों से आमदनी करने वाले लोगों के लिए एक निश्चित फॉर्म निर्धारित होता है। यानी आप इन सातों फॉर्म्स में से अपनी पात्रता के हिसाब से आईटीआर फॉर्म का चयन कर उसे भर सकते हैं। हम अपनी इस खबर में आपको जानकारी दे रहे हैं कि प्रोफेशनल्स के लिए कौन सा आईटीआर फॉर्म भरना जरूरी होता है। प्रोफेशनल्स की फीस को नहीं माना जाता है सैलरी? प्रोफेशनल्स ऐसे लोग होते हैं जो कि अपनी सेवाएं दूसरों को मुहैया करवाते हैं। यानी से ऐसे व्यवसायी होते हैं जिन्हें आमदनी तो होती है लेकिन वो सैलरी नहीं मानी जाती है, क्योंकि तकनीकी भाषा में सैलरी का कॉन्सेप्ट ऐसे स्थान से संबंधित है जहां कर्मचारी और नियोक्ता एक दूसरे पर निर्भर होते हैं। हमने इस संबंध में टैक्स एक्सपर्ट और चार्टेड अकाउंट अंकित गुप्ता से बात की है। आईटीआर रिटर्न: कौन भर सकता है ITR-1 फॉर्म और कौन नहीं, जानिए यह भी पढ़ें उदाहरण से समझिए: अगर आपको 30,000 रुपये की फीस मिलनी है तो आपकी सेवा लेने वाला 10 फीसद टीडीएस काटकर ही आपको भुगतान करेगा। आयकर की धारा 194 J में इसका उल्लेख है। ऐसे लोग या तो ITR 3 भरेंगे या फिर ITR4। ITR 3 किसके लिए: जिन प्रोफेशनल्स को फीस के मद में मिलने वाला पैसा 50 लाख सालाना से ज्यादा हो और वो ऑडिट कराने के लिए अकाउंटेबल हों उन्हें यह फॉर्म भरना होता है। इनकम टैक्स रिटर्न भरना हुआ और भी आसान, सरकार ले आई है नया ITR फॉर्म यह भी पढ़ें ITR4 किसके लिए: वहीं ऑडिटिंग न कराने वाले प्रोफेशनल्स को आईटीआर 4 भरना होता है। किस सूरत में नहीं मिलेगा रिफंड? रिफंड बनने की सूरत में नियमत: आपको रिफंड मिल जाता है। लेकिन अगर आपका टैक्स अमाउंट टीडीएस से ज्यादा हुआ तो उस सूरत में आपको रिफंड नहीं मिलेगा।

वित्त वर्ष 2017-18 (आंकलन वर्ष 2018-19) के लिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई 2018 निर्धारित है। ऐसे में आपके पास काफी कम समय बचा है। हाल ही में आयकर विभाग की ओर से आईटीआर के सातों फॉर्म जारी किए जा चुके हैं। अलग-अलग आय वर्ग …

Read More »

सेंसेक्स 250 अंक से ज्यादा चढ़कर हुआ बंद, बैंकिंग शेयर्स में हुई खरीदारी

बुधवार को भारतीय शेयर बाजार तेजी के साथ कारोबार कर बंद हुआ है। बम्बई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का इंडेक्स सेंसेक्स 260 अंक की तेजी के साथ 35,547.33 पर और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का इंडेक्स निफ्टी करीब 59 अंक की बढ़त के साथ 10,769 के स्तर पर कारोबार कर बंद हुआ। सबसे ज्यादा खरीदारी रिलायंस और इंडसइंड बैंक के शेयर्स में हुई है। रिलायंस का काउंटर 2.40 फीसद की बढ़त के साथ 1019.50 रुपये पर और इंडसइंड बैंक 2.27 फीसद की बढ़त के साथ 1974 के स्तर पर कारोबार कर बंद हुआ है। वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर मिडकैप इंडेक्स 0.51 फीसद और स्मॉलकैप 0.55 फीसद की बढ़त के साथ बंद हुआ है। बैंकिंग शेयर्स में खरीदारी सेक्टोरल इंडेक्स की बात करें तो एफएमसीजी, आईटी और पीएसयू बैंक को छोड़ सभी सूचकांक हरे निशान में कारोबार कर बंद हुआ है। सबसे ज्यादा खरीदारी बैंकिंग शेयर्स में हुई है। बैंक (1.11 फीसद), ऑटो (0.51 फीसद), फाइनेंशियल सर्विस (1.02 फीसद), मेटल (0.99 फीसद), फार्मा (0.40 फीसद) और रियल्टी (1.10 फीसद) की बढ़त हुई है। रिलायंस टॉप गेनर निफ्टी में शुमार दिग्गज शेयर्स की बात करें तो 29 हरे निशान, 20 गिरावट के साथ और एक बिना किसी परिवर्तन के कारोबार कर बंद हुए हैं। सबसे ज्यादा तेजी रिलायंस, इंडसइंड, टाटा स्टील, कोटक बैंक और वेदांता लिमिटेड के शेयर्स में हुई है। वहीं, यूपीएल, हिंदपेट्रो, आईओसी, ओएनजीसी और एचसीएल टेक के शेयर्स में हुई है। शुरुआती मिनटों में बुधवार को भारतीय शेयर बाजार की शुरुआत बढ़त के साथ देखने को मिल रही है। बम्बई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का इंडेक्स सेंसेक्स 40 अंक चढ़कर 35,397.55 पर खुला जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का इंडेक्स निफ्टी 14 अंक की बढ़त के साथ 10,734.65 पर खुला है। करीब 9.30 बजे सेंसेक्स 124 अंक चढ़कर 35411 पर और निफ्टी 38 अंक बढ़कर 10747 के स्तर पर कारोबार कर रहा है। सबसे ज्यादा खरीदारी एक्सिस बैंक और वेदांता लिमिटेड के शेयर्स में है। एक्सिस बैंक का काउंटर 1.69 फीसद की बढ़त के साथ 525 के स्तर पर और वेदांता मिलिटेड 1.36 फीसद की बढ़त के साथ 227.10 के स्तर पर कारोबार कर रहा है। वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर मिडकैप में 0.36 फीसद और स्मॉलकैप में 0.57 फीसद की बढ़त देखने को मिल रही है। वैश्विक बाजार का हाल अंतरराष्ट्रीय बाजार में मिले जुले संकेत देखने को मिल रहे हैं। जापान का निक्केई 0.37 फीसद की बढ़त, चीन का शांघाई 0.59 फीसद की गिरावट के साथ 2890 के स्तर पर, हैंगसैंग 0.42 फीसद की बढ़त के साथ 29587 के स्तर पर और तायवान का कोस्पी 1.14 फीसद की बढ़त के साथ 2366 के स्तर पर कारोबार कर रहे हैं। वहीं, बीते सत्र ट्रंर की ओर से चीन पर अतिरिक्त टैरिफ लगाने के संकेत के बाद अमेरिकी बाजार गिरावट के साथ कारोबार कर बंद हुए हैं। प्रमुख सूचकांक डाओ जोंस 1.15 फीसद की गिरावट के साथ 24700 के स्तर पर, एसएंडपी500 0.40 फीसद की गिरावट के साथ 2762 के स्तर पर और नैस्डैक 0.28 फीसद की कमजोरी के साथ 7725 के स्तर पर कारोबार कर बंद हुआ है। रियल्टी शेयर्स में खरीदारी सेक्टोरल इंडेक्स की बात करें तो पीएसयू बैंक को छोड़ सभी सूचकांक हरे निशान में कारोबार कर रहे हैं। सबसे ज्यादा खरीदारी रियल्टी (1.23 फीसद) शेयर्स में देखने को मिल रही है। बैंक (0.31 फीसद), ऑटो (0.61 फीसद), फाइनेंशियल सर्विस (0.36 फीसद), एफएमसीजी (0.04 फीसद), आईटी (0.21 फीसद), मेटल (0.42 फीसद), फार्मा (0.89 फीसद), प्राइवेट बैंक (0.37 फीसद) और रियल्टी (1.23 फीसद) की बढ़त देखने को मिल रही है। सिप्ला टॉप गेनर निफ्टी में शुमार शेयर्स की बात करें तो 30 हरे निशान और 20 गिरावट के साथ कारोबार कर रहे हैं। सबसे ज्यादा तेजी सिप्ला, वेदांता लिमिटेड, एक्सिस बैंक, एमएंडएम और ल्यूपिन के शेयर्स में हुई है। वहीं, यूपीएल, आईओसी, गेल, ओएनजीसी और बीपीसीएल के शेयर्स में गिरावट है।

बुधवार को भारतीय शेयर बाजार तेजी के साथ कारोबार कर बंद हुआ है। बम्बई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का इंडेक्स सेंसेक्स 260 अंक की तेजी के साथ 35,547.33 पर और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का इंडेक्स निफ्टी करीब 59 अंक की बढ़त के साथ 10,769 के स्तर पर कारोबार कर बंद …

Read More »

सीने में दर्द की शिकायत के बाद एक बार फिर अस्पताल में भर्ती हुए लालू

सीने में दर्द की शिकायत के बाद एक बार फिर अस्पताल में भर्ती हुए लालू

बहुचर्चित चारा घोटाले मामले में सजायाफ्ता बिहार के पू्र्व सीएम लालू यावद को फिर से अस्पताल में भर्ती कराया गया है. आरजेडी (राष्ट्रीय जनता दल) अध्यक्ष लालू को मंगलवार को मुंबई के अस्पताल में शाम 5 बजे के करीब भर्ती कराया गया. सीने में दर्द की शिकायत के बाद यादव …

Read More »

Timeline: पढ़ें, J&K में BJP-PDP सरकार बनने से लेकर अब तक का घटनाक्रम

Timeline: पढ़ें, J&K में BJP-PDP सरकार बनने से लेकर अब तक का घटनाक्रम

अचानक से लिए गए फैसले में बीजेपी (भारतीय जनता पार्टी) ने पीडीपी (पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी) से मंगलवार को समर्थन वापस ले लिया. इसी के साथ जम्मू-कश्मीर में एनडीए (नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस) की सरकार गिर गई और एक राज्य में बीजेपी की सरकार कम हो गई. इस्तीफा देने के बाद महबूबा …

Read More »

जम्मू-कश्मीर में क्यों टूटा बीजेपी-पीडीपी गठबंधन? ये है बड़ी वजह

रातनीति में यह तय है की कुछ भी तय नहीं है. करीब तीन साल पहले राजनीतिक विचारधारा को दरकिनार कर सत्ता के लिए एकजुट हुई भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने कल एक-दूसरे से नाता तोड़ लिया. सूबे में राज्यपाल शासन लागू कर दिया गया है. यानि केंद्र अप्रत्यक्ष रूप से राज्य में शासन चलाएगी. गठबंधन टूटने के पीछे दोनों पार्टी एक दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रही है. बीजेपी कल तक सरकार में रहने के बावजूद आरोप लगा रही है कि महबूबा मुफ्ती आतंकवाद को रोकने में नाकामयाब रही. वहीं पीडीपी का कहना है कि घाटी में जोर-जबरदस्ती की नीति कारगर नहीं होगी. गठबंधन टूटने की ये वो वजहें हैं जो आधिकारिक प्रेस कांफ्रेंस में गिनाई गई. लेकिन असल कारण केवल यही नहीं है. दरअसल, फरवरी 2015 में जब बीजेपी-पीडीपी ने गठबंधन का रास्ता चुना तभी से यह सवाल उठने लगा था कि यह गठबंधन कितने दिनों तक खींचेगी? तब मुफ्ती मोहम्मद सईद (दिवंगत) ने कहा था कि यह नॉर्थ पोल और साउथ पोल का गठबंधन है. हालांकि दोनों दलों ने कॉमन मिनिमम प्रोग्राम का फॉर्मूला तैयार किया और सरकार चलती रही. लेकिन बीजपी और पीडीपी के बीच वैचारिक मतभेद कभी कम नहीं हुई. अफस्पा, अनुच्छेद 35ए, अलगाववादियों की गिरफ्तारी, पाकिस्तान से बातचीत, कठुआ गैंगरेप जांच को लेकर बीजेपी-पीडीपी में मतभेद ही नहीं मनभेद भी रहे. BJP के समर्थन खींचने के बाद जम्मू-कश्मीर में गिरी महबूबा सरकार, राज्यपाल शासन लागू अनुच्छेद 370: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) कश्मीर को लेकर पूरे देश में प्रचारित करती रही है कि वह अनुच्छेद 370 को लेकर उसका रुख साफ है और वह खत्म करेगी. वहीं पीडीपी किसी भी कीमत पर इसके लिए न तैयार थी और न ही होगी. यही वजह थी की कॉमन मिनिमम प्रोग्राम में अनुच्छेद 370 को अलग रखा गया था. कल ही पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा कि हमें संविधान के अनुच्छेद 370 और राज्य के विशेष दर्जे के बारे में आशंका थी. हमने अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35 ए की रक्षा की है. क्या है धारा 370? साल 1954 में राष्ट्रपति के एक आदेश के बाद संविधान में यह अनुच्छेद जोड़ा गया था, जो जम्मू एवं कश्मीर के लोगों को विशेषाधिकार प्रदान करता है, और राज्य विधानसभा को कोई भी कानून बनाने का अधिकार देता है, जिसकी वैधता को चुनौती नहीं दी जा सकती. यह अनुच्छेद जम्मू एवं कश्मीर के लोगों को छोड़कर बाकी भारतीय नागरिकों को राज्य में अचल संपत्ति खरीदने, सरकारी नौकरी पाने और राज्य सरकार की छात्रवृत्ति योजनाओं का लाभ लेने से रोकता है. सुरक्षाबलों को मिली बड़ी कामयाबी, त्राल में जैश के ऑपरेशन कमांडर सहित तीन ढेर अनुच्छेद 35 ए: अनुच्छेद 35 ए अनुच्छेद 370 का ही हिस्सा है. इसपर बीजेपी और पीडीपी में शुरुआत से ही मतभेद रहा है. अनुच्छेद 35 ए के तहत जम्मू-कश्मीर के लोगों को विशेषाधिकार और सुरक्षा हासिल है. पीडीपी इस अनुच्छेद को सुरक्षित रखना चाहती है और बीजेपी देश के सभी नागरिकों के लिए समान विशेषाधिकार चाहती है. इस धारा को एनजीओ वी द सिटिजन्स ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है, जिस पर केंद्र सरकार ने कहा है कि इस धारा को असंवैधानिक घोषित करने के लिए इस मुद्दे पर पर्याप्त बहस करने की जरूरत है. अफस्पा: जम्मू-कश्मीर में अफ्सपा यानि (आर्म्ड फोर्सेस स्पेशल पावर एक्ट) लागू है. केंद्र इसे हटाने पर सहमत नहीं है वहीं पीडीपी इसे हटाने के पक्ष में रही है. सेना का आतंकियों के खिलाफ बड़े स्तर पर राज्य में ऑपरेशन जारी है. ऐसे समय में केंद्र सरकार झुके यह संभव नहीं था. अफस्पा सेना को 'डिस्टर्ब्ड एरिया' में कानून व्यवस्था बनाए रखने की ताकत देता है. इसके तहत सेना पांच या इससे ज्यादा लोगों को एक जगह इक्ट्ठा होने से रोक सकती है. इसके तहत सेना को वॉर्निंग देकर गोली मारने का भी अधिकार है. ये कानून सेना को बिना वारंट के किसी को भी गिरफ्तार करने की ताकत देता है. इसके तहत सेना किसी के घर में बिना वारंट के घुसकर तलाशी ले सकती है. जम्मू कश्मीर: आखिर महबूबा मुफ्ती से चूक कहां हो गई? पाकिस्तान से बातचीत: कश्मीर में आतंकियों को भेजने की फैक्ट्री पाकिस्तान को लेकर पीडीपी और बीजेपी में विवाद रहा. सीमा पर पाकिस्तान की तरफ से लगातार गोलीबारी और आतंकियों की घुसपैठ के बावजूद पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती पाकिस्तान से बातचीत का राग अलापती रही. वहीं केंद्र की बीजेपी सरकार ने साफ कर दिया की वह तब तक बातचीत नहीं करेगी जबतक कि पाकिस्तान सीमा पर शांति बहाल नहीं करता है. रमजान सीजफायर: रमजान के मौके पर जम्मू-कश्मीर में सीजफायर लागू करने के लिए महबूबा मुफ्ती ने दबाव बनाया था. जिसके बाद केंद्र ने 16 मई को सीजफायर की घोषणा की. जिसकी वजह से आतंकी वारदातों में बढ़ोतरी हुई. केंद्र सरकार को आलोचनाओं का सामना करना पड़ा. पिछले दिनों केंद्र ने फिर से सीजफायर खत्म कर दिया. अलगाववादियों की गिरफ्तारी: केंद्र में मोदी सरकार बनने के बाद अलगाववादियों के खिलाफ बड़े स्तर पर कार्रवाई शुरू हुई. टेरर फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में शब्बीर शाह समेत कम से कम 11 अलगाववादी नेताओं को केंद्रीय जांच एजेंसियों ने गिरफ्तार किया. पीडीपी का कहना था कि गिरफ्तारी से राज्य की स्थिति और खराब हो सकती है. इन कारणों से बीजेपी ने छोड़ा महबूबा मुफ्ती का 'साथ' पत्थरबाजी: जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों के खिलाफ पत्थरबाजी आम है. पीडीपी हमेशा पत्‍थरबाजों पर रहम की मांग करती रही है. जब पत्थरबाजों से बचने के लिए मेजर लीतुल गोगोई ने एक शख्स को मानव ढाल बनाया तो जम्मू-कश्मीर सरकार उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने से भी नहीं चूकी. वहीं बीजेपी की इस मामले में बिल्कुल अलग राय है. वह पत्थरबाजों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का दावा करती रही है. कठुआ गैंगरेप: जम्मू-कस्मीर में नाबालिग लड़की से गैंगरेप के मामले की जांच को लेकर राज्य बीजेपी के कई नेता और मंत्री सवाल उठाते रहे. बीजेपी के दो मंत्रियों ने आरोपियों के पक्ष में रैलियां निकाली. दोनों मंत्रियों को काफी आलोचनाओं के बाद इस्तीफा देना पड़ा.

रातनीति में यह तय है की कुछ भी तय नहीं है. करीब तीन साल पहले राजनीतिक विचारधारा को दरकिनार कर सत्ता के लिए एकजुट हुई भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने कल एक-दूसरे से नाता तोड़ लिया. सूबे में राज्यपाल शासन लागू कर दिया गया है. …

Read More »

मंत्री अखिलेश्वरानंद ने शिवराज सरकार से की मांग, MP में बने ‘गौ मंत्रालय’

मंत्री अखिलेश्वरानंद ने शिवराज सरकार से की मांग, MP में बने 'गौ मंत्रालय'

गौ सेवा को लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) नेताओं की अलग-अलग मांगों के बीच अब मध्य प्रदेश सरकार के दर्जा प्राप्त कैबिनेट मंत्री अखिलेश्वरानंद ने कहा है कि सूबे में ‘गौ मंत्रालय’ बने. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री खुद भी किसान हैं और मेरे जैसे कई लोग उनकी मदद करेंगे. मुझे …

Read More »

क्या PDP से गठबंधन तोड़ने के पीछे छिपी है 2019 के चुनाव की रणनीति?

जम्मू-कश्मीर की महबूबा मुफ्ती सरकार गिराने के लिए बीजेपी ने यही समय क्यों चुना? सवा तीन साल से पीडीपी के साथ सरकार चला रही बीजेपी के सामने अचानक कौन सी मजबूरी आन पड़ी? जानकारों की मानें तो इसके पीछे 2019 के चुनाव की रणनीति छिपी है. फिलहाल जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन लागू कर दिया गया है. बीजोपी को था कोर वोट बैंक खो देने का खतरा! 2019 के लोकसभा चुनाव में अब साल भर से भी कम का वक्त बचा है और बीजेपी महबूबा को मनाते-मनाते अपना कोर वोट बैंक गंवा न दे, इसका खतरा लगातार बना हुआ था. कठुआ रेप कांड के बाद बीजेपी जम्मू के लोगों की नाराजगी झेल ही रही है. इसका संक्रमण चुनाव के पहले पूरे देश में फैलने न पाए, इसको लेकर बीजेपी के रणनीतिकार लगातार मंथन कर रहे थे. इसलिए बीजेपी के पास महबूबा सरकार से हाथ खींचने के अलावा कोई चारा नहीं था. बिगड़ती जा रही थी कानून व्यवस्था जम्मू-कश्मीर में पीडीपी-बीजेपी सरकार बनने के बाद कानून व्यवस्था सुधरने की बजाय लगातार बिगड़ती जा रही थी. इसका सबसे ताजा उदाहरण रमजान के दौरान सुरक्षाबलों के एकतरफा युद्धविराम के दौरान दिखा. महबूबा मुफ्ती की मांग पर केंद्र ने सुरक्षाबलों ने कश्मीर घाटी में सर्च ऑपरेशन औऱ संदिग्ध आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन रुकवा दिया, लेकिन आतंकी वारदातें नहीं रुकीं. रमजान में घटी नहीं बल्कि बढ़ीं आतंकी वारदातें रमजान महीने के पहले 16 अप्रैल से 15 मई तक 25 आतंकी हमले हुए. लेकिन रमजान के दौरान यानि 16 मई से 15 जून के दौरान ये तीन गुना बढ़कर 66 हो गईं. रमजान से पहले महीने में आतंकियों ने पांच ग्रेनेड अटैक किए, लेकिन रमजान के महीने में 22 ग्रेनेड अटैक हुए. रमजान से पहले पांच सुरक्षाकर्मी शहीद हुए, जबकि रमजान के दौरान सात सुरक्षाकर्मियों ने शहादत दी. 29 जून से शुरू हो रही है अमरनाथ यात्रा रमजान महीना तो भारी अशांति के बीच गुजर गया. अब 29 जून से अमरनाथ यात्रा शुरू होने वाली है. खुदा न खास्ता इस यात्रा के दौरान कोई अनहोनी हो गई तो बीजेपी को जवाब देना मुश्किल पड़ सकता था. पिछले साल अमरनाथ यात्रियों की बस पर आतंकी हमले में गुजरात के सात श्रद्धालुओं की मौत के बाद बीजेपी को अपने कैडर और देश को जवाब देने में लेने के देने पड़ गए थे. फिर सुनाई दे सकती है धारा 370 की गूंज महबूबा मुफ्ती सरकार से हटने के बाद बीजेपी 2019 के अपने एजेंडे पर ज्यादा फोकस कर सकेगी. सवा तीन साल से धारा 370 पर बीजेपी नेता मौन हो गए थे. अब 23 जून को श्यामाप्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि पर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह कश्मीर जा रहे हैं. जहां फिर धारा 370 की गूंज सुनाई दे सकती है, जो कम से कम अगले साल के आम चुनाव तक जाएगी. अब अपने मन मुताबिक काम करेगी केंद्र सरकार! कहा ये भी जा रहा है कि घाटी में राज्यपाल शासन लागू होने के बाद केंद्र सरकार अपने मन मुताबिक काम करेगी. आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन ऑल आउट रफ्तार पकड़ेगा तो अलगाववादी नेताओं पर भी कोई मुरव्वत नहीं होगी. पत्थरबाज़ों के लिए महबूबा के दिल में जो हमदर्दी थी, उस पर सुरक्षाबल अब खुलकर चोट करेंगे. इस एकतरफा और अचानक किए फैसले से बीजेपी की राष्ट्रवादी छवि पर फिर से शान भी चढ़ेगी. वहीं कठुआ गैंगरेप जैसे विवाद सामने आने के बाद बीजेपी की छवि खराब हुई थी. जम्मू के लोग पूरे मामले में सीबीआई जांच की मांग कर रहे थे, लेकिन महबूबा मुफ्ती ने इस मांग को ठुकरा दिया था, जिससे बीजेपी की राजनीतिक जमीन भी कमजोर हुई थी.

जम्मू-कश्मीर की महबूबा मुफ्ती सरकार गिराने के लिए बीजेपी ने यही समय क्यों चुना? सवा तीन साल से पीडीपी के साथ सरकार चला रही बीजेपी के सामने अचानक कौन सी मजबूरी आन पड़ी? जानकारों की मानें तो इसके पीछे 2019 के चुनाव की रणनीति छिपी है. फिलहाल जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल …

Read More »

राशिफल 20 जून: मेहनत का फल मिलेगा, लेन-देन से बचें

उधार लेनदेन न करें। संतान के अध्‍ययन की चिंता हो सकती है। व्‍यापार में कुछ नुकसान हो सकता है। निेवेश लाभदायक हो सकता है। नौकरी में अधिकारी आपके कार्य से संतुष्‍ट रहेंगे। TAURUS (20 अप्रैल – 20 मई): घर में आपसी सामंजस्‍य का वातावरण रहेगा। परिश्रम का पूरा लाभ मिलेगा। घनिष्‍ठ मित्र से झगड़ा हो सकता है। विद्यार्थी परिश्रम से सफलता अर्जित करेंगे। छोटी यात्रा हो सकती है। GEMINI (21 मई – 20 जून): उच्‍चाधिकारियों की मदद से कोई अटका काम पूरा होगा। कला व साहित्‍य में रुचि रहेगी। व्‍यवसाय के सिलसिले में यात्रा करना पड़ सकती है। अात्‍मविश्‍वास बढ़ेगा। CANCER (21 जून – 22 जुलाई): आपका प्रदर्शन व कार्यकुशलता बेहतरीन रहेगी। दूसरों की मदद के लिए आगे आएंगे। समाज में मान सम्‍मान बढ़ेगा। नया वाहन क्रय करने की योजना बनेगी। मन प्रसन्‍न रहेगा। LEO (23 जुलाई – 22 अगस्त): संतान की चिंता दूर होगी। परिश्रम से सफलता अर्जित करेंगे। विद्यार्थी प्रतियोगी परीक्षा के लिए कड़ी मेहनत करेंगे। व्‍यापार में परिवर्तन की संभावना है। नौकरी में स्थितियां मनोनुकूल रहेंगी। VIRGO (23 अगस्त– 22 सितंबर): उच्‍चा धिकारी आपके कार्य से संतुष्‍ट रहेंगे। स्‍वास्‍थ्‍य में उतार चढ़ाव हो सकता है। घर में किसी आयोजन की योजना बन सकती है। मित्रों के साथ आमोद प्रमोद में समय बीतेगा। LIBRA (23 सितंबर– 22 अक्टूबर): सरकारी कार्यों में परेशानी आ सकती है। पिता पुत्र में हल्‍के फुल्‍के वैचारिक मतभेद रहेंगे।आपके आकर्षक व्‍यक्तित्‍व का लाभ मिलेगा। भाइयों का सहयोग मिलेगा। SCORPIO (23 अक्टूबर – 21 नवंबर): धन संबंधी परेशानियां दूर होंगी। विद्यार्थियों को अध्‍ययन से संबंधित शुभ समाचार मिलेंगे। कामकाज में विस्‍तार होगा। घर में मेहमानों के आगमन से प्रसन्‍नता बढ़ेगी। SAGITTARIUS (22 नवंबर– 21 दिसंबर): जोश व उत्‍साह से भरे रहेंगे। राजनीति के क्षेत्र में रुझान बढ़ेगा। परिजन आपसे संतुष्‍ट रहेंगे। मित्रों की सलाह काम आएगी। सहयोगी आपसे प्रसन्‍न रहेंगे। नया वाहन क्रय कर सकते हैं। CAPRICORN (22 दिसंबर – 19 जनवरी): समाज की ग‍तिविधियों में आगे रहेंगे। व्‍यापार के कोई महत्‍वपूर्ण निर्णय लेना पड़ सकते हैं। आर्थिक स्थिति सुधरेगी। भूमि, भवन क्रय कर सकते हैं। कोई अशुभ समाचार मिल सकता है। AQUARIUS (20 जनवरी – 18 फरवरी): सरकारी अधिकारी सहयोग करेंगे। परिवार में खुशहाली रहेगी। पत्‍नी व बच्‍चों के साथ घूमने जा सकते हैं। माता पिता की सेवा सुश्रुषा का भाव रहेगा। निवेश से बचें। PISCES (19 फरवरी – 20 मार्च): परिवार के प्रति अपने कर्तव्‍य का ईमानदारी से पालन करेंगे। मित्रों के बीच आप सम्‍माननीय रहेंगे। राजनीति में सफलता मिलेगी। आय व्‍यय का संतुलन बनाकर चलें। अधिकारी प्रसन्‍न रहेंगे।

उधार लेनदेन न करें। संतान के अध्‍ययन की चिंता हो सकती है। व्‍यापार में कुछ नुकसान हो सकता है। निेवेश लाभदायक हो सकता है। नौकरी में अधिकारी आपके कार्य से संतुष्‍ट रहेंगे। TAURUS (20 अप्रैल – 20 मई): घर में आपसी सामंजस्‍य का वातावरण रहेगा। परिश्रम का पूरा लाभ मिलेगा। …

Read More »
E-Paper

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com